बोकारो में रोज दो करोड़ का होता है कारोबार, सुविधा के नाम पर शौचालय व पानी तक नहीं
कारोबारियों के लिए पानी, शौचालय व सुरक्षा तक की सुविधा नहीं है. हैरत तो यह कि यहां की समस्याओं को लेकर बाजार समिति प्रशासन कभी भी चिंतित नहीं दिखा. नतीजतन, समिति परिसर में कारोबार करनेवाले व्यवसायी, मोटिया मजदूर, ट्रक चालक, खलासी के अलावा बाहर से आनेवाले खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
Bokaro News: चास कृषि बाजार समिति में प्रत्येक दिन लगभग दो करोड़ रुपये का कारोबार होता है, लेकिन कारोबारियों के लिए पानी, शौचालय व सुरक्षा तक की सुविधा नहीं है. हैरत तो यह कि यहां की समस्याओं को लेकर बाजार समिति प्रशासन कभी भी चिंतित नहीं दिखा. नतीजतन, समिति परिसर में कारोबार करनेवाले व्यवसायी, मोटिया मजदूर, ट्रक चालक, खलासी के अलावा बाहर से आनेवाले खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बड़ी बात यह है कि समिति परिसर में अप्रैल 2017 से व्यवसायियों को बैंक सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस कारण भी लेन-देन में दिक्कत होती है.
जानकारी के मुताबिक चास कृषि बाजार समिति परिसर में एसबीआई शाखा का संचालन किया जाता था. कारोबार करने वाले अधिकांश व्यवसायी इसी बैंक से लेन-देन करते थे. वर्ष 2017 में शाखा का स्थानांतरण बाजार समिति परिसर से करीब एक किलोमीटर दूर स्वामी सहजानंद कॉलेज के पास कर दिया गया. इस कारण कारोबारियों को वहां जाना पड़ता है. बैंक की दूरी मात्र एक किमी होने के बावजूद व्यवसायी वहां तक जाने में असुरक्षित महसूस करते हैं. व्यवसायी बीते पांच साल से समिति परिसर में किसी भी बैंक की शाखा खोलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक बात नहीं बनी. इसके अलावा बाजार समिति के मेन गेट की स्थिति दयनीय है. रात में कभी भी बंद नहीं होता है. इस कारण भी असुरक्षा का भय बना रहता है.
बाजार समिति में चल रही हैं 120 दुकानें
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में समिति परिसर में 120 दुकानों का संचालन किया जा रहा है. इनमें अधिकांश थोक विक्रेता है. चास-बोकारो के अधिकांश किराना खुदरा विक्रेता यहीं से सामान लेते हैं. दुकानों के एवज में समिति को प्रत्येक माह भाड़ा के रूप में 4,10,275 रुपये राज्सव मिलता हैं. दुकान के अलावा गोदाम से भी भाड़ा मिलता है. इसके बाद भी सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. स्थिति यह है कि शाम होते ही परिसर में अंधेरा पसर जाता है. कभी-कभार एक-दो दुकानों के बाहर बल्ब जलता है. यहां की सड़क भी जर्जर है. वहीं, रात के समय कोई भी सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं है.
बैंक खोलने का किया जा रहा है प्रयास
कृषि बाजार समिति के अधिकारी तपन प्रकाश सिंह ने बताया कि समिति परिसर में बैंक को लाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि व्यवसायियों को सुविधा मिल सके. इसके अलावे अन्य बुनियादी समस्याओं को दूर करने के लिए विभाग से शीघ्र बजट आवंटित करने के लिए पत्राचार किया जायेगा. बाजार समिति व्यापारियों को हर सुविधा देने के लिए वचनबद्ध है.
क्या कहते हैं व्यवसायी
बाजार समिति परिसर में बैंक की सुविधा नहीं होने से यहां के व्यवसायी असुरक्षित महसूस करते हैं. जबकि मार्केटिंग बोर्ड के नियमानुसार परिसर में बैंक की सुविधा होनी चाहिए. इस सुविधा को बहाल करने की दिशा में अभी तक बाजार समिति विफल साबित हो रही है. समिति परिसर में सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है. खासकर नाइट गार्ड नहीं है. इस कारण व्यवसायियों को हमेशा चोरी होने का डर सताते रहता है. अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी है. प्रशासन को लगातार संज्ञान में देने के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाती है.
रिपोर्ट : राजू नंदन, चास