चंद्रपुरा. रांची मुख्यालय से आयी पुलिस की एक विशेष टीम ने तीन दिन पूर्व दुगदा रेलवे साइडिंग में छापेमारी की थी. इस दौरान एक संगठित गिरोह द्वारा किये जा रहे कोयले के अवैध धंधे का खुलासा हुआ. मामले में दुगदा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारियों को इनपुट मिला था कि दुगदा में अच्छे कोयले में चारकोल (कोयले का डस्ट) मिला कर उसे पावर प्लांटों में भेजा जा रहा है. इससे पावर प्लांट को निम्न गुणवत्ता का कोयला मिल रहा है. साथ ही, कोयला प्राप्त करने वाली कंपनी के साथ ठगी हो रही है. यही नहीं, इससे सरकार को राजस्व की हानि तथा राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान पहुंच रहा है. बताते चलें कि 27 अप्रैल को 15 वाहनों में सवार होकर इंस्पेक्टर आभाष कुमार के नेतृत्व में रांची से आयी विशेष टीम ने घंटों छानबीन की थी. बीकेबी व एके लॉजिस्टिक कंपनी के बनाये डिपो में रात भर जांच चली थी. इस दौरान पता चला कि पावर प्लांटों को भेजे जाने वाले कोयले में चारकोल मिलाया गया है. इस बाबत दुगदा थाना प्रभारी मनीष कुमार ने केस दर्ज करने की बात स्वीकारी है, मगर विस्तृत कुछ भी बताने इंकार कर दिया. कहा कि आप उच्च अधिकारी से जानकारी ले लीजिये. दुगदा में पहले भी हो चुका है ऐसा खुलासा : दुगदा पुलिस ने 21 फरवरी 2020 की देर रात दुगदा साइडिंग से चारकोल (कोल डस्ट) लदे पांच हाइवा को जब्त किया था. अच्छे कोयले में चारकोल मिलाकर उसे पावर प्लांटों में भेजने का पता चला था. मामले में दर्जन भर लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. डिपो संचालित करने वाला अशोक भी उसमें शामिल था. पुलिस ने खुलासा किया था कि अशोक अपने डिपो में बाहर से चारकोल लाकर उसे अच्छे कोयले में मिलाकर पावर प्लांटों को भेजता है. वहीं पावर प्लांटों के लिए आये उच्च क्वालिटी के कोयले को अवैध रूप से बनारस की कोयला मंडियों में भेजकर मोटी कमाई करता था. दुगदा थाना के तत्कालीन प्रभारी जीत मोहन स्वांसी ने खुलासे के बाद केस दर्ज किया था.
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