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Jharkhand News: बोकारो के तनय प्रताप बनें इनवैक्ट मेटावर्सिटी के सीईओ, कंपनी को लेकर ऐसी है उनकी योजना

बोकारो के तनय प्रताप इनवैक्ट मेटावर्सिटी के सीईओ बन गये हैं, उन्होंने ट्विटर इंडिया के पूर्व प्रमुख मनीष महेश्वरी के साथ अपना स्टार्टअप शुरू किया था. लीडरशिप टीम ने सर्वसम्मति से तनय प्रताप को चुना है

बोकारो : बोकारो के तनय प्रताप इनवैक्ट मेटावर्सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बन गये हैं. ट्विटर इंडिया के पूर्व प्रमुख मनीष माहेश्वरी के बाहर निकलने के बाद बोकारो के तनय प्रताप की इन्वैक्ट मेटावर्सिटी ने अपनी दूसरी पारी शुरू की है. सूत्रों के मुताबिक मनीष माहेश्वरी ने 29 अप्रैल को लीडरशिप टीम से पूछा था कि ऐसे मामले में जहां सिर्फ एक को-फाउंडर कंपनी के साथ रह सकता है. वह किसे रोकना चाहेंगे?

नेतृत्व ने सर्वसम्मति से मतदान किया कि सह-संस्थापक तनय प्रताप को इनवैक्ट मेटावर्सिटी का नेतृत्व करना चाहिए. हालांकि, बाद में माहेश्वरी ने वोट को वीटो कर दिया और विवाद और खिंच गया. अंतत: मनीष माहेश्वरी ने मई में कंपनी छोड़ दिया और तनय प्रताप ने कंपनी की बागडोर संभाल ली.

अब तनय प्रताप नये उत्साह व उमंग के साथ कंपनी को ऊंचाईयों तक ले जाने के लिये प्रयासरत हैं. तनय प्रताप बोकारो के वरिष्ठ पत्रकार धनंजय प्रताप व शिक्षिका कनकलता राय के पुत्र हैं. तनय की उपलब्धि पर बोकारो गौरवान्वित महसूस कर रहा है. इनवैक्ट मेटावर्सिटी अपने संस्थापक मनीष माहेश्वरी के बाहर निकलने के बाद अपनी दूसरी पारी शुरू करने के लिए तैयार हैं.

इनवैक्ट मेटावर्सिटी की शुरूआत इसी वर्ष फरवरी में हुई थी़. 2021 में 31 वर्षीय तनय प्रताप ने माइक्रोसॉफ्ट में अपनी नौकरी छोड़ दी और ट्विटर इंडिया के पूर्व प्रमुख मनीष माहेश्वरी के साथ इनवैक्ट मेटावर्सिटी की स्थापना की. संस्थापकों के बीच मतभेद के कारण कंपनी में व्यवधान पैदा हुआ. मनीष माहेश्वरी ने मई में कंपनी छोड़ दी.

कॉलेज परिसरों में वेबिनार, पॉडकास्ट और फिजिकल कार्यक्रम

इनवैक्ट मेटावर्सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) तनय प्रताप ने बताया : हम नए डोमेन जैसे, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, फिनटेक और बिजनेस एनालिटिक्स में पाठ्यक्रम शुरू करेंगे. यह अगले छह से आठ सप्ताह की अवधि में शुरू की जायेगी. पहले कोर्स की अवधि लगभग 45 दिनों की होगी.

कंपनी की योजना कॉलेज परिसरों में वेबिनार, पॉडकास्ट और फिजिकल कार्यक्रमों की मेजबानी करने की है. उद्देश्य शिक्षार्थियों को इन्वैक्ट 2.0 के बारे में जागरूक करना है. मौजूदा कार्यक्रमों को बंद नहीं किया जायेगा. इसके स्थान पर मौजूदा पाठ्यक्रमों के पाठ्यक्रम को विषय और उद्योग की आवश्यकताओं के आधार पर पुनर्गठित किया जायेगा. स्टार्टअप अगले आठ हफ्तों में पाठ्यक्रम को फिर से शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है.

अगले 18 से 24 महीनों के लिए कंपनी चलाने के लिए पर्याप्त धन

श्री तनय ने बताया : कंपनी अगले दौर के फंड जुटाने की जल्दी में नहीं है. अगले तीन से छह महीनों में प्रक्रिया शुरू करने पर विचार होगा. हमारे पास अगले 18 से 24 महीनों के लिए कंपनी चलाने के लिए पर्याप्त धन है. फरवरी में कंपनी ने अरकम वेंचर्स और अन्य निवेशकों से 5 मिलियन डॉलर जुटाये.

इससे इन्वैक्ट मेटावर्सिटी का मूल्य 33 मिलियन डॉलर हो गया. आठ साल का शिक्षण अनुभव प्राप्त तनय प्रताप ने बताया : संस्थापकों के बीच मतभेद के कारण कंपनी में व्यवधान पैदा हुआ. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उनके नेतृत्व में प्लेटफॉर्म शिक्षा-संचालित प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित होता रहेगा, न कि बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस (एसएएएस) मॉडल के रूप में.

जो कुछ हुआ, वह बीत चुका है. वह इन्वैक्ट 1.0 था. अब हम कुछ प्रमुख संशोधनों के साथ इन्वैक्ट 2.0 का निर्माण कर रहे है. प्लेटफ़ॉर्म को और भी बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

– तनय प्रताप, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)-इनवैक्ट मेटावर्सिटी

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