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चास के जीवनदीप हॉस्पिटल में भ्रूण हत्या की मिली शिकायत, तो आशा शशि अस्पताल में मिली गड़बड़ी, हुई कार्रवाई

Jharkhand news, Bokaro news : क्लीनिकल इस्टैब्लीसमेंट एक्ट (Clinical establishment act) की 5 सदस्यीय टीम बुधवार को चास के 3 प्राइवेट हॉस्पिटलों में छापेमारी की. नेतृत्व एक्ट के स्टेट नोडल पदाधिकारी डॉ राहुल कुमार सिंह और स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ एसएन झा ने किया. सोलागीडीह में संचालित जीवनदीप हॉस्पिटल में एक्ट टीम को भ्रूण हत्या के साक्ष्य मिले. टीम ने जानकारी एसडीओ को दी. एसडीओ शशि प्रकाश सिंह के आदेश पर सीओ दीवाकर प्रसाद द्विवेदी की मौजूदगी में अस्पताल को सील कर दिया गया. वहीं, अस्पताल संचालक रजनीकांत व एक नर्स को गिरफ्तार कर लिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2020 6:01 PM

Jharkhand news, Bokaro news : बोकारो : क्लीनिकल इस्टैब्लीसमेंट एक्ट (Clinical establishment act) की 5 सदस्यीय टीम बुधवार को चास के 3 प्राइवेट हॉस्पिटलों में छापेमारी की. नेतृत्व एक्ट के स्टेट नोडल पदाधिकारी डॉ राहुल कुमार सिंह और स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ एसएन झा ने किया. सोलागीडीह में संचालित जीवनदीप हॉस्पिटल में एक्ट टीम को भ्रूण हत्या के साक्ष्य मिले. टीम ने जानकारी एसडीओ को दी. एसडीओ शशि प्रकाश सिंह के आदेश पर सीओ दीवाकर प्रसाद द्विवेदी की मौजूदगी में अस्पताल को सील कर दिया गया. वहीं, अस्पताल संचालक रजनीकांत व एक नर्स को गिरफ्तार कर लिया गया.

वहीं, तलगडिया में संचालित आशा शशि हॉस्पिटल में एक्सपायरी दवा, बिना योग्यता के कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी को एक्ट का पालन करते नहीं पाया गया. इस दौरान टीम ने जमकर फटकार लगायी. जबकि, चास में संचालित लक्ष्मी नर्सिंग होम को बिना रजिस्ट्रेशन के चलाते पाया गया. हालांकि, हॉस्पिटल में एक भी मरीज इलाज के लिए दाखिल नहीं मिला. दोनों हॉस्पिटलों पर फाइन लगायी गयी. टीम में बोकारो के डॉ एस टुडू और जिला महामारी नियंत्रण विशेषज्ञ डीडीएम कुमारी कंचन भी शामिल थी.

चास के जीवनदीप हॉस्पिटल में भ्रूण हत्या की मिली शिकायत, तो आशा शशि अस्पताल में मिली गड़बड़ी, हुई कार्रवाई 2

एक्ट के नोडल डॉ राहुल ने बताया कि आशा शशि हॉस्पिटल में एक्ट का पूरा उल्लंघन किया जा रहा है. 7- 8 मरीज दाखिल थे. एक भी डॉक्टर हॉस्पिटल में नहीं मिले. टीम को एक्सपायरी दवा मिला. स्वास्थ्य कर्मी के पास हॉस्पिटल के योग्य प्रमाण पत्र भी नहीं था. मनमाने तरीके से हॉस्पिटल चलाया जा रहा है. किसी भी प्रोटोकोल का पालन हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा नहीं किया जा रहा है.

इस संबंध में डॉ राहुल ने कहा कि इससे पूर्व भी आशा शशि हॉस्पिटल में लापरवाही की शिकायत मिली थी. उस वक्त भी हॉस्पिटल प्रबंधन को फटकार लगाया गया था. उस वक्त 50 हजार का फाइन किया गया था. साथ ही सुधार करने को कहा गया था. आगे एक्ट का उल्लंघन मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. वहीं, दूसरी ओर चास में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे लक्ष्मी नर्सिंग होम को नोटिस के साथ-साथ फाइन लगाया जायेगा. भविष्य में बिना रजिस्ट्रेशन के अस्पताल चलाने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

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इस संबंध में चास एसडीओ शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि सोलागीडीह में संचालित जीवनदीप हाॅस्पिटल में सीइए टीम ने छापेमारी की है. उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या से जुड़ा मामला प्रतीत होता है. एक्ट टीम की कार्रवाई के अनुसार, हॉस्पिटल को सील किया गया है. साथ ही संचालक व एक नर्स को गिरफ्तार किया गया है.

एक्ट का पालन नहीं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई : डॉ राहुल

कैंप दो स्थित सदर अस्पताल प्रांगण में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट टीम ने बोकारो के प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों के साथ बैठक की. अध्यक्षता एक्ट के नोडल पदाधिकारी डॉ राहुल कुमार सिंह एवं संचालन डिप्टी हेल्थ डायरेक्टर डॉ एसएन झा ने किया. इस दौरान डॉ राहुल ने कहा कि बोकारो जिले में चलने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी की लगातार शिकायतें मिल रही है. संचालक एक्ट के पालन करने को लेकर गंभीर नहीं है. उन्हें समझ जाना चाहिए कि हर हाल में उन्हें क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का पालन करना ही होगा. एक्ट का पालन नहीं करने वाले हॉस्पिटल प्रबंधकों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. औचक निरीक्षण एवं छापेमारी के दौरान पहली बार फाइन लगाकर एवं समझा कर समय दिया जायेगा, जबकि अगली बार सीधे तौर पर कानूनी कार्रवाई करते हुए नर्सिंग होम को सील तक किया जा सकता है. अस्पताल की आड़ में भ्रूण हत्या एवं सोनोग्राफी द्वारा लिंग परीक्षण करने वाले को सीधे जेल जाना होगा. इसमें किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी जा सकती है.

वहीं, डिप्टी डायरेक्टर डॉ झा ने कहा कि समाज को स्वस्थ रखने की जिम्मेवारी सभी की है. प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों की भूमिका अहम है. ऐसे में अपनी जिम्मेदारियों का पालन ईमानदारी पूर्वक करें. किसी भी हाल में मरीज का दोहन ना करें. एक्ट का पूरी तरह पालन करें. अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी सूचना, बीमारी से जुड़ी राशियों का विवरण, चिकित्सकों की सूची के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों की भी सूची अवश्य लगाएं. जैविक कचरा के निष्पादन में सक्रियता बरतें. कोताही करने वालों को कानूनी कार्रवाई तक का सामना करना होगा.

Posted By : Samir Ranjan.

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