BOKARO NEWS : विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति की मंगलवार को करगली में हुई बैठक में विस्थापितों की विभिन्न समस्याओं को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर छह जनवरी 2025 से बेरमो कोयलांचल में स्थित सीसीएल के तीनों प्रक्षेत्रों का अनिश्चितकालीन चक्का जाम आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. बैठक की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस और राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर सम्मान प्रकट करने के साथ शुरू हुई. मौके पर कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला धारक क्षेत्र ‘अधिग्रहण और विकास’ संशोधन विधेयक, 2024 के मसौदे पर विस्तार से चर्चा की गयी. अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो कहा कि कहा कि सीबी एक्ट में संशोधन कर विस्थापितों के अधिकारों पर तुषारापात करने की योजना बनायी जा रही है. इस संशोधन के खिलाफ कोयला मंत्रालय और प्रधानमंत्री को आपत्ति पत्र प्रेषित करने का निर्णय लिया गया है. श्री महतो ने आगे कहा कि सीसीएल प्रबंधन द्वारा लगातार वादाखिलाफी किये जाने से विस्थापितों में गुस्सा और आक्रोश व्याप्त है. 26 दिसंबर को करगली महिला मंडल में विस्थापितों का विशाल सेमिनार कर छह जनवरी 2025 के व्यापक आंदोलन की रणनीति बनायी जायेगी. संचालन कर रहे समिति के महासचिव काशीनाथ केवट ने कहा कि 50 वर्षों से यहां के विस्थापित नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास समेत अन्य अधिकारों को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं, लेकिन सीसीएल प्रबंधन विस्थापितों के साथ लगातार छल करता आ रहा है. समिति के साथ प्रबंधन की हुई अनेकों वार्ता में हुए समझौते के बिंदुओं को लागू नहीं किया गया, जिससे विस्थापितों में भारी रोष है. अन्य नेताओं ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन विस्थापितों की समस्याओं के प्रति थोड़ा भी गंभीर रहता तो वह विस्थापितों का बकाया नौकरी अविलंब दे देता. अन्य वर्तमान बाजार दर से चार गुणा मुआवजा का भुगतान करता. विस्थापित परिवारों के साथ हो रही ज्यादतियों को प्रमाणित करते हुए कहा कि सीसीएल यहां के भू-विस्थापितों को आउटसोर्स में भी रोजगार देने के लिए तैयार नहीं है. समिति के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद महतो ने कहा कि एक पेलोडर ने हजारों लोगों का रोजगार छीन रखा है. रेलवे रैक में पेलोडर से लोडिंग बंद कर मेनुअल लोडिंग चालू की जाए. प्रबंधन और ट्रांसपोर्टर मेनुअल लोडिंग चालू नहीं होने देना चाहते हैं. कहा कि सीसीएल अधिकारियों को नहीं भूलना चाहिए कि आज कोल इंडिया महारत्न कंपनी यदि बना है तो यहां के भू विस्थापितों की पुश्तैनी जमीन ही बुनियाद है. बैठक में लालमोहन यादव,अशोक महतो, कैलाश महतो, त्रिलोकी सिंह, लालमोहन महतो,चुन्नीलाल केवट, मंटू गिरि, राजेश गुप्ता आदि ने भी अपने विचार रखे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है