बोकारो स्टील प्लांट: वेतन विसंगति दूर नहीं होने से जूनियर अफसर नाराज, आंदोलन की बनी रणनीति

Jharkhand News: बीएसएल सहित सेल के लगभग 1800 जूनियर अफसरों की वेतन विसंगति का मामला अटक गया है. वेतन विसंगति कमेटी की अनुशंसा के मद्देनजर सभी संभावित विकल्पों को लेकर सेल प्रबंधन की ओर से उचित समाधान की तैयारी भी की गयी, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2022 5:18 PM

Jharkhand News: झारखंड के बोकारो स्टील प्लांट के 2008 व 2010 बैच के 300 से अधिक जूनियर अफसरों की वेतन विसंगति अब तक दूर नहीं हो पायी है. बीएसएल सहित सेल के लगभग 1800 जूनियर अफसरों की वेतन विसंगति का मामला अटक गया है. वेतन विसंगति कमेटी की अनुशंसा के मद्देनजर सभी संभावित विकल्पों को लेकर सेल प्रबंधन की ओर से उचित समाधान की तैयारी भी की गयी, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. वेतन विसंगति के मुद्दे पर सेफी व बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन-बोसा ने सेल प्रबंधन के साथ कई बार बैठक की. लगातार पत्र व्यवहार के माध्यम से प्रबंधन पर दबाव का प्रयास भी किया, लेकिन, कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला.

जूनियर अफसर इसलिए हैं नाराज

बोकारो स्टील प्लांट में 2008 और 2010 में कर्मचारी से अधिकारी वर्ग में पदोन्नत होकर 300 से अधिक जूनियर अफसर बने थे. इन जूनियर अफसरों को 2007 के वेतन समझौता में कर्मियों का एमजीबी 21 प्रतिशत हीं दिया गया. इस कारण वह अपने बैच में ज्वाइन करने वाले अन्य कर्मियों के 2012 में हुए वेतन समझौता के 2014 में लागू होने की वजह से वेतन में पिछड़ गये, जबकि 2007 में अधिकारियों के वेतन समझौता में 30 प्रतिशत एमजीबी दिया गया था. इस प्रकार 2008 व 2010 बैच के जूनियर अफसर, जो अभी मैनेजर या सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, वह प्रतिमाह 15,000 से 25,000 तक के वेतन लाभ से वंचित हो गये हैं.

Also Read: School Reopen: सीएम अंकल अब स्कूल खोल दीजिए, पोस्ट कार्ड से बच्चों ने सीएम हेमंत सोरेन से लगायी गुहार
प्रबंधन पर नहीं है गंभीर

2015 में अपने ही मातहत कर्मियों के साथ पे-अनामली का एक ऑप्शन भी दिया गया था. इसमें मिलने वाली पे-अनामली की राशि मूल वेतन से अलग थी, जिस कारण एनामली का समुचित लाभ इन प्रभावित को नहीं मिल पाया. लगातार दबाव के बाद प्रबंधन ने सितंबर-2021 में एक कमेटी का गठन किया था. प्रबंधन ने कमेटी को 10 दिनों के भीतर अनुशंसा रिपोर्ट देने को कहा था. प्राप्त जानकारी के अनुसार, कमेटी ने अनुशंसा रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन अब तक प्रबंधन की ओर से कोई पहल नहीं की गयी है. इससे अधिकारी आक्रोशित हैं. जूनियर अफसरों का कहना है कि प्रबंधन ही इस विषय को लेकर गंभीर नहीं है. नाराज अफसर अब फिर से आंदोलन की तैयारी में हैं.

मैनेजर और सीनियर मैनेजर के पदों पर 10-12 वर्षों से हैं कार्यरत

सेल प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उचित समाधान निकाल लिया जायेगा. 2008 व 2010 बैच के जूनियर अफसर लागातार आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं. बावजूद विभिन्न विभागों में मैनेजर और सीनियर मैनेजर के पदों पर 10 से 12 वर्षों से कार्य करते हुए बोकारो स्टील प्लांट सहित अन्य संयंत्र की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभा रहें हैं. इसके अलावा बीएसएल व सेल कंपनी के उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अब तक परिणाम को लेकर हाथ खाली होने की वजह से उनमें आक्रोश है. सेफी चेयरमैन व बोसा की ओर से सेल चेयरमैन से लेकर विभिन्न स्तर पर यह मुद्दा उठाया गया, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला है.

Also Read: धनबाद जज केस: जेल में बंद आरोपी लखन व राहुल से पूछताछ करेगी सीबीआई, अदालत से 3 दिनों की मिली अनुमति
1 फरवरी से चरणबद्ध आंदोलन

2008 व 2010 बैच के जूनियर अफसरों की वेतन विसंगति मामले को लेकर अब बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन-बोसा चुप नहीं बैठेगा. 01 फरवरी 22 से बोसा चरणबद्ध आंदोलन करेगा. विरोध-प्रदर्शन के लिये बीएसएल प्रबंधन को 29 जनवरी को नोटिस दिया जायेगा. बीएसएल-सेल प्रबंधन को वेतन विसंगति की समस्या दूर करने के लिये सार्थक पहल करना चाहिए. कारण, जूनियर अफसरों का आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. यह बीएसएल-सेल प्रबंधन के हित में नहीं है. ये बातें बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन-बोसा के अध्यक्ष एके सिंह ने शुक्रवार को कहीं. श्री सिंह ने कहा कि बोसा के बैनर तले जूनियर अफसरों की वेतन विसंगति मामले को लेकर 01-02 फरवरी को ब्लैक बैज लगाया जायेगा. 04 फरवरी से अधिकारी हर शुक्रवार व शनिवार को ऑफिसियल सीम को बंद रखेंगे. न्याय के लिये 15 फरवरी को जूनियर अफसर पैदल मार्च करेंगे. 22-23 फरवरी को वर्क-टू-रूल/सत्याग्रह करेंगे.

रिपोर्ट: सुनील तिवारी

Next Article

Exit mobile version