राकेश वर्मा, बेरमो : गिरिडीह संसदीय सीट पर 1952 से अब तक के चुनावों में कांग्रेस ने पांच बार जीत दर्ज की है, पर इधर साल 2004 के बाद से यहां से कोई प्रत्याशी दिया ही नहीं. दरअसल यह सीट गठबंधन के तहत झामुमो के कोटे मेंआता रहा है. 1952 में नागेश्वर प्रसाद सिन्हा, 1967 में डॉ इम्तियाज अहमद, 1971 में चपलेंदु भट्टाचार्य, 1980 में बिंदेश्वरी दुबे और 1984 में डॉ सरफराज अहमद ने कांग्रेस के टिकट पर यहां से जीत दर्ज की थी, पर करीब चार दशक से कांग्रेस को यहां से जीत नसीब नहीं हुई है. गठबंधन के कारण वर्ष 2004, 2009, 2014, 2019 और अब 2024 में इस सीट से कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारा ही नहीं है.
84 की लहर में जीते थे सरफराज :
वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस के टिकट पर डॉ सरफराज अहमद ने गिरिडीह से जोरदार जीत दर्ज की थी. उन्होंने झामुमो प्रत्याशी बिनोद बिहारी महतो को पराजित किया था. इसके बाद 1989 के चुनाव में कांग्रेस के सरफराज अहमद तीसरे स्थान पर चले गये थे. 1991 के मध्यावधि चुनाव में भी कांग्रेस उम्मीदवार सरफराज अहमद तीसरे स्थान पर रहे. इसके बाद वर्ष 1996 में पार्टी ने कांग्रेस व इंटक नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह को मैदान में उतारा, पर वह काफी ज्यादा मतों के अंतर से भाजपा से पराजित हो गये. पुन: 1998 के मध्यावधि चुनाव में राजेंद्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी बने. भाजपा को कड़ी टक्कर दी तथा काफी कम अंतर से हार गये. इसके बाद पुन: 1999 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र सिंह बनाये गये तथा काफी कम मतों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी रवींद्र कुमार पांडेय से पराजित हुए. पिछले पांच चुनावों से इस सीट पर यूपीए (अब इंडिया गठबंधन) गठबंधन के तहत झामुमो प्रत्याशी दे रहा है. 2004 और 2009 में झामुमो के टेकलाल महतो तथा 2014 व 2019 में जगरनाथ महतो चुनाव लड़े. इस वर्ष होने वाले चुनाव में टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो झामुमो के प्रत्याशी हैं. इसमें एक बार 2004 में टेकलाल महतो को जीत मिली.
1952 में जीते थे कांग्रेस के नागेश्वर प्रसाद :
वर्ष 1952 के चुनाव में गिरिडीह सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नागेश्वर प्रसाद सिन्हा ने जीत दर्ज की थी. 1957 के चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रहे थे. वर्ष 1962 के चुनाव में कांग्रेस के चपलेंदु भट्टाचार्य दूसरे स्थान पर रहे थे. वर्ष 1967 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी इम्तियाज अहमद ने जीत दर्ज की थी. 1971 के चुनाव में कांग्रेस से चपलेंदु भट्टाचार्य ने जीत का परचम लहराया. 1977 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इम्तियाज अहमद दूसरे स्थान पर रहे थे. 1980 के चुनाव में कांग्रेस व इंटक नेता बिंदेश्वरी दुबे को पार्टी प्रत्याशी बनाया गया. वह जनता पार्टी के रामदास सिंह को हरा कर पहली बार सांसद बने थे.
1957 में बजा था राजा पार्टी का डंका :
गिरिडीह सीट पर वर्ष 1957 के चुनाव में छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी (राजा पार्टी) के प्रत्याशी काजी एसए मतीन ने कांग्रेस के नागेश्वर प्रसाद सिन्हा को हराया था. इसके पहले 1952 के चुनाव में राजा पार्टी के तारा किशोर पार्टी दूसरे स्थान पर रहे थे. 1962 के चुनाव में एसडब्ल्यूए के प्रत्याशी बटेश्वर सिंह ने कांग्रेस के चपलेंदु भट्टाचार्य को हराया था. कहते हैं कि 1952 से 1967 के चुनाव में राजा पार्टी की ओर से राजा रामगढ़ का हेलीकॉप्टर यहां चुनाव प्रचार के लिए लाया जाता था. इसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती थी.