बीएसएल. ब्राउनफिल्ड स्टील प्लांट के तहत 07 मिलियन टन प्रति वर्ष होगी उत्पादन क्षमता
क्रूड स्टील उत्पादन 7.61 मिलियन टन प्रति वर्ष हो जाएगी
सुनील तिवारी, बोकारो.
बोकारो स्टील भारत में विश्व स्तरीय फ्लैट स्टील के लिए वन-स्टॉप-शॉप बनने की दिशा में अग्रसर है. भारत सरकार की राष्ट्रीय इस्पात नीति के अनुरूप सेल और बोकारो स्टील प्लांट अपनी विस्तारीकरण के अगले चरण के लिए तैयार है. ब्राउनफ़ील्ड विस्तारीकरण के प्रथम चरण के पूरा हो जाने पर प्लांट की हॉट मेटल उत्पादन क्षमता 7.54 मिलियन टन प्रति वर्ष व क्रूड स्टील उत्पादन 7.61 मिलियन टन प्रति वर्ष हो जायेगी. इसके बाद अगले दो चरणों में अतिरिक्त 10 मिलियन टन की ग्रीन फील्ड विस्तारीकरण की योजनाओं पर भी कार्य किया जायेगा.अप्रैल 2023 में सीइटी ने सौंपी थी ब्राउनफील्ड विस्तार के लिए प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट :
09 अगस्त 2024 को सेल निवेशक मीटिंग में लाये गये प्रमुख तथ्यों में बोकारो में ब्राउनफिल्ड स्टील प्लांट के तहत 07 मिलियन टन उत्पादन क्षमता करना शामिल है. उल्लेखनीय है अप्रैल 2023 में सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीइटी) ने बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के ब्राउनफील्ड विस्तार के लिए प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएल के ब्लास्ट फर्नेस की क्षमता बढ़ाने के साथ गर्म धातु (हॉट मेटल) उत्पादन क्षमता को बढ़ा कर वर्तमान स्तर से लगभग ढाई मिलियन टन करने का प्रस्ताव है. ब्राउनफ़ील्ड एक्सपेंशन प्रोजेक्ट है.देश में सबसे बड़े स्टील उत्पादकों की श्रेणी में लाने की कवायद :
बीएसएल के ब्राउनफ़ील्ड एक्सपेंशन प्रोजेक्ट में प्लांट के बाउंड्री के अंदर मौजूदा सुविधाओं और संसाधन का विस्तार किया जायेगा. जानकारी के अनुसार, इस विस्तार के बाद बीएसएल पूरे देश में सबसे बड़े स्टील उत्पादकों की श्रेणी में एक होगा. इससे बीएसएल की विभिन्न सुविधाओं के उन्नयन से उनकी क्षमताओं में वृद्धि होगी. सीइटी ने बीएसएल और उसके संचालन की वर्तमान स्थिति के गहन विश्लेषण के आधार पर रिपोर्ट को डिजाइन और विकसित किया है. ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना बीएसएल के लिए महत्वपूर्ण कदम है. इससे बीएसएल की साख बढ़ेगी.भविष्य के विकास व सफलता को लेकर अच्छी स्थिति में है बीएसएल :
सीइटी की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएल भविष्य के विकास और सफलता को लेकर अच्छी स्थिति में है. ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें मौजूदा सुविधाओं का आकलन, सुधार के संभावित क्षेत्रों की पहचान, तकनीकी और वित्तीय व्यवहार्यता का मूल्यांकन और परियोजना लागत और समय सीमा का अनुमान शामिल है. इसमें हॉट मेटल के लिए कच्चे माल के उत्पादन में शामिल विभिन्न सुविधाओं का उन्नयन शामिल है. इसमें कोक ओवन, लोहा बनाने व इस्पात बनाने की सुविधाओं सहित कई क्षेत्र शामिल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है