बोकारो में किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे वन विभाग की ओर से बनवाए गए चेकडैम और तालाब
झारखंड के गांवों में आज भी पेयजल एक बड़ी समस्या है. खेतों के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन, वन विभाग जंगली जानवरों व जीव-जंतुओं के लिए जंगल में चेकडैम व तालाब बनवाता है. इसने किसानों की खेती आसान कर दी है.
ललपनिया, नागेश्वर: बोकारो जिला के में वन विभाग की ओर से एक चेकडैम का निर्माण कराया गया. यह चेकडैम आज क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. हम बात कर रहे हैं गोमिया प्रखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र चतरोचट्टी की. चतरोचट्टी थाना क्षेत्र व वन बीट में विभिन्न पंचायतों में वन विभाग ने जंगली जानवरों के लिए चेकडैम और तालाब का निर्माण करवाया है, जिसका लाभ किसानों को भी मिल रहा है.
पूर्वी वन प्रमंडल हजारीबाग में आती हैं सात पंचायतें
चतरोचट्टी थाना क्षेत्र की सात पंचायतें हजारीबाग जिले के पूर्वी वन प्रमंडल क्षेत्र में आतीं हैं. करीब तीन साल पहले तत्कालीन डीएफओ स्मिता पंकज के दिशा-निर्देश पर दर्जन भर चेकडैम के अलावा सिल्क डिडक्शन डैम का भी निर्माण कराया गया. इसकी वजह से कृषि कार्यों से जुड़े लोगों को काफी सहूलियत हुई. वन के विकास में भी यह मददगार साबित हुआ.
चेकडैम के पानी से हो रही है खेतों की सिंचाई
डीएफओ सौरभ चंद्रा के दिशा-निर्देशन में चेकडैम के आसपास बड़े पैमाने पर पौधरोपण कराया गया. तालाब और चेकडैम के पानी से बड़े भू-भाग की सिंचाई हो रही है. इसकी वजह से किसानों को धान की खेती करने में सहूलियत हुई है. वर्ष 2023 में मानसून ने धोखा दिया, बावजूद इसके किसानों ने ठीक-ठाक बुवाई कर ली है. किसान कहते हैं कि चतरोचट्टी थाना क्षेत्र में सात पंचायतें जंगल और पहाड़ के बीच में हैं.
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जंगली जानवरों के लिए बने हैं कई चेकडैम
वन विभाग ने वनों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर पौधरोपण करवाया है. जंगली जानवरों को पीने का पानी मिले, इसलिए जगह-जगह चेकडैम और सिल्क डिडक्शन डैम का निर्मा कराया गया है. चतरोचट्टी पंचायत के मुखिया महादेव महतो, बड़कीसिधावारा पंचायत के मुखिया रीतलाल महतो, चुटे पंचायत के मुखिया मो रियाज, लोधी पंचायत की मुखिया जुवैदा खातून, कर्री पंचायत, बड़कीचिदरी पंचायत की मुखिया बीना देवी, हुरलुंग पंचायत के मुखिया, वन समिति के अध्यक्ष गणपत महतो ने वन विभाग के आला अधिकारियों से कृषि कार्य को बढ़ावा देने की मांग की है.
वन विकास के साथ-साथ कृषि विकास पर भी दें जोर
इन्होंने मांग की है कि वन क्षेत्र में समय-समय पर जांच-पड़ताल की जरूरत है. वन विकास के अलावा कृषि विकास पर भी जोर देना चाहिए. इसके लिए जिंदा नाला, जोरिया आदि पर चेकडैम और मिनी तालाब का निर्माण करा दिया जाए, तो किसानों को काफी फायदा होगा. वे कृषि कार्य में आत्मनिर्भर हो जाएंगे. साथ ही वन का भी विकास होगा. तालाब में मछली पालन भी किया जा सकेगा और इससे जंगली जानवरों की प्यास भी बुझ जाएगी.
जंगल में योजनाएं लागू होने से होते हैं कई लाभ : डीएफओ
डीएफओ सौरभ चंद्रा ने कहा कि वनों में सरकारी योजनाओं को लागू किए जाने से जंगली जानवरों को आसानी से पीने का पानी मिल जाता है. किसानों को खेती-बाड़ी के लिए पानी मिल जाता है. उन्होंने कहा कि जंगल बचेंगे, तो जीवन भी खुशहाल होगा. पर्यावरण शुद्ध रहेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कई और योजनाओं को धरातल पर उतारेंगे, जिससे जंगली जीव-जंतुओं के साथ-साथ जंगल के आसपास रहने वाले ग्रामीणों और किसानों को भी लाभ होगा.
जंगल बचाने में वन विभाग की मदद करें लोग : संजीव कुमार
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार ने कहा कि वन विभाग जल, जंगल, जमीन को सुरक्षित और विकसित करने के उद्देश्य से पूरे झारखंड में योजनाओं पर अमल किया जा रहा है. वन विभाग की कोशिश है कि अधिक से अधिक ग्रामीणों के साथ-साथ जीव-जंतुओं को भी किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े. कृषि व वन विकास के अलावा पर्यावरण, जल सरंक्षण को भी इससे बल मिलेगा. उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे जंगल बचाने में वन विभाग की मदद करें.