मांगों को लेकर बीएसएल कर्मियों ने किया प्रदर्शन, 14 नवंबर को प्लांट गोलंबर पर होगा हल्ला बोल
40,500 से ज्यादा बोनस सहित 10 सूत्री मांग को लेकर मंगलवार को बीएसएल के कर्मी व ठेका मजदूर सड़क पर उतरे. ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले मजदूर बीएसएल गेटपास सेक्शन पर जुटे व प्रदर्शन किया.
बोकारो : 40,500 से ज्यादा बोनस सहित 10 सूत्री मांग को लेकर मंगलवार को बीएसएल के कर्मी व ठेका मजदूर सड़क पर उतरे. ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले मजदूर बीएसएल गेटपास सेक्शन पर जुटे व प्रदर्शन किया. प्रबंधन को चेतावनी देते हुए यूनियन नेताओं ने कहा कि समय रहते बोनस सहित 10 सूत्री मांग पर सकारात्मक पहल नहीं की गयी तो 14 नवंबर को प्लांट गोलंबर पर हल्ला बोल होगा. प्रदर्शन में मुख्य रूप से इंटक के बीरेंद्र नाथ चौबे व बीएन उपाध्याय, एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह व सतेंद्र कुमार, सीटू के बीडी प्रसाद और क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ-एचएमएस के राजेंद्र सिंह व अरुण कुमार शामिल हुए. प्रदर्शन से बीएमएस ने खुद को पहले हींअलग कर दिया था. प्रदर्शन के बाद पास सेक्शन पर आम सभा हुई, अध्यक्षता इंटक के बीरेंद्र नाथ चौबे ने की. वक्ताओं ने कहा : जब भी मजदूरों को बोनस देने की बात आती है तो सेल प्रबंधन नये-नये हथकंडे अपनाती है, ताकि कम से कम पैसा मजदूरों को मिल सके. सेल प्रबंधन बिल्कुल ही संवेदनहीन हो चुका है. सेल के इतिहास में यह पहली बार ऐसा हुआ है कि इस्पात मजदूरों के वेज रिवीजन पर मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग बने हुए दो साल गुजर गये, लेकिन अभी तक एग्रीमेंट नहीं हो सका, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. साथ ही साथ नाइट शिफ्ट एलाउंस के साथ दूसरे अलाउंस पर फैसला अभी तक नहीं हो सका है. प्रबंधन एकतरफा फैसला कर ग्रेच्युटी पर सीलिंग लगती है.पूरी तरह तानाशाही हुकूमत चलाना चाहती है. सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है के उत्पादन व उत्पादकता में बराबर के हकदार ठेका मजदूर जिनका वेज रिवीजन, गेट पास की सुरक्षा अन्य सुविधाओं पर फैसला नहीं करना चाहती.
अधिकारियों पर लाखों रुपये खर्च, मजदूरों के समय घाटा का रोना
10 सूत्री मांग पत्र में 40500 से ज्यादा बोनस का भुगतान, 39 माह का एरियर का भुगतान, पर्क्स एरिअर का भुगतान अप्रैल 2020 से, नाइट शिफ्ट एलाउंस, मकान भाड़ा भत्ता आदि में बढ़ोतरी, ठेका मजदूरों का वेज रिवीजन के साथ-साथ जॉब सिक्योरिटी व अन्य सुविधा, आरआईएनएल के मजदूरों को भी वेज रिवीजन का भुगतान व पे स्केल को लागू, ग्रेच्युटी पर से सीलिंग समाप्त, वेतन समझौता आंदोलन में भागीदारी के कारण बोकारो स्टील प्लांट से बाहर ट्रांसफर किये गये मजदूरों को वापस, हाउस पर्क्विजिट पर 50% इनकम टैक्स रिबेट मजदूरों को भी, जब तक मांगों पर विचार कर पूरा नहीं तब तक आरएफआईडी गेट पास सिस्टम मंजूर नहीं आदि शामिल है. यूनियन नेताओं ने कहा : अधिकारियों को देने के लिए पीआर के नाम पर खुली छूट है. लाखों रुपया खर्च करने में किसी तरह का बोझ नहीं आता है, जबकि मजदूरों को देने के समय घाटा का रोना रोया जाता है.
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