Bokaro News: बीएसएल-सेल प्रबंधन ने भले ही बोनस की राशि सीधे कर्मियों के खाते में भेज दी है. लेकिन, बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल में बोनस का विवाद तूल पकड़ने लगा है. एनजेसीएस के साथ-साथ नन एनजेसीएस यूनियनों ने भी बीएसएल-सेल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बोनस, एरियर सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा एनजेसीएस के घटक यूनियनों इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस व बीएमएस ने बीएसएल-सेल के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. सात अक्तूबर को दिन के एक बजे प्लांट गोलचक्कर पर प्रदर्शन किया जायेगा.
सेल के सभी खदान समेत अन्य इकाइयों में एक साथ होगा आंदोलन :
मोर्चा की ओर से 14-15 अक्तूबर को धरना दिया जायेगा. नवंबर में दो दिन की हड़ताल होगी. तारीख जल्द ही घोषित होगी. त्योहार की वजह से तारीख घोषित नहीं की गयी है. सेल के बीएसएल, भिलाई, बर्नपुर, दुर्गापुर, राउरकेला, सभी खदान समेत अन्य इकाइयों में एक साथ प्रदर्शन होगा.आंदोलन की सफलता में जुटे हैं एनजेसीएस के घटक यूनियनों के नेता :
ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा एनजेसीएस के घटक यूनियनों के नेता आंदोलन की सफलता में जुटे हैं. इनमें इंटक के बीएन चौबे व बीएन उपाध्याय, एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह व सत्येंद्र कुमार, एचएमएस के राजेंद्र सिंह, बीएमएस के विनोद कुमार व आरके मिश्रा, सीटू के केएन सिंह व आरके गोराईं शामिल हैं.शनिवार को कर्मियों के खाते में डाल दी बोनस की राशि :
बोनस को लेकर सेल-एनजेसीएस बैठक एक अक्तूबर को नयी दिल्ली में हुई. बैठक बेनतीजा खत्म हो गयी. सेल प्रबंधन की तरफ से 26 हजार रुपये का प्रस्ताव दिया गया, जबकि यूनियन की तरफ से 52 हजार रुपये की मांग की गयी. उसके बाद प्रबंधन ने शनिवार की देर रात कर्मियों के खाते में बोनस भेज दिया.बीएकेएस ने 19 अक्तूबर को बीएसएल में हड़ताल का दिया है नोटिस :
सेल प्रबंधन पर हठधर्मिता व पांचों एनजेसीएस को कोई महत्व नहीं देने का आरोप लगाते हुए बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ-बीएकेएस बोकारो ने 19 अक्तूबर को हड़ताल की नोटिस दी है. बीएकेएस बोकारो के अध्यक्ष हरिओम ने कहा कि यह हड़ताल आज तक हुई सभी हड़तालों में ऐतिहासिक होगी.दो अक्तूबर को बनी चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा :
एक अक्टूबर को दिल्ली में बोनस की बैठक थी. यूनियनों का कहना है कि प्रबंधन ने बैठक में मनमानी करते हुए जो स्थिति निर्मित किया, उसके खिलाफ दो अक्तूबर को पांच राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों ने बैठक कर चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है. कहा कि अब आरपार की लड़ाई होगी.प्रबंधन के निर्णय के खिलाफ है यूनियन व कर्मियों में गुस्सा :
यूनियन नेताओं ने कहा : वेतन समझौता से लेकर रात्रि पाली भत्ते, ग्रेच्युटी सीलिंग, बोनस फार्मूले, बोनस की बैठक तक हर जगह प्रबंधन एकतरफा निर्णय ले रहा है. साथ ही कहीं-ना-कहीं यह जताने की कोशिश कर रहा है कि वह प्रबंधन नहीं, बल्कि सेल के मालिक हैं. इससे कर्मियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अफॉर्डेबिलिटी क्लाउज का हवाला देकर 39 महीने का एरियर का पैसा रोक दिया गया है. हाउस रेंट अलाउंस का मुद्दा अभी भी लंबित है. इन सबके बीच 1970 में त्रिपक्षी वार्ता समिति में लिये गये असीमित ग्रेच्युटी के निर्णय को एकतरफा सीलिंग कर दिया गया है और बहुत से मुद्दे अभी भी लंबित हैं.30 जून 2021 जैसे बड़े हड़ताल की जरूरत :
कर्मियों का कहना है : देश के अंदर जितने भी सार्वजनिक उद्योग हैं, उसमें सेल एक ऐसा सार्वजनिक उद्योग है, जहां प्रबंधन इस तरह की मनमानी और अड़ियल रवैया पर उतर आया है. इसके खिलाफ 30 जून 2021 जैसी बड़ी हड़ताली कार्यवाही करना जरूरी है. संयुक्त यूनियन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.40,500 के ऊपर बातचीत शुरू करें :
एक अक्तूबर को एनजेसीएस यूनियनों ने फॉर्मूले को लेकर स्पष्ट कह दिया था कि सभी यूनियनों ने पहले ही इस फार्मूले को खारिज कर दिया है. इसलिए उस फार्मूले पर आधारित किसी भी राशि पर चर्चा करने के लिए यूनियन तैयार नहीं है. प्रबंधन उस फार्मूले को खारिज करे. 40500 के ऊपर बातचीत शुरू करे.प्रबंधन के रवैये से कर्मियों में आक्रोश:
बैठक में यूनियन के नेताओं ने कहा : इस बोनस को निर्धारित करने के बाद फॉर्मूले पर फिर से चर्चा करेंगे. लेकिन, प्रबंधन अड़ियल रवैया पर ही कायम रहा. बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गयी. प्रबंधन ने कर्मियों के खाते में पैसा भेज दिया. इसके खिलाफ यूनियन व कर्मियों का गुस्सा भड़क गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है