बोकारो, मुकेश झा: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को बोकारो जिले के चास प्रखंड स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय सोनाबाद में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार पर बकाया है. यदि हमारी राशि मिली होती तो हम दोगुनी पेंशन देते. आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में जब से हमारी सरकार वजूद में आई है, हम यहां के आदिवासी-मूलवासी के हक-अधिकार को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं. हमारी सरकार ने आदिवासी-मूलवासी के हक-अधिकार के लिए विधानसभा से 1932 आधारित नियोजन नीति पारित कराया, लेकिन जानबूझकर इसमें कानूनी अड़चन लगा दिया गया, परंतु 1932 आधारित नियोजन नीति के लिए हमारा प्रयास जारी रहेगा. मैंने पेंशन के लिए कानून बनाया. पहले 15 लाख लोगों को पेंशन मिल रही थी. मेरी सरकार ने ढाई साल में 37 लाख लोगों को पेंशन दी. हमारे विरोधी ने 8 लाख किसानों को केसीसी दिया. मेरी सरकार तीन वर्षों में 23 लाख केसीसी दिया. उन्होंने कहा कि तीन सालों में ऐतिहासिक विकास हुआ है. इससे पूर्व बिनोद बिहारी महतो स्टेडियम सोनाबाद में बने अस्थाई हेलीपैड पर उपायुक्त कुलदीप चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक के द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया. इसके बाद पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
पिछड़ेपन का दंश आपने झेला, मैंने महसूस किया
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि 24 नवंबर से राज्य के गांवों में शिविर लग रहे हैं. शिविर में सभी विभागों का स्टॉल लगा हुआ है. सरकार बनने से पहले ही मैंने कहा था कि यदि सरकार बनेगी तो सरकार दिल्ली या रांची से नहीं, बल्कि गावों से चलेगी. आज यह सपना साकार हुआ. कोरोना के कारण हमलोग घरों में कैद रहे, लेकिन जैसे ही कोरोना खत्म हुआ, वैसे ही आपके अधिकार को हम लोगों ने देने का काम किया. पिछले बार 55 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे. दोनों शिविरों के जब आवेदन प्राप्त हुए तो समझ में आया कि पिछले सरकार ने कोई काम नहीं किया. इस राज्य की जनता ने पिछड़ेपन का दर्द झेला, लेकिन हमने दर्द समझा. राज्य की 80 फीसदी आबादी गांवों में रहती है. मैंने कोरोन काल में मजदूरों को गांव-गांव तक पहुंचाया. इस दौरान हमारे दो दो मंत्रियों ने अपनी जानें गवाईं. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के कारण राज्य की बदतर हालात हो गयी.
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1932 आधारित नियोजन नीति को लेकर जारी रहेगा प्रयास
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में जब से हमारी सरकार वजूद में आई है, हम यहां के आदिवासी-मूलवासी के हक-अधिकार को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं. हमारी सरकार ने आदिवासी-मूलवासी के हक-अधिकार के लिए विधानसभा से 1932 आधारित नियोजन नीति पारित कराया, लेकिन जानबूझकर इसमें कानूनी अड़चन लगा दिया गया, परंतु 1932 आधारित नियोजन नीति के लिए हमारा प्रयास जारी रहेगा. मैंने 8 लाख बच्चियों को साइकिल योजना से जोड़ा. बेटियों को पढ़ाने के लिए सरकार उसकी खर्च उठाएगी. चूंकि आने वाले समय में शिक्षित राज्य बनाना हमारी प्राथमिकता है. 60 हजार से अनुदान को बढ़ाकर 1 लाख किया जाएगा. इससे भी अधिक राशि उपलब्ध कराने के लिए सरकार गुरुजी क्रेडिट कार्ड दे रही है. सरकार को पैसा तब तक लौटना नहीं होगा जब तक नौकरी लग न जाए.
किसानों को बनाया जा रहा है स्वावलंबी
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. किसानों को भैंस भी दिया जा रहा है. यदि मवेशी की मौत होती है तो पैसा माफ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 11 लाख लोगों के राशनकार्ड को निरस्त किया गया, लेकिन मेरी सरकार ने 20 लाख लोगों को हरा राशन कार्ड दिया. अब राशन के साथ साथ दाल भी मुफ्त में मिलेगी. विपक्ष का चश्मा गलत है. मेरी सरकार राज्य की जनता की चिंता करती है. सबके लिए नीतियां बन रही हैं. नियुक्तियां भी होंगी. विभाग में रिक्तियां खंगाली जा रही हैं.
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