बोकारो. कैंप दो नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर में सोमवार को एनसीडी की ओर से सर्वाइकल कैंसर की पहचान पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. उद्घाटन प्रशिक्षक डॉ राजश्री रानी ने किया. कहा कि ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन, स्किन, लंग्स, कोलोन, प्रोस्टेट, लिंफोमा कैंसर सहित 100 से अधिक प्रकार के कैंसर होते हैं. सभी कैंसर के लक्षण व जांच अलग-अलग है. सर्वाइकल कैंसर तब होता है, जब गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है. जो शरीर के अन्य ऊतकों व अंगों पर आक्रमण करती है. जब यह आक्रामक होता है, तो गर्भाशय ग्रीवा के गहरे ऊतकों को प्रभावित करता है. ज्यादातर मामलों में 20 व 30 की उम्र में महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा में पूर्व-कैंसर परिवर्तन का पता लगता है. कैंसर का निदान तब किया जा सकता है, जब महिला 50 के आसपास होती है.
डॉ रानी ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है, जो गर्भाशय का सबसे निचला हिस्सा होता है. जब गर्भाशय ग्रीवा में कोशिकाएं असामान्य हो जाती हैं. तेजी से बढ़ती है, तो सर्वाइकल कैंसर पैदा होता है. प्रारंभिक चरण में कोई लक्षण नहीं दिखता है. महिलाओं को नियमित ग्रीवा स्मीयर परीक्षण या पैप परीक्षण करवाना चाहिए. नियमित जांच व टीका से एचपीवी संक्रमण से बचाव में मदद मिल सकती है. सर्वाइकल कैंसर के कारणों में सिगरेट धूम्रपान, यौन संचारित रोग, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, एचपीवी, कम उम्र में यौन गतिविधि प्रमुख है. लक्षणों पर गौर करने की जरूरत है.लक्षणों को कभी नहीं करें नजरअंदाज
डॉ रानी ने कहा कि लक्षणों में पेशाब के दौरान दर्द, पेडू में दर्द, अधिक बार पेशाब करना, पेशाब के दौरान असामान्य मात्रा में खून का स्राव, मासिक धर्म के बीच लगातार का अंतर, अचानक वजन कम होना, अत्यधिक थकान, गांठ, त्वचा में बदलाव, तेज दर्द का होना प्रमुख है. रोकथाम के लिए एचपीवी के खिलाफ टीकाकरण, धूम्रपान से बचें, सुरक्षित सेक्स, नियमित पैप परीक्षण व नियमित रूप से सर्वाइकल स्क्रीनिंग कराया जाना चाहिए. मौके पर एनसीडी सहायक आरती मिश्रा सहित विभिन्न प्रखंडों की सीएचओ मौजूद थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है