Bokaro News :जीजीपीएस, चास में बुधवार को सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती धूमधाम से मनायी गयी. इस मौके पर स्कूल को सिख ध्वज व रंगीन झंडा से सजाया गया. स्कूल में उत्सव का माहौल था. विशेष सभा में गुरुद्वारा के ग्रंथी ने अरदास की. पारंपरिक पोशाक पहने विद्यार्थियों ने ‘सबद कीर्तन’ से गुरु गोबिंद सिंह जी का गुणगान किया. लोगों को उनकी शिक्षा पर चलने के लिए प्रेरित किया.
गुरु गोबिंद सिंह का जीवन एक परंपरा :
मौके पर स्कूल के प्राचार्य अभिषेक कुमार ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का जीवन एक परंपरा है. बच्चों को उनके जीवन से सीख लेने की जरूरत है. प्राचार्य श्री कुमार ने कहा कि यह उत्सव सभी छात्रों के लिए एक मूल्यवान परंपरा सीखने का अवसर है, जो सिख धर्म व इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की समझ को बढ़ावा देता है.1699 में की खालसा पंथ की स्थापना :
प्राचार्य श्री अभिषेक ने बताया : गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना के दौरान सिखों के लिए पंच ककार (पांच धार्मिक चिह्न) केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण व कंघा अनिवार्य किये थे. ये पंच ककार सिख धर्म के अनुयायियों के धार्मिक अनुशासन और पहचान के प्रतीक हैं. वहीं जीजीइएस के अध्यक्ष तरसेम सिंह व सचिव सुरेंद्र पाल सिंह ने गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा व नीतियों का पालन करने पर बल दिया. प्राथमिक व वरीय विभाग के विद्यार्थियों ने गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन व शिक्षाओं पर भाषण दिया. क्लास 11वीं की छात्रा खुशनूर कौर ने गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा दिये गये समानता, साझाकरण व नि:स्वार्थ सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देने वाली कविता का पाठ किया. मौके पर सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं व विद्यार्थी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है