बोकारो : घर में घुस कर दो बदमाशों ने अकेली महिला को मारा, ढाई लाख रुपये की संपत्ति लूटी

शनिवार शाम सिटी थाना अंतर्गत सेक्टर 2 B आवास संख्या 2 -184 में दो अज्ञात बदमाश बॉउंड्री फांद कर अंदर घुसे. घर में अकेली महिला को मारा और जब वह बेहोश हो गयी तो आलमारी में रखे नकदी और जेवरात लेकर चलते बने.

By Prabhat Khabar News Desk | December 17, 2023 4:54 AM
an image

शनिवार शाम सिटी थाना अंतर्गत सेक्टर 2 B आवास संख्या 2 -184 में दो अज्ञात बदमाश बॉउंड्री फांद कर अंदर घुसे. घर में अकेली महिला को मारा और जब वह बेहोश हो गयी तो आलमारी में रखे नकदी और जेवरात लेकर चलते बने. करीब ढाई लाख रुपये के जेवर और नकदी की लूट हुई है. पीड़ित महिला सखा देवी (55) के पति बिनोद प्रसाद बोकारो जनरल अस्पताल से नवंबर में रिटायर हुए है. घटना की सूचना पाकर पुलिस पीड़िता के घर पहुंची और अनुसंधान शुरू कर दिया है. घटना को लेकर मुहल्ले के लोग भी काफी सहमे हुए है. बिनोद प्रसाद ने बताया कि घटना शाम करीब 6 बजे की है जब उनकी पत्नी घर में अकेली थी और वे मंदिर गए थे. लौट के घर आने पर उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो काफी देर बाद खुला. उनकी पत्नी बदहवाश अवस्था में मिली. बताया कि घर में दो बदमाश घुसे और नकद-जेवर लूट कर भाग गये. पीड़िता सखा देवी ने बताया कि वह मुख्य दरवाजा बंद कर के पीछे आंगन में बैठी थी, तभी अचानक दो युवक बाउंड्री फांद कर अंदर घुसे और तीन-चार थप्पड़ मार दिये. जिससे वह बेसुध होकर गिर गयी. उसके बाद बदमाशों ने घर में घुसकर अलमारी में रखे कारण 10000 नकद, एक अंगूठी, एक सोने की सिकड़ी, एक कान की बाली इत्यादि सामान ले गये.

उपभोक्ता फोरम ने सेंट्रल ऑफ बैंक ऑफ इंडिया के विरुद्ध सुनाया फैसला

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग बोकारो ने 30 मई 2022 को दर्ज एक मामले में सेक्टर-4 स्थिति सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के विरुद्ध फैसला सुनाया है. आयोग ने बैंक को ग्राहक सेक्टर-9बी आवास संख्या राज कुमार पांडेय काे 1.5 लाख रुपए 60 दिनों के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया है. ऐसा नहीं करने पर शिकायतकर्ता ग्राहक को 30 मई 2022 से उक्त राशि का 10 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज देने का निर्देश दिया है. उक्त फैसला आयोग के अध्यक्ष जय प्रकाश नारायण पांडे व वरिष्ठ सदस्य भवानी प्रसाद लाल दास ने सभी साक्ष्यों व गवाहों को सुनने के बाद सुनवाई करते हुए दिया है. बताया जाता है कि शिकायतकर्ता उक्त बैंक में एक आरडी खाता चला रहे थे. इसमें वह प्रत्येक माह 5250 रुपये जमा कर रहे थे, जिसकी 10 साल अवधि थी. इसकी परिपक्वता राशि 10,50,390 रुपये ग्राहक राजकुमार को मिलनी थी. इस बीच उन्होंने अपने आरडी खाता की बदौलत 3 लाख रुपए लोन लिया और समय पर चुका भी दिया. इसके बाद ग्राहक ने लोन खाता बंद करने को कहा, लेकिन बैंक की ओर से ग्राहक की सहमति के बिना उसका आरडी खाता बंद कर दिया गया. इसकी जानकारी होने पर ग्राहक ने इसकी शिकायत की. मैच्यूरिटी पूरी होने पर पूर्ण राशि की मांग की, लेकिन बैंक ने सभी कटौती करने के बाद मात्र 1,20,750 रुपए ही ग्राहक को भुगतान किया. जबकि उन्होंने 1.5 लाख रुपए का दावा किया. काफी शिकायत के बाद भी बैंक की ओर से सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने आयोग में इसकी शिकायत की.

Also Read: बोकारो : बीएसएल-सेल में 29-30 जनवरी को हड़ताल की घोषणा

Exit mobile version