Jharkhand News, Ranchi News, रांची न्यूज : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि देश की आजादी एवं राज्य बनने के बाद आदिवासी, दलित एवं अल्पसंख्यक वर्गों में शिक्षा के क्षेत्र में उम्मीद के अनुरूप विकास नहीं हो पाया है. शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी सुधार की काफी आवश्यकता है. वर्तमान सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार को लेकर प्रयासरत है. शिक्षा के विकास के लिए मिशनरी संस्थाएं सदियों से बेहतर कार्य करती आ रही हैं. आदिवासी समुदाय के बच्चों को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में ट्राइबल यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी. ये बातें मुख्यमंत्री ने आज रांची के पुरुलिया रोड स्थित सोशल डेवलपमेंट सेंटर सभागार में आदिवासियों एवं दलितों की शिक्षा में चुनौतियां और संभावनाओं के विषय पर आयोजित सेमिनार सह कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में झारखंड ऐसा राज्य है जहां के अनुसूचित जाति, जनजाति के होनहार छात्र-छात्राएं, जो उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें फॉरेन एजुकेशन स्कॉलरशिप योजना के तहत सहायता राशि प्रदान करने का काम सरकार कर रही है. राज्य में मैट्रिक पास करने वाले सभी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को भी सहायता राशि दी जा रही है. आदिवासी समुदाय के बच्चों को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में ट्राइबल यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी. राज्य सरकार के कई शिक्षण संस्थानों में लड़कियों के लिए पहले से ही नर्सिंग-एएनएम इत्यादि के पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं. हमारी सरकार ने अब लड़कों के लिए भी नर्सिंग एवं एएनएम के पाठ्यक्रम प्रारंभ कराया है, ताकि उन्हें भी रोजगार से जोड़ा जा सके.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यहां के एसटी-एससी युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए 50 हजार से लेकर 25 लाख रुपए तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार जेपीएससी नियमावली बनाने का काम हमारी सरकार ने किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया हो, इसके लिए 4500 स्कूलों को नए रूप से सुसज्जित करने का काम किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं को एनीमिया तथा बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य योजना तैयार की जा रही है. राज्य में एनीमिया और कुपोषण चिंता का विषय है. एनीमिया और कुपोषण मुक्त झारखंड का निर्माण हो सके, इसके लिए ऐसी महिलाएं एवं बच्चे- बच्चियां जो इस रोग से ग्रसित हैं, उन्हें चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है. राज्य से एनीमिया और कुपोषण का धब्बा हटाना हमारी प्राथमिकता है. सरकार ने स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में अध्ययनरत बच्चों को सप्ताह में 3 दिन भोजन में अंडा खिलाने का प्रावधान किया है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य को आगे ले जाने के लिए हम सभी के कंधों पर अभी बड़ी जिम्मेदारी है. काफी जद्दोजहद के बाद राज्य का निर्माण हुआ है. झारखंड की संस्कृति, शिक्षा सहित लोगों की अपेक्षाओं को मजबूती प्रदान करना हम सभी का कर्तव्य है. इस राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए हम नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी भूमिका प्रतिबद्धता के साथ निभाने के लिए सदैव प्रयासरत हैं. झारखंड के आदिवासी, दलित एवं अल्पसंख्यक वर्गों के साथ उनका भावनात्मक जुड़ाव रहा है. भावनात्मक जुड़ाव होने के नाते अक्सर लोग आदिवासी, दलित एवं अल्पसंख्यक वर्ग का विकास कैसे हो इस पर उनसे सवाल करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गठन के पहले दिन से ही मूलभूत समस्याओं को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. सरकार काफी चिंतन-मनन कर कई नई चीजों पर विचार कर आगे बढ़ने का काम कर रही है. आज के कार्यक्रम में बिशप थियोदोर मस्करेनस, बिशप विंसेन्ट बरवा, बिशप पॉल लाकड़ा, सिस्टर लिली टोपनो, बिशप विनय कंडुलना सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के फादर-सिस्टर एवं शिक्षा जगत से जुड़े लोग उपस्थित थे.
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Posted By : Guru Swarup Mishra