बेरमो. बेरमो प्रखंड के जरीडीह बाजार और पेटरवार प्रखंड के चलकरी के बीच दामोदर नदी पर पुल निर्माण कार्य शुरू हो गया है. योजना 22.56 करोड़ रुपये की है. संवेदक द्वारा फिलहाल दो स्पेन की खुदाई की गयी है. सरकार के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने 19 जुलाई 2023 को महालेखाकार को पत्र भेज कर इस योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी थी. आठ जून 2021 को बेरमो विधायक कुमार जयमंगल ने ग्रामीण विकास, झारखंड सरकार के सचिव को पत्र लिख कर इसके अलावा जरीडीह प्रखंड की चिलगड्डा पंचायत के सुंदरो और गोपालपुर के बीच इजरी नदी पर पुल निर्माण किये जाने की मांग की थी. पत्र में कहा था कि दोनों पुल का निर्माण हो जाने से बेरमो, पेटरवार, जरीडीह प्रखंड के आसपास के लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी.
बेरमो विस क्षेत्र में दामोदर नदी पर फिलहाल बने हैं पांच पुल
झारखंड राज्य गठन के बाद बेरमो विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर दामोदर नदी पर पांच बड़े-बड़े पुल का निर्माण किया गया. वर्ष 2007-08 में गिरिडीह के तत्कालीन सांसद स्व टेकलाल महतो व बेरमो के तत्कालीन विधायक योगेश्वर महतो बाटुल के कार्यकाल में खेतको में दामोदर नदी पर विशेष प्रमंडल से करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण हुआ. इसके बाद पूर्व मंत्री स्व राजेंद्र प्रसाद सिंह की अनुशंसा पर वर्ष 2014 में साढ़े दस करोड़ की लागत से चलकरी व रामबिलास उच्च विद्यालय के बीच दामोदर नदी पर बनने वाले पुल का शिलान्यास किया था. इसके बाद बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल के कार्यकाल में करगली फिल्टर प्लांट और चलकरी के बीच दामोदर नदी पर 2014-15 में 36 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण किया गया. इसके बाद विशेष प्रमंडल द्वारा अंगवाली और फुसरो के बीच 2007-8 में पुल का निर्माण कराया गया. भंडारीदह-तांतरी के बीच 34 करोड़ की लागत से पूर्व मंत्री स्व जगरनाथ महतो व पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल के प्रयास से पुल का निर्माण हुआ.20 किमी के दायरे में हैं चार पुल
बेरमो विधानसभा क्षेत्र में मात्र 20 किमी के दायरे में दामोदर नदी पर चार बड़े पुल हैं. वर्ष 2000 के पहले इस क्षेत्र में एक भी पुल नहीं रहने के कारण दूसरे छोर में रहने वाले लोगों का बेरमो प्रखंड के इलाके से संपर्क कटा हुआ था. लोगों को कई किमी घूमकर आना पड़ता था.डीआरएंडआरडी का जर्जर पुल है खतरनाक
80 के दशक में जब सीसीएल के बीएंडके एरिया में डीआरएंडआरडी परियोजना की नींव पड़ी थी, तब जारंगडीह-चलकरी होते हुए फुसरो तक रेलवे लाइन को मोड़ने के उद्देश्य से करोड़ों की लागत से पुल बनाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन न तो आज तक रेल लाइन मुड़ी और ना ही इस रूट से रेल परिचालन का सपना ही साकार हो सका. रेलवे द्वारा जरीडीह बाजार व चलकरी के बीच करोड़ों की लागत से अर्द्धनिर्मित पुल दामोदर नदी के ऊपर बनाया गया. इसके बाद बीएंडके प्रबंधन ने एक ओर से आवागमन के लिए कुछ वर्ष पहले पुल पर स्लैब बैठाया. सीसीएल प्रबंधन की ओर से चलकरी से जरीडीह जाने के लिए पुल के बायीं तरफ से रेलिंग भी लगायी गयी है. अभी भी यह पुल काफी खतरनाक स्थिति में है. हर दिन इस पुल से होकर सैकड़ों ग्रामीणों के अलावा छात्र-छात्राएं पैदल गुजरते हैं. पुल से गुजरने के क्रम में कई लोग 200 फीट नीचे दामोदर नदी में गिर कर जान गंवा चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है