आंदोलन के मूड में बीएसएल के डिप्लोमा इंजीनियर्स, पढ़िए क्या हैं इनकी मांगें
बोकारो (सुनील तिवारी) : बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल की विभिन्न इकाइयों के 'डिप्लोमा इंजीनियर्स' पदनाम 'जूनियर इंजीनियर' की डिमांड को लेकर फिर सड़क पर उतरेंगे. बीएसएल में लगभग 1500 डिप्लोमा इंजीनियर्स हैं. इनमें 1200 नये व 300 पुराने हैं. सम्मानजनक पदनाम की मांग को लेकर डिप्लोमा इंजीनियर्स 05 नवंबर 2020 को गांधी चौक सेक्टर-04 पर धरना-प्रदर्शन देंगे. उसी दिन शाम में जुलूस निकाल कर प्रबंधन के खिलाफ काला गुब्बारा उड़ायेंगे.
बोकारो (सुनील तिवारी) : बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल की विभिन्न इकाइयों के ‘डिप्लोमा इंजीनियर्स’ पदनाम ‘जूनियर इंजीनियर’ की डिमांड को लेकर फिर सड़क पर उतरेंगे. बीएसएल में लगभग 1500 डिप्लोमा इंजीनियर्स हैं. इनमें 1200 नये व 300 पुराने हैं. सम्मानजनक पदनाम की मांग को लेकर डिप्लोमा इंजीनियर्स 05 नवंबर 2020 को गांधी चौक सेक्टर-04 पर धरना-प्रदर्शन देंगे. उसी दिन शाम में जुलूस निकाल कर प्रबंधन के खिलाफ काला गुब्बारा उड़ायेंगे.
बोकारो इस्पात डिप्लोमाधारी कामगार यूनियन के अध्यक्ष संदीप कुमार ने बुधवार को बताया : बीएसएल प्रबंधन को 02 नवंबर 2020 को आंदोलन से संबंधित सूचना पत्र दिया जायेगा. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये तैयारी जोर-शोर से चल रही है. उन्होंने कहा कि डिप्लोमा इंजीनियर्स पदनाम की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. अब फिर एक बार सड़क पर उतरने जा रहे हैं. प्रबंधन डिप्लोमा इंजीनियरों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है.
डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन ऑफ इस्पात ने बीएसएल सहित सेल की सभी यूनिटों में 05 नवंबर 2020 को सड़क पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया है. डिप्लोमा इंजीनियर्स कह रहे हैं कि चार साल पहले इस्पात मंत्रालय ने डिप्लोमा इंजीनियरों को जूनियर इंजीनियर पदनाम देने के लिए आदेश जारी किया था. आज तक यह लागू नहीं हो पाया है. प्रबंधन सिर्फ आश्वासन देता रहा है. सेल चेयरमैन ने एक बार नहीं कई बार घोषणा भी की है कि पदनाम जल्द मिलेगा.
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यूनियन का कहना है कि प्रबंधन अपने अधिकारियों के पदनाम को जूनियर मैनेजर से लेकर सीईओ तक परिवर्तित कर चुका है. यहां तक कि डॉक्टरों को भी पदनाम देने की प्रक्रिया अंतिम स्तर पर है. बीएसएल में भी 05 नवंबर को होने वाले आंदोलन की तैयारियां तेज हो गयी हैं. जूम मीटिंग के माध्यम से डिप्लोमा इंजीनियर के साथ चर्चा की जा रही है. यूनियन ने अन्य कर्मचारियों को अपने मान-सम्मान व स्वाभिमान के इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है.
बोकारो इस्पात डिप्लोमाधारी कामगार यूनियन के महामंत्री एम तिवारी ने कहा कि डिप्लोमा इंजीनियर्स किसी भी संस्थान की रीढ़ होते हैं, जिसका सेल प्रबंधन ने आज तक शोषण ही किया है. अब आगे ऐसा किसी भी शर्त पर बर्दाश्त नहीं कि जायेगा. यह लड़ाई प्रबंधन की गलत नीतियों से है. अब डिप्लोमा इंजीनियर सहित सेल के समस्त कर्मचारी प्रबंधन की भावना को समझ चुके हैं. वह किसी भी स्थिति में अपने सम्मान की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra