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Bokaro News : देश के 50 सर्वश्रेष्ठ कार्यस्थलों में कोल इंडिया शामिल

Bokaro News : कोल इंडिया लिमिटेड को देश के 50 सर्वश्रेष्ठ कार्यस्थलों में शामिल किया गया है. नामचीन संस्था ग्रेट प्लेस टू वर्क द्वारा 2025 में विनिर्माण क्षेत्र की 347 संस्थाओं की कार्यपद्धति के व्यापक सर्वे के बाद कोल इंडिया लिमिटेड को यह सम्मान दिया गया है.

बेरमो. कोल इंडिया लिमिटेड को देश के 50 सर्वश्रेष्ठ कार्यस्थलों में शामिल किया गया है. नामचीन संस्था ग्रेट प्लेस टू वर्क द्वारा 2025 में विनिर्माण क्षेत्र की 347 संस्थाओं की कार्यपद्धति के व्यापक सर्वे के बाद कोल इंडिया लिमिटेड को यह सम्मान दिया गया है. गौरतलब है कि समावेशी और टिकाऊ संगठन बनाने की प्रतिबद्धता के लिए कोल इंडिया को पहले ही ग्रेट प्लेस टू वर्क की मान्यता मिल चुकी है. कोल इंडिया, भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के अंतर्गत एक महारत्न कंपनी है. दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी के रूप में कोल इंडिया भारत की 80 प्रतिशत से अधिक घरेलू कोयले की मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. परिचालन उत्कृष्टता, कर्मचारी कल्याण और पर्यावरणीय स्थिरता को मजबूती से आगे बढ़ाते हुए कोल इंडिया भारत के ऊर्जा क्षेत्र और आर्थिक विकास में एक अग्रणी संस्थान की भूमिका निभा रही है. पब्लिक सेक्टर के क्षेत्र में कोल इंडिया पूरे विश्व में सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन करनेवाला कंपनी है. कोल इंडिया में भारत सरकार का 90 फीसदी शेयर है. भारत के आर्थिक बाजार में कोल इंडिया पांचवीं सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कंपनी बन गयी है.

पहले होता था सिर्फ 70 मिलियन टन उत्पादन, अभी 838 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य

कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण से पूर्व जहां कोल इंडिया में 70 मिलियन टन कोयले का उत्पादन होता था. वर्तमान में लक्ष्य बढ़ कर 88 मिलियन टन (2024-25) हो गया है. इसमें आधा से ज्यादा उत्पादन आउटसोर्स से किया जा रहा है. आगामी वित्त वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य एक बिलियन टन रखा गया है.

दो चरणों में हुआ था कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण

1970 के दशक में दो चरणों में पूर्व प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी ने कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया था. 1972 में 226 कोकिंग कोल माइंस का (बीसीसीएल से) तथा 711 नन-कोकिंग कोल माइंस का (कोल माइंस ऑथोरिटी लि.) राष्ट्रीयकरण किया गया. एक नवंबर 1975 को कोल इंडिया (सीआइएल) का गठन किया गया. 1975 से 2010 तक कोल इंडिया में भारत सरकार की सौ फीसदी साझेदारी हो गयी. अक्टूबर 2010 में कोल इंडिया ने 10 फीसदी शेयर बेचकर 24 हजार करोड़ रुपया अर्जित किया था. इसके बाद 2014-15 में और 10 फीसदी शेयर बेच कर सरकार ने करीब 20 हजार करोड़ रुपये अर्जित किये. अभी तक कोल इंडिया में 32 फीसदी विनिवेश किया जा चुका है. कोल इंडिया का फिलहाल आठ राज्यों में 81 माइनिंग एरिया है. राष्ट्रीयकरण के वक्त कोल इंडिया में 937 माइंस थी. वर्तमान में लगभग 354 ओसी व यूजी माइंस है. कोल इंडिया में 17 कोल वाशरी भी है. इसमें 5-6 वाशरियां बंद हो गयी हैं. कोल इंडिया में करीब 200 अन्य स्टेब्लिशमेंट है, जिसमें वर्कशॉप तथा अस्पताल शामिल हैं.

कभी मैनपावर था सात लाख

राष्ट्रीयकरण के वक्त कोल इंडिया का मैन पावर सात लाख था. अभी घट कर 2.20 लाख पर आ गया है. वहीं आउटसोर्स में काम करनेवाले ठेका मजदूरों की संख्या लगभग पौने तीन लाख है. जबकि कोल इंडिया के आंकड़े के अनुसार ठेका कर्मियों की संख्या 80-90 हजार के करीब है.

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