राकेश वर्मा, बेरमो :
सीसीएल बीएंडके एरिया की कारो ओसीपी कोल इंडिया के मेगा प्रोजेक्ट में शुमार है. डेढ़ साल के अंतराल में यहां चार पीओ बदले गये हैं. पांच माह पहले 18 मार्च 2024 को यहां के पीओ बनाये गये शंभू नाथ झा का स्थानांतरण तीन दिन पूर्व कर दिया गया है. इसके पूर्व श्री झा बीएंडके एरिया में ही सेफ्टी ऑफिसर तथा स्टाफ ऑफिसर (पीएंडपी) के पद पर कार्यरत रहे. उनसे पहले कारो के पीओ के रूप में मनोज कुमार सिंह ने 27 अक्टूबर 2023 को पदभार ग्रहण किया था. उन्हें भी मात्र पांच माह के अंदर कुजू एरिया में स्टाफ ऑफिसर बना कर भेज दिया गया था. इससे पहले सत्येंद्र कुमार तथा केडी प्रसाद पीओ थे. यूनियन नेताओं का कहना है कि कारो ओसीपी जैसे ही उत्पादन-उत्पादकता के मामले में कुछ पटरी पर आती दिखती है, यहां के पीओ का स्थानांतरण हो जाता है. कारो ओसीपी सीसीएल अधिकारियों के लिए मात्र ट्रेनिंग सेंटर बन कर रह गयी है. प्रबंधकीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसके झा के पीओ बनने के बाद शिफ्टिंग समस्या से जूझ रही कारो परियोजना में धीरे-धीरे घरों को खाली कराना शुरू किया गया. पांच माह के अंतराल में दस घर खाली कराये गये. इसके बाद परियोजना को कोयला उत्पादन की जगह मिली. चालू वित्तीय वर्ष के एक अप्रैल से लेकर अभी तक कारो परियोजना ने 7.60 लाख टन कोयला का उत्पादन कर लिया है. अभी करीब नौ लाख टन कोल एक्सपोज है. इसी दरम्यान कारो ओसीपी को स्टेज दो का भी क्लीयरेंस वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार से मिल गया है. फिलहाल वन विभाग से हैंड ओवर-टेक ओवर की प्रक्रिया चल रही है. स्टेज दो का क्लीयरेंस मिलने के बाद यहां से करीब 60 मिलियन टन कोयला कोल इंडिया को मिलेगा.परियोजना विस्तार के बाद होगा भविष्य उज्ज्वल :
कारो परियोजना के विस्तार की राह में फिलहाल शिफ्टिंग बड़ी समस्या है. परियोजना के विस्तार के बाद उत्पादन-उत्पादकता के मामले में परियोजना का भविष्य उज्ज्वल हो जायेगा. कारो बस्ती काे शिफ्ट किया जाना है. आठ अगस्त 2023 को कोयला मंत्रालय ने कारो बस्ती के लिए नये पुनर्वास स्थल को एप्रुवल दिया था. नया पुनर्वास स्थल 12,897 एकड़ कोल बियरिंग लैंड है. आर आर साइट को दो लेकेशन में एक स्लरी पौंड करगली वाशरी के 7,847 एकड़ तथा दूसरा डीआरएंडआरडी के घुटियाटांड़ साइट के 5,050 एकड़ में कारो बस्ती के ग्रामीणों को बसाना है. नये आर आर साइट में 191 परिवारों को फिलहाल शिफ्ट किया जाना है. साथ ही यहां तालाब, मंदिर आदि का निर्माण लगभग छह करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है.नये पीओ के लिए होगी चुनौती :
उत्पादन-उत्पादकता के मामले में दो साल से संकट से जूझ रही कारो ओसीपी को पटरी पर लाना नये पीओ के समक्ष चुनौती भरा कार्य होगा. बीएंडके एरिया के लिए फिलहाल एकेके परियोजना उत्पादन-उत्पादकता के मामले में तारणहार साबित हो रही है. पिछले कई साल से कारो का सालाना उत्पादन ग्राफ गिरा है. ऐसे में नये पीओ के लिए राह आसान नहीं होगी.सुधीर सिन्हा कारो व एनके सिंह बने बोकारो के नये पीओ
सीसीएल के सात माइनिंग अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की गयी है. इस संबंध में सीसीएल के उप प्रबंधक (का-अधि. स्था.) विल्फ्रेड माणिक लकड़ा द्वारा 23 अगस्त को आदेश निकाला गया है. बीएंडके एरिया अंतर्गत कारो ओसीपी के पीओ शंभूनाथ झा को बीएंडके एरिया ऑफिस भेजा गया है. सीसीएल मुख्यालय के ऑपरेशन डिपार्टमेंट के सुधीर कुमार सिन्हा को कारो का नया पीओ बनाया गया है. बीएंडके एरिया की बोकारो कोलियरी के पीओ अरविंद कुमार शर्मा का स्थानांतरण बरका-सयाल एरिया ऑफिस किया गया है. सीसीएल मुख्यालय के ऑपरेशन डिपार्टमेंट के एनके सिंह को बोकारो कोलियरी का नया पीओ बनाया गया है. आम्रपाली के पीओ प्रणव कुमार सिन्हा को सीसीएल मुख्यालय में ऑपरेशन डिपार्टमेंट, मगध के मैनेजर मो अकरम को आम्रपाली का नया पीओ तथा आम्रपाली ओसी के चीफ मैनेजर माइनिंग राकेश कुमार को मगध का मैनेजर बनाया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है