बीएसएल : जमीन पर अतिक्रमण और पानी-बिजली की चोरी की, तो होगी एफआईआर, नगर प्रशासन को केस करने का मिला अधिकार
सेल के बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने अतिक्रमण, आवासों पर कब्जा व बिजली-पानी चोरी को टाउनशिप से खत्म करने के लिए नगर प्रशासन विभाग को और मजबूती प्रदान कर दी है.
बीएसएल की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले, पानी-बिजली की चोरी करने वाले व क्वार्टर-प्लॉट पर कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं है. ऐसा करने वालों के खिलाफ बीएसएल प्रबंधन अब एफआइआर करेगा. इससे संबंधित आदेश बीएसएल प्रबंधन ने निकाल दिया है. प्रबंधन के आदेश के बाद से अतिक्रमणकारियों व पानी-बिजली की चोरी करने वालों के साथ-साथ क्वार्टर-प्लाॅट पर कब्जा करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि अब कार्रवाई सही होगी. अतिक्रमण सहित पानी-बिजली की चोरी व अन्य पर अंकुश लगेगा.
बोकारो स्टील ऑफिसर एसोसिएशन ने आर्डर को बताया ‘ऐतिहासिक’
सेल के बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने अतिक्रमण, आवासों पर कब्जा व बिजली-पानी चोरी को टाउनशिप से खत्म करने के लिए नगर प्रशासन विभाग को और मजबूती प्रदान कर दी है. बीएसएल ने नगर प्रशासन के सीजीएम को पांच विभागों के जेनेरल मैनेजर या एचओडी के अनुशंसा पर जमीन, प्लॉट, आवास, पानी और बिजली के संबंधित किसी भी मामले में एफआइआर करने का अधिकार दे दिया है. बोकारो स्टील प्लांट के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने उक्त आर्डर की पुष्टि की है. बोकारो स्टील ऑफिसर एसोसिएशन-बोसा अध्यक्ष एके सिंह ने इस आर्डर को ‘ऐतिहासिक’” बताते हुए स्वागत किया है.
अब से केस का सारा खर्च बीएसएल प्रबंधन वहन करेगा
यहां उल्लेखनीय है कि बीएसएल के अधिकारी पहले एफआइआर करने से बचते थे. कारण, अधिकतर केस में उनको खर्च खुद वहन करना पड़ता था. अब से केस का सारा खर्च बीएसएल प्रबंधन वहन करेगा. साथ ही शिकायतकर्ता को गार्ड देकर सुरक्षा भी मुहैया करायेगा. एक पूरा लीगल पैनल उसके सहयोग में खड़ा रहेगा. जिला प्रशासन से सहयोग नहीं मिलने पर भी बीएसएल अब अपनी जमीन या आवास को कब्जे से मुक्त करने के लिए अभियान चलायेगा और किसी भी तरह का विरोध होने पर सीधे एफआइआर करेगा. प्रबंधन के नये आदेश से अधिकारियों को कार्रवाई करने में बल मिलेगा. उनका मनोबल भी बढ़ेगा.
एफआईआर को लेकर प्रबंधन का निकाला गया ऑफिस आर्डर
कंपनी का लीगल विभाग का एक पैनल बीएसएल द्वारा किये गये केस को कोर्ट में मजबूती से रखेगा, सिक्योरिटी विभाग एफआइआर अपडेट पर नजर रखेगा, समय-समय पर प्रबंधन को सूचित करेगा, सिक्योरिटी विभाग की जिम्मेवारी बढ़ी, एफआइआर दर्ज करने से लेकर कोर्ट में हर डेट पर सिक्योरिटी, किसी भी घटना या विरोध के तुरंत बाद एफआइआर दर्ज होगा, यह निर्णय भी बीएसएल प्रबंधन लेगा कि किस विभाग के किस अधिकारी या कर्मचारी को थाने जाकर एफआइआर दर्ज करना है, नामित अधिकारी या व्यक्ति द्वारा एफआइआर लिखने का काम बीएसएल के लीगल पैनल के सहयोग से किया जायेगा, जिस भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा एफआइआर किया जायेगा, उसको सिक्योरिटी विभाग थाना में शिकायत रजिस्टर कराने से लेकर कोर्ट के हर डेट में सुरक्षा मुहैया करायेगा, प्रबंधन द्वारा नामित अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी एफआइआर करने से कतराता है, तो उसको कदाचार मानते हुए-सीडीए नियम 1977 के खंड 5.5 और 5.6 और उसके संशोधनों और/या प्रासंगिक सेवा नियमों के अर्थ में-उसपर सख्त कार्रवाई होगी. किसी भी शिकायत को वापस लेने की क्षमता सिर्फ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-पीएंडए के पास होगी, सीजीएम को उनको अनुशंसा करनी होगी.
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