कोल इंडिया कर्मियों के परफॉर्मेंस लिंक रिवार्ड (बोनस) के मुद्दे पर बैठक रविवार को दिल्ली में होगी. बैठक में मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि और कोल इंडिया और एससीसीएल के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे. कोल कर्मियों को दुर्गा पूजा में मिलने वाली बाेनस की राशि तय करने काे लेकर काेल इंडिया व उनकी सहायक कंपनियों के अधिकारियों के साथ यह बैठक 11 बजे से दिल्ली के स्कोप कांप्लेक्स स्थित कोल इंडिया के कार्यालय में होगी. इसमें कोल इंडिया डीपी विनय रंजन, डीएफ देवाशीष नंदा, बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता, बीसीसीएल के डीपी मुरली कृष्ण रमैय्या, एमसीएल, सीसीएल के डीपी, सीएमपीडीआइ के डीटी समेत अन्य अधिकारी शामिल होंगे. जबकि यूनियन प्रतिनिधियों में बीएमएस के दो, एचएमएस के दो व एटक व सीयू के एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे.
इस बार एक लाख से अधिक बोनस की मांग
बीते साल कर्मियों को 76500 रुपये बोनस के रूप में मिला था. इस बार मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि एक लाख रुपये से अधिक बोनस की मांग करेंगे. इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के महासचिव एसक्यू जमा ने कोल इंडिया के चेयरमैन और निदेशक कार्मिक को पत्र लिख कर कहा है कि इस बार एक लाख रुपये के कम बोनस नहीं मिलना चाहिए. एचएमएस से संबद्ध कोल फील्ड मजदूर यूनियन ने बोनस के रूप में 1.50 लाख रुपये की मांग की है. इसमें प्रबंधन की ओर से निदेशक कार्मिक विनय रंजन, निदेशक वित्त देवाशीष नंदा, बीसीसीएल सीएमडी समिरन दत्ता, एमसीएल के डीपी केशव राव, सीसीएल के डीपी एचएन मिश्र, सीएमपीडीआइ के निदेशक शंकर नागाचारी, एनसीएल निदेशक मनीष कुमार, इसीएल निदेशक अतुल स्वाइन, बीसीसीएल के निदेशक कार्मिक मुरली कृष्ण रमैया, एसइसीएल के निदेशक देवाशीष आचार्या, डब्ल्यूसीएल के निदेशक कार्मिक जयप्रकाश आचार्या, एसइसीसीएल के एन बलराम, कोल इंडिया के इडी वित्त एनके मेहता मौजूद रहेंगे. यूनियन की ओर से बीएमएस से सुधीर गुर्डे व मजरुल हक अंसारी, एचएमएस से नाथूलाल पांडेय और शिवकांत पांडेय, एटक के रमेंद्र कुमार व सीटू से डीडी रामानंदन हिस्सा लेंगे.
उपस्थिति के अनुसार होता है बोनस राशि का निर्धारण
जानकारी के अनुसार तीन परिस्थितियों में कोयला कर्मियों को बोनस नहीं मिलेगा. वित्तीय वर्ष में उपस्थिति 30 दिन से कम हो, वर्ष 1961 के अप्रेंटिस एक्ट के तहत स्टाईपेंड मिलता हो या बर्खास्त किये गये हो. उन्हीं कामगारों को पूरी बाेनस राशि मिलेगी, जिनकी उपस्थिति साल में 313 दिन होगी. यानि साल के 365 दिन में 52 दिन साप्ताहिक अवकाश को छोड़ कर. उपस्थिति के आधार पर राशि का भुगतान होगा. बोनस निर्धारण की अवधि गत वित्तीय वर्ष के एक अप्रैल से 31 मार्च होती है.
बोनस की बैठक में नहीं रह पाएगी इंटक
इंटक के कई गुटों का मामला न्यायालय में विचाराधीन रहने के कारण इस बार फिर बोनस की बैठक से इंटक बाहर रहेगी. बैठक में मजदूर संगठन एटक, एचएमएस, बीएमएस व सीटू के नेता शिरकत करेंगे. मालूम हो कि वर्ष 2016 में इंटक का मामला कोर्ट में चले जाने के बाद कोर्ट के आदेश से फिलहाल इंटक कोल इंडिया की सभी कमेटियों से बाहर है. लेकिन वेतन समझौता-11 में कोलकाता उच्च न्यायालय के डबल बेंच के आदेश के बाद राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के कुमार जयमंगल सिंह व एसक्यू जामा जेबीसीसीआइ-11 की बैठक में अंतिम समय में शामिल हु्ए तथा एनसीडब्लूए-11 के फाइनल एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी किया. इसके बाद से इंटक पुन: सभी कमेटियों से बाहर है.
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