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झारखंड : कोल हैंडलिंग प्लांट के निर्माण से घटेगी ट्रकों से ट्रांसपोर्टिंग, कोल डिस्पैच बढ़ाने पर जोर

सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद ने बोकारो स्थित बीएंडके एरिया के खासमहल कोनार परियोजना का निरीक्षण करते हुए कहा कि एकेके ओसीपी में कोल हैंडलिंग प्लांट बनेगा. 200 करोड़ की लागत से बनने वाले सीएचपी की क्षमता पांच एमटीपीए की होगी और इसका कार्य 18 माह में पूरा करना है.

Jharkhand News: एकेके ओसीपी में सीएचपी का निर्माण हो जाने के बाद ट्रांसपोर्टिंग मूवमेंट कम हो जाएगी. यहां तक की पेलोडर का उपयोग भी लगभग बंद हो जाएगा. सीएचपी (कोल हैंडलिंग प्लांट) के माध्यम से सीधे कोयला कोनार रेलवे साइडिंग जायेगी और एक बार में एक रैक कोयला लोड होगा. इससे कोयले का डिस्पैच भी बढ़ेगा. ये बातें सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने बोकारो स्थित बीएंडके एरिया के खासमहल कोनार परियोजना के निरीक्षण के दौरान कही. उनके साथ सीसीएल के डीटी (पीएंडपी) बी साईं राम भी थे.

200 करोड़ की लागत से बनेगा सीएचपी

सीएमडी ने परियोजना में 200 करोड़ की लागत से बनने वाले सीएचपी के स्थल का निरीक्षण किया. सीएमडी ने उपस्थित जीएम एम कोटेश्वर राव से यहां स्थित जमीन के बारे में जानकारी ली. साथ ही सीएचपी के मैप को देखा और निर्माण करने वाली कंपनी के अधिकारियों को जल्द से जल्द प्लांट निर्माण कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया. कहा कि सीएचपी की क्षमता पांच एमटीपीए की होगी और इसका कार्य 18 माह में पूरा करना है.

माइंस विस्तार के बारे में ली जानकारी

इस दौरान सीएमडी ने माइंस विस्तार के बारे में भी जानकारी ली. माइंस से सटे बरवाबेड़ा गांव के चल रहे शिफ्टिंग कार्य के बारे में जानकारी ली और उसमें हो रही परेशानियों को जल्द दूर करने और ग्रामीणों को हर संभव सहयोग करने की बात कही. सीएमडी ने एसीसी सदस्यों से सहयोग करने की अपील की. सीएमडी ने परियोजना के आउटसोर्सिंग तथा विभागीय पैच का भी निरीक्षण किया और उत्पादन की गति बढ़ाने का निर्देश दिया. उन्होंने माइंस तथा आसपास के क्षेत्रों में लाइटिंग की और भी बेहतर व्यवस्था करने की बात कही. कहा कि उत्पादन लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना है.

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हर एरिया में हैं अलग-अलग चुनौतियां

पत्रकारों से बातचीत में सीएमडी श्री प्रसाद ने कहा कि आने वाले समय में उत्पादन तथा अन्य क्षेत्रों में और भी डेवलपमेंट का कार्य करना है. कहा कि बरवाबेड़ा गांव के शिफ्टिंग की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है. ग्रामीणों को उचित मुआवजा देकर पुनर्वास स्थल में शिफ्ट कराया जा रहा है. पांच करोड़ रुपये मुआवजा राशि के रूप में वर्तमान में कंपनी को उपलब्ध हुए हैं, जिसका वितरण भी जल्द शुरू किया जायेगा. गांव के शिफ्ट होने के बाद इसके गर्भ में भी कोयले का भंडार मिलेगा. सीएमडी ने कहा कि एरिया के कारों माइंस का फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल गया है. कारो बस्ती को भी जल्द शिफ्ट कराना होगा. ग्रामीणों की सहमति से उनका पुनर्वास किया जाएगा. लैंड की समस्या के कारण ही कारो परियोजना उत्पादन में पीछे चल रही है, परंतु आने वाले समय में यहां से भी बेहतर उत्पादन होगा. उन्होंने कहा कि हर एरिया में अलग-अलग चुनौतियां हैं और उन चुनौतियों को पार करते हुए उत्पादन लक्ष्य को हासिल करना होगा.

हैदराबाद की कंपनी करेगी सीएचपी का निर्माण

मालूम हो कि सीएचपी का निर्माण हैदराबाद की कंपनी हेमटेक द्वारा किया जाएगा और इसकी इसकी लागत लगभग 200 करोड़ रुपये की होगी. इस मौके पर जीएम एम कोटेश्वर राव, एकेके ओसीपी, कारो, बोकारो कोलियरी के पीओ कन्हैया शंकर गेवाल, सत्येंद्र कुमार, अरविंद कुमार शर्मा, खान प्रबंधक सुमेधा नंदन, अधिकारी राजीव कुमार, शंभु कुमार झा, आर के प्रधान, विजय सिंह, गौतम मोहंती, कुमार सौरभ सिंह, प्रवीण कुमार, आउटसोर्सिंग कंपनी केएसएमएल के निदेशक अजय खेमका, जीएम गौरीशंकर, बीकेबी के निदेशक सुशील अग्रवाल, एसीसी सदस्य टीनू सिंह, गजेंद्र प्रसाद सिंह, विजय कुमार भोई, शक्ति प्रसाद मंडल, दिलीप मरीक, सुशील कुमार सिंह, आभास चंद्र गंगुली, सुरेश प्रसाद शर्मा, राम निहोरा सिंह, मनोज पासवान, अनिल कुमार सिंह, यूसीसी सदस्य संतोष कुमार, सुभाष, संजय यादव सहित कई लोग उपस्थित थे.

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