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Bokaro News : वर्ष 2024 में कोल इंडिया को मिला नया कोल सचिव व डीटी, कई कंपनियों में आये नये सीएमडी

Bokaro News : गुजर रहे वर्ष 2024 में कोल इंडिया को नये कोल सचिव व निदेशक तकनीकी और कोल इंडिया की कई अनुषांगिक इकाइयों को नये सीएमडी मिले.

राकेश वर्मा, बेरमो : गुजर रहे वर्ष 2024 में कोल इंडिया को नये कोल सचिव व निदेशक तकनीकी और कोल इंडिया की कई अनुषांगिक इकाइयों को नये सीएमडी मिले. कोल इंडिया के नये कोल सचिव विक्रम दत्त और निदेशक तकनीकी डॉ बी वीरा रेड्डी की सेवानिवृत्ति के बाद नये निदेशक तकनीकी (शेडयूल ए) सीएमपीडीआइ के डीटी (इंजीनियरिंग एंड आरएंडडी) अच्युत घटक चयनित किये गये. सीसीएल में निलेंदू कुमार सिंह, इसीएल में सतीश झा, एमसीएल में उदय कांत कांबले तथा एसइसीएल में हरिश दुहान नये सीएमडी चयनित हुए. सीसीएल ढोरी के जीएम रहे मनोज कुमार अग्रवाल का चयन बीसीसीएल के निदेशक तकनीकी के पद पर हुआ. इसके अलावा डीजीएमएस के डायरेक्टर प्रभात कुमार के स्थान पर उज्जवल शाह बने. कोल इंडिया ने 2024 के 31 मार्च तक 774 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर करीब 37 हजार करोड़ का मुनाफा अर्जित किया. इस वर्ष कोल इंडिया के कर्मियों को रिकार्ड 93,750 रुपये सालाना एक्सग्रेसिया मिला.

कोल गैसिफेकिशन के तहत तीन कंपनियों के साथ एमओयू

इस वर्ष कोल इंडिया ने कोल गैसिफिकेशन और सोलर पावर की दिशा में काम करना शुरू कर दिया रासायानिक उत्पादन (कोल टू कैमिकल और कोल टू लिक्विड) के लिए कोल इंडिया ने भेल, आइओसीएल तथा गेल इंडिया के साथ एमओयू किया है. वित्तीय वर्ष 2027-28 तक 3000 मेगावाट सौर परियोजना लगाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. अब तक 14 सौर परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है. सीसीएल में पिपरवार तथा गिरिडीह में सोलर प्लांट लगेगा. इस वर्ष कोल इंडिया में कोल ब्लॉक आवंटन में भी तेजी आयी है. कोल इंडिया अगले पांच वर्षों में 36 नयी कोयला परियोजनाएं विकसित करने की योजना बनायी है.

लटके रहे कोलकर्मियों से जुड़े कई मुद्दे

इस वर्ष भी कोल कर्मियों से जुड़े कई मुद्दे लटके रहे. इसमें सबसे अहम बंद मेडिकल अनफिट का है. एनसीडब्यूए-11 समझौते के समय कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से कहा गया था कि धारा 9:4:0 का क्लाउज यथावत चालू रहेगा. लेकिन व्यवहार में यह कहीं नहीं है. एनसीडब्यूए-10 के समय रिटायर हुए कोल कर्मियों को बढ़ी हुई ग्रेच्युटी राशि 20 लाख रुपये का भुगतान भी लंबित है. इसके अलावा आवास आवंटन लीज का मामला भी अधर में है.

पॉलिसी डिसिजन से इस वर्ष भी इंटक बाहर रही

इस वर्ष भी कोल इंडिया की किसी पॉलिसी डिसिजन में मजदूर संगठन इंटक को शामिल नहीं किया गया. कई गुटों में चल रहे विवाद के बाद वर्ष 2016 से न्यायालय के आदेश के बाद से इंटक कोल इंडिया की सभी कमेटियों से बाहर है.

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