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Chaitra Navratri 2024: बोकारो में कलश स्थापना के साथ वासंतिक नवरात्र शुरू, आदिशक्ति की आस्था और भक्ति में डूबे श्रद्धालु

Chaitra Navratri 2024: बोकारो में कलश स्थापना के साथ वासंतिक नवरात्र की शुरुआत हो गयी. श्रद्धालु आदिशक्ति की आस्था और भक्ति में डूबे हैं. चारों तरफ उल्लास दिख रहा है.

By Guru Swarup Mishra | April 9, 2024 6:41 PM
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Chaitra Navratri 2024: बोकारो-देवी प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोऽखिलस्य, प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य… शरणागत की पीड़ा दूर करने वाली देवी ! हम पर प्रसन्न हो जाओ…संपूर्ण जगत की माता ! प्रसन्न हो जाओ… विश्वेश्वरि ! विश्व की रक्षा करो देवी ! तुम्हीं चराचर जगत की अधीश्वरी हो…की गुहार के साथ मंगलवार को कलश स्थापना के साथ भक्तिमय माहौल में (वासंतिक) चैत्र नवरात्र 2024 की शुरुआत हुई. घर, मंदिर व पूजा पंडाल वैदिक मंत्रोच्चारण से गूंज उठे. स्टील सिटी बोकारो में श्रद्धालु आदिशक्ति की आस्था और भक्ति में डूब गए.

विधि-विधान से की गयी घट स्थापना
चैत्र नवरात्र पर्व में मां आदिशक्ति की पूजा-अर्चना मंगलवार से शुरू हो गयी है. श्रद्धालुओं का उत्साह देखते हीं बन रहा है. मंगलवार की पहली किरण के साथ नवरात्र की धूम शुरू हो गयी. घर, मंदिरों व पूजा पंडालों में घट स्थापना की गयी. नौ दिनों तक माता की नित्य दिन पूजा-अर्चना होगी. पहले दिन भक्तों ने मां शैलपुत्री की अराधना की. मान्यता के अनुसार, पर्वतों के राजा हिमालय के घर में पुत्री का जन्म हुई थी. मां शैलपुत्री ने अपनी भुजाओं में त्रिशुल व कमल का फूल धारण की है.

12 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा चैती छठ
मंगलवार को कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्रि का अनुष्ठान भक्तिमय माहौल में शुरू हुआ. चैत्र नवरात्र में भगवती के साथ गौरी का भी दर्शन पूजन प्रतिदिन क्रमानुसार किया जायेगा. नवरात्र के बीच चैती छठ 14 अप्रैल रविवार को मनाया जायेगा. छठ पर्व 12 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. नवरात्र में अश्विनी नक्षत्र व मेष राशि की सूर्य संक्रांति 13 अप्रैल दिन शनिवार को रात्रि 11:19 बजे आयेगी. इसी को सत्तू संक्रांति या सतुवा संक्रांति भी कहते हैं. इसी के साथ खरमास समाप्त हो जायेगा.

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महानवमी 17 को व व्रत का पारण 18 को : ज्योतिषाचार्य शिव शास्त्री
श्रीराम मंदिर सेक्टर वन के ज्योतिषाचार्य पंडित शिव कुमार शास्त्री ने बताया कि महाअष्टमी का व्रत 16 अप्रैल (मंगलवार) को होगा. घर-घर की जाने वाली नवमी की पूजा भी 16 को ही की जायेगी. इसे भवानी उत्पत्ति के साथ बसियाउरा के रूप में भी मानते हैं. महानवमी का व्रत 17 अप्रैल (बुधवार) को होगा. नवरात्र व्रत के समाप्ति के साथ समाप्ति से संबंधित पूजन-हवन नवमी तिथि पर्यंत 17 को शाम 5:22 तक किया जायेगा. व्रत का पारण दशमी तिथि 18 अप्रैल को है.

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