कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को मूल्य वर्धित उत्पादों में बदलने के लिए बोकारो स्टील प्लांट और राम चरण प्राइवेट लिमिटेड के बीच कार्बन एकत्र करने और उसे उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए बुधवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीरेंद्र कुमार तिवारी के नेतृत्व में मुख्य महाप्रबंधक (अनुरक्षण) पीके बैसाखिया व कौशिक ए पालीचा-एमडी, मेसर्स आरसीपीएल ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया. राम चरण प्राइवेट लिमिटेड (आरसीपीएल) व बोकारो स्टील प्लांट ने शुरू में सीओ टू गैस को मूल्य वर्धित उत्पादों में बदलने के लिए एक टीपीडी की पायलट स्केल मॉड्यूलर इकाई लगाने पर चर्चा करने के लिए पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की है. इसके बाद इसे 25 टीपीडी से 5000 टीपीडी तक बढ़ाया जायेगा.
बीएसएल सहित सेल की अन्य इकाइयों में होगा निवेश
बीएसएल के बाद राउरकेला इकाई के साथ एमओयू होगा. बुधवार को रामचरण की टीम समझौता के लिए बोकारो स्टील प्लांट पहुंची. जानकारी के अनुसार, यह सेल का अगले तीन वर्षों में बड़ा डी-कार्बोनाइजेशन कार्यक्रम होगा, जिसमें बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल की अन्य इकाइयों में भारी निवेश होगा.
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के पूर्ण प्रबंधन के लिए समझौता
राम चरण कंपनी की अत्याधुनिक तकनीक से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को मूल्य वर्धित उत्पादों और ईंधन में बदला जा सकेगा. इसका ट्रायल भिलाई स्टील प्लांट में हो चुका है. सेल ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के पूर्ण प्रबंधन के लिए यह समझौता किया है. सेल-बीएसएल सी ओ टू उत्सर्जन को कम करने के लिए अग्रसर है.
कार्बन-तटस्थ लक्ष्यों को प्राप्त करने में मिलेगी मदद
बीएसएल व आरसीपीएल के बीच समझौता के तहत बिना कोई अवशेष छोड़े इस्पात संयंत्रों के लिए मूल्यवर्धित उत्पादों व ईंधन में परिवर्तित किया जायेगा. इससे सेल-बीएसएल के कार्बन-तटस्थ लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी. शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिये सेल-बीएसएल ने यह पहल की है. हस्ताक्षर के समय संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक व महा प्रबंधक (इसीएस) एनपी श्रीवास्तव उपस्थित थे.
भिलाई, दुर्गापुर व बर्नपुर हो चुका है अलग-अलग एमओयू
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने अपनी इकाइयों के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन प्रबंधन के लिए चेन्नई स्थित राम चरण कंपनी के साथ समझौता किया है. इसके अंतर्गत भिलाई, दुर्गापुर व बर्नपुर के संयंत्रों से रामचरण का अलग-अलग एमओयू हो चूका है.
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