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बोकारो भी 22 को प्राण प्रतिष्ठा के दिन होगा राममय, आस्था का प्रमुख केंद्र है सेक्टर 01 स्थित श्रीराम मंदिर

बोकारो स्टील सिटी के केंद्र में सेक्टर एक स्थित श्रीराम मंदिर भगवान राम को समर्पित एक पवित्र मंदिर है, जो भक्तों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करता है. श्रीराम मंदिर अपने शांत वातावरण और धार्मिक महत्व के साथ क्षेत्र में आध्यात्मिक अनुभव चाहने वाले पर्यटकों के लिए एक केंद्र बिंदु बन गया है.

सुनील तिवारी, बोकारो– भारत के इतिहास में 22 जनवरी 2024 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा. ये पल सभी के लिए बहुत ही खास व ऐतिहासिक होने वाला है. सभी रामभक्त इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे. श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में 70 एकड़ भूमि पर बने भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी होनी है. इसको लेकर अयोध्या के अलावा पूरे देश में हर्ष का माहौल है. इस दिन इस्पात नगरी बोकारो भी राममय होगी. बोकारो सहित आसपास के क्षेत्र के लिए आस्था व श्रद्धा का केंद्र श्रीराम मंदिर-सेक्टर 01 में इस दिन सुबह से लेकर शाम तक धार्मिक अनुष्ठान होंगे. भगवान श्रीराम का अभिषेक होगा. सामूहिक सुंदरकांड पाठ व हनुमान चालीसा से श्रीराम मंदिर गूंजेगा. मंदिर प्रबंधन कमेटी इस दिन को खास व ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में जुटा है. श्रद्धालु भी तैयारी में जुटे हैं.

श्रीराम मंदिर भगवान राम को समर्पित एक पवित्र मंदिर

बोकारो स्टील सिटी के केंद्र में सेक्टर एक स्थित श्रीराम मंदिर भगवान राम को समर्पित एक पवित्र मंदिर है, जो भक्तों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करता है. श्रीराम मंदिर अपने शांत वातावरण और धार्मिक महत्व के साथ क्षेत्र में आध्यात्मिक अनुभव चाहने वाले पर्यटकों के लिए एक केंद्र बिंदु बन गया है. झारखंड के अन्य पर्यटक आकर्षणों के निकट होने के कारण यह मंदिर पूरे वर्ष आकर्षित करता है. मंदिर की मनमोहक वास्तुकला और जटिल डिजाइन भी इसके आकर्षण को बढ़ाते हैं. यह मंदिर पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला को आधुनिक स्पर्श के साथ प्रदर्शित करता है, जो बोकारो स्टील सिटी के भीतर संस्कृति और प्रगतिशीलता के मिश्रण को दर्शाता है. समय के साथ मंदिर न केवल एक पूजा स्थल रहा है, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

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विभिन्न तरह के धार्मिक आयोजनों के साथ जन्मपत्री, शादी-विवाह

बोकारो में स्टील सिटी बसने के बाद हिंदु धर्मावलंबियों के स्थापित धार्मिक स्थलों में सेक्टर एक स्थित ‘श्रीराम मंदिर’ ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. वर्तमान में यह मंदिर शहरवासियों की श्रद्धा, भक्ति व परमेश्वर की अनुपम शक्ति के रूप में आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है. लगभग 1.6 एकड़ भू-भाग में फैले इस मंदिर की स्थापना इस्पात कारखाना बनने के दिनों में अर्थात वर्ष 1967-68 में हुई है. मंदिर की स्थापना में स्व परमानंद त्रिपाठी की महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिसके कारण मंदिर के मुख्य द्वार का नामकरण इन्हीं के नाम पर किया गया है. मुख्य गेट से प्रवेश करते ही बायीं ओर उनकी प्रतिमा भी स्थापित की गयी है. इस मंदिर में विभिन्न तरह के धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ जन्मपत्री बनाने, विवाह के उद्देश्य से लड़का-लड़की देखने व दिखाने तथा शादी संपन्न कराने का काम भी होता है.

शनिवार व मंगलवार को श्रीराम भक्तों व श्रद्धालुओं की रहती है विशेष भीड़

मंदिर के मुख्य द्वार के पास ही भगवान बालाजी का आकर्षक मंदिर है, जिसकी स्थापना वर्ष 1992 में हुई है. मंदिर में भगवान बालाजी समेत उनकी पत्नी पद्मावती, गरूड़राज तथा द्वारपाल जय व विजय की प्रतिमाएं स्थापित है. इस मंदिर में स्थापित सभी प्रतिमाएं अभय त्रिपाठी की प्रेरणा से तिरुपति देव स्थानम न्यास द्वारा प्रदान की गई है. शनिवार को कुमुमाभिषेकम, पुष्पाभिषेकम द्वारा मंदिर में विशेष पूजन होता है. दिसंबर माह में कल्याणम अभिषेकम यानी बालाजी का विवाह होता है. यहां प्रत्येक दिन सैकड़ो श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं. शनिवार तथा मंगलवार को तो भक्तों श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रहती है. राम मंदिर परिसर में रामनवमी, दुर्गा पूजा, श्रावणी सोमवारी, आदि काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इन विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं को कथा प्रवचन का अमृत पान करने का मौका भी मिलता है.

