बोकारो. दुर्गा पूजा के मौके पर बीएसएल-सेल कर्मियों को मिलने वाले बोनस को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. शुरुआत बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) ने की है. बीएकेएस ने कर्मियों को एक लाख 87 हजार 352 रुपये बोनस देने की मांग की है. इसको लेकर बीएकेएस ने सेल निदेशक कार्मिक को पत्र लिखा है. यूनियन ने प्रति टन क्रूड स्टील उत्पादन के आधार पर बोनस तय करने की मांग की है. वर्तमान बोनस फॉर्मूले को रद्द करने की मांग करते हुए यूनियन ने बोनस फॉर्मूला का प्रस्ताव भी दिया है. बीएकेएस ने कहा है कि आठ फरवरी 2023 को गैर निर्वाचित यूनियन नेताओं को लेकर गठित सब कमेटी में एएसपीएलआइएस (बोनस) को लेकर तथाकथित समझौता हुआ था. उपरोक्त समझौते में एनजेसीएस संविधान की पूर्णतः अवहेलना की गयी है. एनजेसीएस संविधान के अनुसार सभी मुद्दों पर अंतिम निर्णय आम सहमति के आधार पर होना है. लेकिन, सेल प्रबंधन की ओर से आम सहमति के बदले पांच में से तीन यूनियन प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से बोनस लागू कर दिया गया. एक तरफ यूनियन नेताओं के समूह द्वारा दिखावटी समझौता किया गया, तो दूसरी तरफ एनजेसीएस संविधान का खुला उल्लंघन हुआ.
सेल सिर्फ अधिकारी वर्ग के लिए ग्रेट प्लेस टू वर्क : दिलीप कुमार
यूनियन ने कहा कि एनजेसीएस समझौते पर दो-दो पूर्व के इस्पात मंत्री ने संसद में लिखित उत्तर दिया है कि एनजेसीएस में समझौता कंसेंसस के आधार पर होता है. फिर भी प्रबंधन की ओर से एनजेसीएस में गैर निर्वाचित नेताओं के सहयोग से एनजेसीएस संविधान का खुला उल्लंघन किया गया है. बीएकेएस बोकारो के महासचिव दिलीप कुमार ने मंगलवार को कहा कि सेल सिर्फ अधिकारी वर्ग के लिए ग्रेट प्लेस टू वर्क है. एनजेसीएस नेताओं के सहयोग से कर्मचारियों के लिए एक्सप्लाएटेशन प्लेस टू वर्क बनाया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है