बीएंडके एरिया : डेढ़ दशक में कोयला उत्पादन 50 लाख टन से ज्यादा बढ़ा
बीएंडके एरिया : डेढ़ दशक में कोयला उत्पादन 50 लाख टन से ज्यादा बढ़ा
राकेश वर्मा, बेरमो :
वित्तीय वर्ष 2023-24 में बेरमो कोयलांचल अंतर्गत बीएंडके एरिया ने कोयला उत्पादन में पूरे सीसीएल में चौथा स्थान प्राप्त किया था. पिछले डेढ़ दशक के अंतराल में एरिया का कोयला उत्पादन सालाना 50 लाख टन से ज्यादा बढ़ा है. वर्ष 2008-09 में एरिया का सालाना उत्पादन 25 लाख टन के आसपास था. वर्तमान में सालाना 70-80 लाख टन के करीब पहुंच गया है. चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्पादन लक्ष्य नौ मिलियन टन है. पहले बीएंडके एरिया में नौ माइंस थी. इसमें बाेकारो कोलियरी, करगली कोलियरी, कारो ओसीपी, केएमपी ओसीपी, कबरीबांध, गिरिडीह कोलियरी (सभी खुली खदान) के अलावा बेरमो सीम इंकलाइन व केएसपी फेज दो भूमिगत खदान शामिल हैं. वर्ष 2018-19 में कबरीबांध व गिरिडीह कोलियरी को बीएंडके एरिया से काट कर बगल के ढोरी एरिया में शामिल किया गया. बाद में कबरीबांध व गिरिडीह कोलियरी को मिलाकर अलग स्वतंत्र एरिया बना दिया गया है. फिलहाल बीएंडके एरिया में मात्र तीन माइंस चालू हालत में हैं. इसमें केएमपी व कोनार को मिला कर बने एकेके ओसीपी के अलावा कारो ओसीपी व बोकारो कोलियरी है. करगली कोलियरी से वर्ष 2015-16 से उत्पादन ठप है. भूमिगत खदान बेरमो सीम इंकलाइन व केएसपी फेज-दो परियोजना को सात-आठ साल पहले बंद कर दिया गया है. बीएंडके एरिया की तीनों चालू माइंस में फिलहाल शिफ्टिंग व विस्थापन की समस्या है. खासकर कोल इंडिया की मेगा प्रोजेक्ट में शामिल एकेके परियोजना के माइंस विस्तार के क्रम में जमीन के विवाद के कारण भी कई बाधाएं आ रही है. माइंस से सटे बरवाबेड़ा गांव के दरगाह मोहल्ला को प्रबंधन जल्द से जल्द शिफ्ट करना चाह रहा है, जिसकी प्रक्रिया भी चल रही है. बरवाबेड़ा गांव को फेस टू के समीप पुनर्वास स्थल में सुविधाओं के साथ बसाने की पूरी तैयारी प्रबंधन ने कर ली है. इसकी प्रक्रिया भी जारी है. इसके अलावा जारंगडीह ढोरी माता अस्पताल के समीप जंगल में बने मैगजीन को भी शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. कारो ओसीपी के माइंस विस्तार की राह में शिफ्टिंग बड़ी समस्या है. कारो बस्ती के ग्रामीणों को शिफ्ट करने के लिए करगली स्लरी पौंड के निकट छह करोड़ रुपये की लागत से तेज गति से निर्माण कार्य चल रहा है. यहां फिलहाल 200 ग्रामीणों को शिफ्ट किया जाना है. इन दोनों परियोजनाओं के अलावा सौ से ज्यादा पुरानी बोकारो कोलियरी के माइंस विस्तार में भी शिफ्टिंग समस्या है. कुल 11 सौ संगठित व असंगठित मजदूरों को शिफ्ट करना था. इसमें से करीब 866 को शिफ्ट किया जा चुका है. 240 मजदूरों को शिफ्ट किया जाना बाकी है. इन मजदूरों के शिफ्ट हो जाने के बाद यहां से कुल 16 लाख टन कोयला मिलेगा. जबकि माइंस के साउथ साइड में ओबी रि-हैंडल करने के बाद पांच लाख टन कोयला मिलेगा. इसके बाद कोलियरी से आने वाले उत्पादन-उत्पादकता के संकट को देखते हुए अब इस कोलियरी को लॉन्ग टर्म आउटसोर्सिंग से चलाने की प्रबंधकीय कवायद चल रही है.ऐसे बढ़ता गया बीएंडके एरिया का उत्पादन
वित्तीय वर्ष उत्पादन2008-09 25498432009-10 28517832010-11 2650501
2011-12 23469702012-13 25936852013-14 26700762014-15 4540490
2015-16 53682382016-17 60152782017-18 65516012018-19 6444737
2019-20 79333342020-21 47615362021-22 71398282022-23 8150736
2023-24 7002134डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है