बोकारो थर्मल का सरकारी राजकीय बुनियादी विद्यालय (बेसिक स्कूल) प्रतिनियुक्त हेडमास्टर सहित एक शिक्षक के भरोसे विगत् कई वर्षों से चलाया जा रहा है. शिक्षकों की घोर कमी के कारण एक ओर जहां स्कूल के वर्तमान विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल में नये विद्यार्थी नामांकन कराने से परहेज करते हैं.
साल 1951 में हुई थी स्कूल की स्थापना
स्थानीय राजकीय बुनियादी विद्यालय की स्थापना डीवीसी के बोकारो थर्मल स्थित एशिया के प्रथम पावर प्लांट की स्थापना के पहले वर्ष 1951 में की गयी थी जबकि ए पावर प्लांट का देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू ने 21 फरवरी 1953 को उद्घाटन किया था. 80 से 90 के दशक तक स्थानीय राजकीय बुनियादी विद्यालय में बोकारो थर्मल के अलावा जारंगडीह, कथारा, करगली, गोमिया,आइइएल, कुरपनिया संडे बाजार, जरीडीह बाजार आदि से सैकड़ों छात्र एवं छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते थे. स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या पांच से सात सौ के लगभग हुआ करती थी.
स्कूल में है केवल दो शिक्षक
स्कूल में शिक्षकों की संख्या भी दस से ज्यादा थे. कालातंर में स्कूल में एक ओर जहां शिक्षकों की कमी होती गयी, वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों की संख्या भी लगातार घटती चली गयी. वर्तमान में स्कूल में केजी से वर्ग आठवीं तक की पढ़ाई होती है, परंतु विद्यार्थियों की संख्या मात्र 133 है. गोमिया प्रखंड के चुट्टे उमवि की शिक्षिका कृष्णा कुमारी को प्रतिनियुक्ति पर एचएम बनाकर एक वर्ष पूर्व भेजा गया है. एचएम के अलावा स्कूल में एक सहायक शिक्षिका (पारा) मीना कुमारी हैं.
शिक्षकों की वजह से तीन क्लास के बच्चे एक साथ करते हैं पढ़ाई
एचएम कृष्णा कुमारी का कहना है कि केजी से वर्ग पांच के छात्र एवं छात्राओं को एक ही वर्ग में एक साथ तथा वर्ग छह से आठ तक के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जाता है. एचएम का कहना है कि उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है. स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर बार-बार पत्राचार किया गया है. बावजूद शिक्षकों की कमी को दूर नहीं किया जा सका है. एचएम का कहना है कि स्कूल में शिक्षकों की कमी को दूर कर दिया जाए तो बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी भी हो जायेगी.
रिपोर्ट : संजय मिश्रा, बोकारो थर्मल