फर्जी निकासी में सीएम ने दिया जांच का आदेश
मंजूरा पंचायत में मनरेगा कूप निर्माण में फर्जी तरीके से 11 लाख रुपये की निकासी के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोकारो जिला प्रशासन को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है. सीएम ने पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद के ट्वीट पर यह आदेश दिया. दरअसल कसमार थाना में एफआइआर दर्ज होने के एक माह बाद भी कसमार बीपीओ समेत तीन अन्य आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी.
कसमार : मंजूरा पंचायत में मनरेगा कूप निर्माण में फर्जी तरीके से 11 लाख रुपये की निकासी के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोकारो जिला प्रशासन को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है. सीएम ने पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद के ट्वीट पर यह आदेश दिया. दरअसल कसमार थाना में एफआइआर दर्ज होने के एक माह बाद भी कसमार बीपीओ समेत तीन अन्य आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी.
कसमार के तत्कालीन बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने 10 जून को कसमार थाना में कांड संख्या 54/2020, भादवि की धारा 467, 468, 471, 420 और 409 के तहत मामला दर्ज कर बीपीओ पवन कुमार गुप्ता, पंचायत सेवक ध्रुपद गोप, रोजगार सेवक पद्मलोचन गोराईं व मुखिया नरेश कुमार महतो को आरोपी बनाया था.
बीडीओ ने बीपीओ गुप्ता व रोजगार सेवक गोराईं की संविदा रद्द करने तथा पंचायत सचिव ध्रुपद गोप के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा भी की थी. बावजूद अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बीपीओ समेत अन्य आरोपी प्रखंड कार्यालय में लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. मामले को लेकर गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट किया. मुख्यमंत्री ने अविलंब संज्ञान लेते हुए जांच कर उचित कार्रवाई करते हुए सूचित करने का आदेश दिया है.
क्या है मामला : मंजूरा पंचायत में छह लाभुकों को मनरेगा के तहत कूप निर्माण की स्वीकृति मिली थी. अनियमितता की शिकायत पर पांच जून को स्थल निरीक्षण किया गया. उसमें काफी गड़बड़ी मिली. फर्जी मस्टर रोल के आधार पर विभिन्न कूपों के निर्माण के विरुद्ध 11 लाख रुपये की निकासी कर ली गयी थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार सभी छह योजनाओं की प्राक्कलित राशि 18,86,200 रुपये है, जिसमें मात्र 6,79,929 रुपये का ही काम हुआ है, जबकि 18,25,610 रुपये की निकासी कर ली गयी है.