बीएसएल : कर्मियों को मिलेगा समय पर वेतन… वेंडर के लिये बन रही रणनीति

सुनील तिवारी, बोकारो : लॉकडाउन के दौरान बीएसएल सहित सेल की सभी इकाइयों में उत्पादन घटाकर आधा किये जाने व तैयार प्रॉडक्ट की बिक्री नहीं होने से कंपनी की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गयी है. स्थिति से निपटने के लिए प्रत्येक प्लांट में जमा स्क्रैप को बेचने के साथ हीं गैर जरूरी खर्चों पर अंकुश लगाने […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2020 3:32 AM

सुनील तिवारी, बोकारो : लॉकडाउन के दौरान बीएसएल सहित सेल की सभी इकाइयों में उत्पादन घटाकर आधा किये जाने व तैयार प्रॉडक्ट की बिक्री नहीं होने से कंपनी की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गयी है. स्थिति से निपटने के लिए प्रत्येक प्लांट में जमा स्क्रैप को बेचने के साथ हीं गैर जरूरी खर्चों पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू हो गयी है. मंगलवार को सेल के डायरेक्टर फाइनेंस अमित सेन ने चेयरमैन सहित सभी डायरेक्टर्स व सीइओ को पत्र भेजकर कंपनी की आर्थिक स्थिति से अवगत कराया. सेल के डायरेक्टर फाइनेंस अमित सेन की ओर से जारी रिपोर्ट में कई बातों का खुलासा किया गया है. साथ ही कई सुझाव भी दिये गये हैं. इसके तहत तत्काल कुछ एक्शन लेने की बात कही गयी है, ताकि वित्तीय स्थिति संभल सके. कोरोना संकट की घड़ी में बीएसएल-सेल का तनाव बढ़ता जा रहा है.

लॉकडाउन में बंद है बोकारो स्टील प्लांट की कई यूनिट : कोरोना के मद्देनजर बोकारो इस्पात प्रबंधन ने बोकारो स्टील प्लांट की कई यूनिट बंद रखा है. कोल्ड रोलिंग मिल 01 व 02 बंद है. ब्लास्ट फर्नेश नंबर-तीन भी बंद है. सीआरएम थ्री से पूर्व की अपेक्षा कम उत्पादन हो रहा है. हॉट स्ट्रिप मिल से अब साढ़े सात हजार टन हॉट मेटल व 200 कॉयल का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है, जो सामान्य दिनों की तुलना में आधे से भी कम है. कोक ओवन से उत्पादन कम किया गया है. प्लांट में आधे मजदूर व अधिकारी हीं ड्यूटी कर रहे हैं. प्लांट में कच्चे माल की आपूर्ति भी कम हो गयी है. उत्पादित प्रोडक्ट की डिमांड बाजार में नहीं है. उत्पादित माल का डिस्पैच भी नहीं हो रहा है. ऐसी स्थिति में बीएसएल ने उत्पादन की स्थिति बेहतर होने तक कम रखने का निर्णय लिया है.

देश में स्टील मार्केट का हाल बेहाल है. कैश कलेक्शन रूका हुआ है. सेल के विभिन्न यार्डों में 20 लाख टन तैयार उत्पाद डंप : डायरेक्टर फाइनेंस का कहना है : कैश ही सेल की लाइफलाइन है. इसलिए सभी इकाइयों से सहयोग मांगा जा रहा है. कहा है : सेल के कार्मिकों का वेतन भुगतान बड़ी मुश्किल से किया जायेगा. इसके लिए इंतजाम किया गया है, ताकि किसी तरह की दिक्कत न होने पाये. समुचित फंड जारी किया जायेगा. लेकिन, वेंडर के पेमेंट को चिंता की बात जाहिर की गयी है. इसके लिए फंड की कमी तय है.

वेंडर पेमेंट के लिए थोड़ा-सा ही फंड जारी किया जायेगा. फंड के लिये सभी इकाइयों में स्क्रैप की बिक्री या अन्य स्रोतों का अपनाया जायेगा. इस तरह से प्लांट स्तर पर पैसा जुटाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल वेंडर के पेमेंट के लिए किया जायेगा. सेल के विभिन्न यार्डों में 20 लाख टन तैयार उत्पाद डंप है. वहीं, आठ लाख टन उत्पादन विभिन्न इकाइयों में निर्माणाधीन स्थिति में है.

डायरेक्टर फाइनेंस के प्रमुख सुझाव- बड़े प्रोजेक्ट के टेंडर का रिव्यू कर निरस्त करें और नये सिरे से टेंडर बुलायें.- विभिन्न इकाइयों में वर्षों से जमा स्क्रैप बेचा जाये, ताकि वेंडरों को भुगतान किया जा सके.- गैर जरूरी खर्चों पर रोक लगायी जाये, गैर जरूरी टेंडर भी निरस्त किया जाये. – मार्केट के डिमांड मुताबिक ही उत्पाद बनाया जाये.

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