Bokaro News : 64 साल में सीसीएल बीएंडके एरिया ने देखे 34 जीएम

Bokaro News : सीसीएल बीएंडके एरिया ने 64 साल में 34 जीएम देखे हैं. नये जीएम चितरंजन कुमार बनाये गये हैं. इससे पहले रामाकृष्णा जीएम थे. उनका अचानक स्थानांतरण हो गया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2024 11:11 PM

राकेश वर्मा, बेरमो : सीसीएल बीएंडके एरिया ने 64 साल में 34 जीएम देखे हैं. नये जीएम चितरंजन कुमार बनाये गये हैं. इससे पहले रामाकृष्णा जीएम थे. उनका अचानक स्थानांतरण हो गया. वह करीब एक साल यहां जीएम के पद पर रहे. पहले जीएम एससी डे थे, जिन्होंने बतौर सीएमइ जून 1960 में पदभार ग्रहण किया था. वह नवंबर 62 तक यहां रहे. नवंबर 1962 से जुलाई 66 तक केएसआर चारी, जुलाई 1966 से दिसंबर 1967 तक सी बलराम, जून 1968 से सितंबर 69 तक एस ज्ञानेश्वरण, सितंबर 1969 से नवंबर 72 तक एन चंद्रा, नवंबर 1972 से जुलाई 78 तक यूके राजा राव, जुलाई 1978 से मई 79 तक एलएन ओहरी, मई 1979 से नवंबर 81 तक जेपी गुप्ता, नवंबर 1981 से जनवरी 82 तक एसएम डीडी, जनवरी 1982 से मई 86 तक आरएस सिंह, मई 1986 से नवंबर 87 तक जेके पारीख, नवंबर 1987 से जून 89 तक एसके मुखर्जी, जून 1989 से मई 92 तक बाबा स्वामी अकला, मई 1992 से अक्टूबर 93 तक एचपी सिन्हा, अक्टूबर 1993 से नवंबर 97 तक आरएन सचदेवा, नवंबर 1997 से मई 98 तक एके शुक्ला, मई 1998 से दिसंबर 99 तक बीआर त्रिपाठी, दिसंबर 1999 से सितंबर 2002 तक एमके सिंह, सितंबर 2002 से दिसंबर 03 तक एसएचए काजमी, दिसंबर 2003 से मई 04 तक एएन सिंह, मई 2004 से अगस्त 04 तक एसके खरे, अगस्त 2004 से जुलाई तक एसआर ओझा, जुलाई 2005 से मार्च 07 तक जेए अंसारी, अप्रैल 2007 से अक्टूबर 2010 तक अनिल गुप्ता, 11 नवंबर 2011 से 30 अक्टूबर 2013 तक अनुराग कुमार, 30 अक्टूबर 2013 से 30 अप्रैल 2014 तक मो मोइनुद्दीन, 30 अप्रैल 2014 से 18 जनवरी 2018 तक आरबी सिंह, 18 जनवरी 2018 से 27 अप्रैल 2018 तक एमके राव, 27 अप्रैल 2018 से 12 अक्टूबर 2018 तक प्रकाश चंद्रा, 12 अक्टूबर 2018 से 29 अक्टूबर 2019 तक एमके पंजाबी, 29 अक्टूबर 2019 से 30 नवंबर 2023 तक एमके राव, एक दिसंबर 2023 से 13 दिसंबर 2024 तक के रामाकृष्णा जीएम व सीजीएम रहे. इसमें से केएसआर चारी कोल सचिव और यूके राजाराव एडिशन कोल सेक्रेटरी तक का सफर तय किया. केएसआर चारी समिति ने ही कोल इंटीग्रेशन पॉलिसी की अनुशंसा की थी. साथ ही 90 के दशक में श्री चारी ने ही प्राइवेटाइजेशन की वकालत की थी. बीएंडके एरिया के पूर्व जीएम बालास्वामी अकला सीसीएल के सीएमडी बने, तो एसएम डीडी, आरएस सिंह, एके शुक्ला तथा एचपी सिन्हा एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बने.

पहले थी एक दर्जन से ज्यादा माइंस, अभी चल रही मात्र तीन ओसीपी

बीएंडके एरिया में पहले एक दर्जन से ज्यादा खुली व भूमिगत खदानें थीं. इसमें बोकारो कोलियरी, करगली कोलियरी के अलावा बेरमो सीम इंक्लाइन, कारो सीएम इंक्लाइन, केएसपी फेज दो इंक्लाइन, केएसपी इंक्लाइन, करगली 11 नवंबर सी सीम इंक्लाइन, बाद में खासमहल व कारो खुली खदान अस्तित्व में आयीं. 60 के दशक में करगली में कोकिंग कोल वाशरी आयी. वर्तमान में इस एरिया में मात्र तीन खुली खदानें चल रही हैं. इसमें एकेके व कारो ओसीपी के अलावा बोकारो कोलियरी शामिल हैं. सभी भूमिगत खदानें बंद हो गयी हैं. करगली कोकिंग कोल वाशरी भी बंद हो गयी है. इस एरिया का उत्पादन कभी सालाना 10 लाख टन से भी कम था. वर्तमान में 90 लाख टन के करीब पहुंच गया है.

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