20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बीएसएल : 50% महंगाई भत्ता के लिए करना होगा इंतजार, तब होगी ग्रेच्युटी में वृद्धि

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ यूनियन ने इंडेक्स गणना को बदलने के लिये लिखा पत्र

बोकारो. बोकारो इस्पात संयंत्र सहित सार्वजनिक क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अभी बढ़ाकर मात्र 44.3% हुआ है, जबकि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50% से अधिक हो चुका है. इसका मुख्य कारण ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का औद्योगिक कर्मियों को लेकर महंगाई भत्ते की गणना करीब 44 साल पुरानी होने को बताया जा रहा है.

महंगाई भत्ते के गणना के फाॅर्मूले को फिर से निर्धारित करने की जरूरत

कर्मचारियों का कहना है कि अब व्यक्तियों की आवश्यकता व खर्चे में काफी परिवर्तन आ चुका है. ऐसे में महंगाई भत्ते के गणना के फार्मूले को फिर से निर्धारित करने की जरूरत है. यदि महंगाई भत्ते की गणना का वास्तविक आकलन किया जाय तो यह 50% से अधिक हो सकती है, जिसके कारण ग्रेच्युटी में हो रहे पांच लाख रुपए का नुकसान से कर्मियों को बचाया जा सकता है.

बीएकेएस बोकारो ने सोशल मीडिया पर उठाया मामला

यहां उल्लेखनीय है कि 2017 के वेतन समझौते में महंगाई भत्ता 50% होने की स्थिति में ग्रेच्युटी 25% बढ़ाने की अनुशंसा है. बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ यूनियन ने इस मामले को सोशल मीडिया पर जोर-शोर से उठा रखा है. श्रम मंत्रालय और अन्य संबंधित विभाग को पत्र लिखने की भी तैयारी कर रहा है. यूनियन का कहना है कि 1980 व 2024 की भौगोलिक स्थिति में काफी अंतर आ चुका है.

अब औद्योगिक इकाइयां रिमोट एरिया में नहीं आती

यूनियन का कहना है कि अब औद्योगिक इकाइयां रिमोट एरिया में न होकर शहर के क्षेत्र के दायरे में आ चुकी है. ऐसे में क्षेत्र के कर्मियों की जरूरत बढ़ी है और खर्च भी अन्य शहरी नागरिकों की समकक्ष हो चुका है. खदान को छोड़कर इस्पात कर्मचारी शहरी क्षेत्र में ही निवास कर रहे हैं. इसलिए उनके महंगाई भक्तों का पुनर्निर्धारण आवश्यक हो गया है. ऐसा नहीं होने से कर्मियों को नुकसान हो रहा है. बीएकेएस मुताबिक आल इंडिया प्राइस इंडेक्स की गणना का फार्मूला 1980 में तैयार हुआ था. तब कर्मचारियों की मूल आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान थी. तब स्कूली खर्च और कोचिंग सहित होटल व एफएमसीजी सौंदर्य उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल, इंटरनेट, प्राइवेट हॉस्पिटल आदि का खर्चा गणना के आधार नहीं थे. आज यह सब यह सब लग्जरी ना होकर जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं.

कर्मचारियों को हर महीने ₹2000 तक का नुकसान

महंगाई भत्ते को निर्धारित करने वाले फार्मूले में इनका उल्लेख जरूरी है. ऐसा न करने से कर्मचारियों को हर महीने ₹2000 तक का नुकसान हो रहा है और सेवानिवृत्ति पर पांच लाख तक हो रहा है. वर्ष 2017 को हुए वेतन समझौते में ग्रेच्यूटी गणना के सर्कुलर में प्रावधान दिया गया है कि यदि महंगाई भत्ता 50% हो जाता है, ऐसे में टैक्स रहित भविष्य निधि 25 लाख रुपये हो जायेगी.

अधिकारी ने कहा

खुद केंद्रीय श्रम मंत्री संसद में स्वीकार कर चुके है कि 1980 के बाद एआईसीपीएन फॉमूर्ला को संशोधित नहीं किया गया है. अब कर्मचारियो के खर्च की प्रवृति में काफी बदलाव आ गया है. इसलिए एआइसीपीएन फॉमूर्ला में बदलाव अवश्य होनी चाहिए.

बीके मिश्रा, कोषाध्यक्ष, बीएकेएस बोकारो

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें