निजीकरण की पहल से संकट में है कोयला मजदूरों का अस्तित्व : रघुनंदन
करगली बाजार में कोल फील्ड मजदूर यूनियन की बैठक में दूसरी यूनियनों को छोड़ कर कई मजदूरों ने ली सदस्यता
फुसरो. हिंद मजदूर सभा से संबद्ध कोल फील्ड मजदूर यूनियन ढोरी एरिया की बैठक शनिवार को करगली बाजार स्थित यूनियन के प्रधान कार्यालय में हुई. विभिन्न श्रमिक संगठनों को छोड़कर दर्जनों कामगारों ने सीएमयू की सदस्यता ली. मुख्य अतिथि यूनियन के महामंत्री राघवन रघुनंदन ने इनका स्वागत किया. अपने संबोधन में श्री रघुनंदन ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूर विरोधी है. इस सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने की जरूरत है. केंद्र में जब से भाजपा सरकार सत्ता में आयी है, लगातार कोयला उद्योग को कमजोर करते हुए पूंजीपतियों को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है. केंद्र सरकार के निजीकरण की पहल से कोयला मजदूरों का अस्तित्व संकट में है. कहा कि 140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोग मजदूर हैं. यह सरकार 80 करोड़ मजदूरों को पांच किलो अनाज में जिंदा रखना चाहती है. उन्होंने कहा कि कोयला खदानों में जान जोखिम में डालकर काम करने वाले ठेका मजदूरों को हाइपावर कमेटी द्वारा निर्धारित मजदूरी का भुगतान नहीं कर ठेका कंपनियों उनका आर्थिक शोषण कर रही हैं. ढोरी क्षेत्रीय सचिव आर उनेश ने कहा कि यूनियन में नये सदस्यों के शामिल होने से संगठन मजबूत होगा. यूनियन में शामिल होने वालों में मोहन दास, संतोष कुमार, जीवलाल महतो, नुनूचंद साहू, संजीत कुमार बाउरी, रमेश कुमार, प्रमोद यादव, सृष्टिधर बाउरी, नितेश कुमार नायक, सुरेंद्र नानिया, गुरुवार देवी शांति देवी आदि शामिल थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष राजू भूखिया ने की. मौके पर क्षेत्रीय अध्यक्ष राजू भूखिया, पंकज जायसवाल, शिवाजी सिंह, संतोष कुमार, शैलेश झांसी, हरिबाबू लंका, शंकर सिंह, काली दास गुप्ता, राजेश रवानी, शैलेंद्र कुमार आदि मौजूद थे.
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