Bokaro News : युद्ध की चर्चा होते ही चमक उठती हैं कैप्टन आरसी यादव की आंखें

Bokaro News : 1962 की भारत-चीन लड़ाई के साथ 1965 व 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में रहे थे शामिल

By Prabhat Khabar News Desk | January 15, 2025 1:23 AM

Bokaro News : सुनील तिवारी, बोकारो. कैप्टन साहब ! कल यानी 15 जनवरी को सेना दिवस है. आपको याद है…हां-हां, बिल्कुल याद है. इस दिन को कैसे भूल सकता हूं. 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर से कार्यभार ग्रहण करते हुए भारतीय सेना के पहले भारतीय प्रमुख बने थे. हर साल 15 जनवरी को भारत अपने बहादुर भारतीय सेना दिवस का जश्न बड़े गर्व और कृतज्ञता के साथ मनाता है. बात हो रही है 89 वर्षीय कैप्टन आरसी यादव की, जो 1962 की भारत-चीन लड़ाई के साथ-साथ 1965 व 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में शामिल रहे हैं. सेना दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को प्रभात खबर ने कैप्टन आरसी यादव से बातचीत की. कैप्टन यादव की आंखें सेना दिवस के साथ युद्ध की चर्चा होते ही चमक उठी. यहां उल्लेखनीय है कि कैप्टन यादव बोकारो पब्लिक स्कूल-सेक्टर तीन के निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.

सैन्य परेड और समारोहों के साथ आज मनेगा सेना दिवस :

कैप्टन यादव ने बताया : 15 जनवरी के दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम करियप्पा (केएम. करियप्पा) के सेना की कमान संभालने का प्रतीक है, जिन्होंने 1949 में अंग्रेजों से कमान संभाली थी. भारतीय सेना दिवस, जिसे सेना दिवस परेड के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय सेना की बहादुरी, निस्वार्थता और बलिदान का सम्मान करने के लिए हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है. 2025 में 77वां भारतीय सेना दिवस इस ऐतिहासिक अवसर को बुधवार को पूरा देश भव्य समारोहों, सैन्य परेड और समारोहों के साथ मनायेगा. कैप्टन यादव ने कहा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा है. सेना को नयी टेक्नोलॉजी के लेटेस्ट हथियार उपलब्ध कराये जा रहे हैं, जो आज के समय में बहुत जरूरी है.

भारतीय सेना दुश्मनों को औकात बताने में सक्षम :

कैप्टन यादव ने कहा : तब और अब में बहुत फर्क आया है. अब हम सिर्फ युद्ध का जवाब ही नहीं देते, बल्कि दुश्मनों को घर में घुसकर मारते हैं. पूर्व सैनिकों की देश भक्ति और समर्पण ने ही आज के सेना की नींव रखी है. जब-जब भी जरूरत पड़ी है, तब-तब सैनिकों ने वीरता और शौर्य का परिचय दिया है. कहा : अगर आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र सुरक्षित है, तो यह भारतीय सेना के कारण ही संभव है. आज सेना के पास अकूत ताकत है. भारत की थल, जल व वायु सेना की बहादुरी के चर्चें हर जुबां पर है. सेना दिवस पर हम अपने सैन्य कर्मियों के असाधारण साहस, अटूट प्रतिबद्धता और बलिदान का सम्मान करते हैं.

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