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भगवान जगन्नाथ के लिए मौसी घर के रूप में परिणत हो जाता है श्रीराम मंदिर

रथ यात्रा के साथ भी यह मंदिर जुड़ा हुआ है. सेक्टर 04 स्थित नवनिर्मित भगवान जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली रथ यात्रा के बाद श्रीराम मंदिर भगवान जगन्नाथ के लिए मौसी घर के रूप में परिणत हो जाता है. यहां भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा तथा भगवान बलभद्र आठ दिनों तक विश्राम करते हैं. इस मंदिर परिसर में दो सुसज्जित सभागार भी हैं, जहां आयोजित होने वाले प्रवचनों को हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुनते हैं. पूजा पाठ व हवन कार्यक्रम के लिए यहां यज्ञशाला तथा साधु महात्माओं के ठहरने के लिए ऋषि आश्रम भी बना हुआ है. यहां स्वामी करपात्री जी स्मृति पुस्तकालय भी है, जहां चारों वेद, 18 पुराण, उपनिषद समेत अन्य धार्मिक व साहित्यिक पुस्तक उपलब्ध हैं. श्रीराम मंदिर नगर वासियों के अलावा बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों के आकर्षण का केंद्र है. मंदिर दोपहर 12 से शाम 4:00 बजे के बीच बंद रहता है.

हनुमान मंदिर की दीवार पर रामायण की चौपाई व चालीसा अंकित

नाम के अनुरूप मुख्य मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित है. माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु, श्री राम-जानकी समेत लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न तथा हनुमान की आकर्षक प्रतिमाएं भी स्थापित है. भगवान श्रीराम के मुख्य मंदिर की परिक्रमा में पहला मंदिर भगवान श्रीकृष्ण, शिव परिवार व भगवान सूर्य व अंत में महाकाली का मंदिर है. शिव परिवार एवं भगवान सूर्य मंदिर के बीचो-बीच सीढ़ी चढ़ने के बाद मां दुर्गे का भव्य मंदिर है, जिसमें माता दुर्गा की प्रतिमा के साथ-साथ सरस्वती, महालक्ष्मी, गणेश व कार्तिक की आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित है. माता दुर्गा के भव्य मंदिर की स्थापना यहां वर्ष 1999 में की गयी व इसकी सभी प्रतिमाएं बनारस से यहां लाकर स्थापित की गई. यहां राम भक्त हनुमान का भी मंदिर है, जिसमें हनुमान की विशाल प्रतिमा स्थापित कर दीवाल पर रामायण की चौपाई तथा हनुमान चालीसा अंकित किया गया है.

श्री श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर जोधाडीह मोड़ में होगा अष्टजाम व सुंदरकांड का पाठ

चास. श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर श्री श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर जोधाडीह मोड़ में 21 जनवरी से चौबीस घंटा का अखंड अष्टजाम और सुंदरकांड का पाठ आयोजन होगा. 22 जनवरी को शाम को दीपोत्सव के साथ रात्रि में भजन कार्यक्रम में सभी राम भक्त झूमेंगे. पूरा मंदिर परिसर रोशनी से जगमग दिखेगा. श्रद्धालुओं के प्रसाद वितरण किया जायेगा. आयोजन को सफल बनाने में अरविंद राय, टपू सिंह, कुमार अनिल, बिजय ठाकुर, मुरली ठाकुर, मंतोष ठाकुर, संतोष ठाकुर, सच्चिदानंद राय, अमित सिंह, मुकेश राय व मंदिर समिति के सभी सदस्य लगे हुए हैं.

श्री श्री सार्वजनिक हनुमान मंदिर पुपुनकी में लगेगा छप्पन भोग

चास. श्री श्री सार्वजनिक हनुमान मंदिर पुपुनकी मे राम लला के लिए छप्पन भोग लगाया जायेगा साथ ही श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद खीर वितरण किया जायेगा. 22 जनवरी की शाम को स्थानीय कलाकार भजन कीर्तन के साथ धार्मिक प्रवचन प्रस्तुत करेंगे. आयोजन को सफल बनाने में सोमनाथ शेखर मिश्रा, बैधनाथ गोप, कल्पू गोप, कृष्ण चंद्र तुरी, हरलाल गोप, राजेश गोप आदि जुटे हुए हैं.

बजरंबली मंदिर महावीर चौक में बनेगा 101 किलो दूध का खीर

चास. महावीर चौक चास स्थित प्रसिद्ध व पुराना बजरंबली मंदिर परिसर में आयोजक समिति की ओर से 22 को 101 किलो दूध का महाप्रसाद खीर बनाया जायेगा. सुबह विधिवत पूजा अर्चना के साथ अखंड कीर्तन का आयोजन होगा. सैकड़ों श्रद्धालु सामूहिक रूप से दीपोत्सव में भाग लेंगे. कार्यक्रम को सफल बनाने में बंकू बिहारी सिंह, चित्तो मोदक, जगन्नाथ बाउरी, पतित पावन सिंह, नेपाल प्रमाणिक, विश्वनाथ मोदक, प्रेम जायसवाल, मनोज जायसवाल आदि लगे हुए हैं. चास पुराना बाजार हरि मंदिर परिसर में भी भजन कीर्तन के साथ प्रसाद वितरण किया जायेगा.

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