अब तक नहीं हुआ सीएम हेमंत के दादा-दादी की प्रतिमाओं का अनावरण, दो सालों से हो रहा है इंतजार

ललपनिया में सीएम हेमंत सोरेन के दादा-दादी के नाम पर सोना सोबरन स्मारक उच्च विद्यालय बना है. स्कूल परिसर में सीएम के दादा-दादी की प्रतिमाओं का निर्माण भी हुआ है, लेकिन दो सालों से उनका अनावरण नहीं हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2023 5:45 PM

ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर: सोना सोबरन स्मारक उच्च विद्यालय ललपनिया के परिसर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा सोबरन मांझी और दादी सोनामती की प्रतिमाएं दो सालों से अनावरण की प्रतिक्षा में है. स्कूल परिसर में इन प्रतिमाओं का निर्माण हुए करीब दो साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक सीएम हेमंत सोरेन द्वारा इनका अनावरण नहीं किया गया है.

साल 1992 में शुरू हुआ था स्कूल

जानकारी अनुसार ललपनिया के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के विकास के लिए साल 1992 में सीएम के दादा-दादी की स्मृति में उनके नाम पर ही विद्यालय का शुभारंभ किया गया था. स्कूल का संचालन सचिव धनीराम मांझी के नेतृत्व में किया गया. टीटीपीएस प्रबंधन के द्वारा स्कूल भवन का निर्माण कराया गया, जिसका उदघाटन दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने 30 दिसंबर 1992 को किया गया, ताकि संथाली बहुल क्षेत्र में शिक्षा के विकास में बल मिले.

2020-21 में हुआ प्रतिमाओं का निर्माण

साल 2013 में हेमंत सोरेन ललपनिया दौरे पर पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने स्कूल परिसर में टीटीपीएस प्रबंधन के द्वारा निर्मित तीन कमरों का उदघाटन किया था. तब विद्यालय के सचिव धनी राम मांझी ने हेमंत सोरेन से कहा था कि स्कूल प्रबंधन की इच्छा है कि दादा-दादी के नाम से नामित स्कूल है, तो दोनो की प्रतिमाएं भी यहां स्थापित हो. जिसके बाद सचिव धनी राम मांझी ने निजी मद से साढ़े तीन लाख रुपये की लागत से 2020-21 में हेमंत सोरेन के दादा-दादी की प्रतिमाओं का निर्माण करवाया.

प्रतिमाओं के अनावरण के लिए प्रयासरत है प्रबंधन

प्रतिमाओं के निर्माण के बाद दिशोम गुरु शिबू सोरेन या सीएम हेमंत सोरन के हाथों अनावरण का प्रयास किया गया, लेकिन विद्यालय प्रबंधन सफल नहीं हो पाया. विद्यालय के सचिव धनी राम मांझी का कहना है कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंड आदोंलन के अलावा महाजनी आदोंलन में भागीदारी भी निभा चुके हैं. स्कूल परिसर में गुरुजी के माता-पिता के नाम से प्रतिमाएं स्थापित हैं. इन प्रतिमाओं का अनावरण गुरुजी या मुख्यमंत्री के हाथों से हो. उन्होंने कहा कि दोनों प्रतिमाओं का अनावरण जल्द हो, इसके लिए वे प्रयासरत हैं.

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