ठेका मजदूर जसविंदर सिंह ने फुटबॉल में बनायी पहचान

ठेका मजदूर जसविंदर सिंह ने फुटबॉल में बनायी पहचान

By Prabhat Khabar News Desk | August 28, 2024 11:32 PM

विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा :

फुटबॉल खेल में चंद्रपुरा निवासी सरदार जसविंदर सिंह पूरे राज्य में जाना-पहचाना नाम है. 80-90 के दशक में गिरिडीह व धनबाद जिला में एक गोलकीपर के रूप में उभरे और राज्य व जिला स्तरीय मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन कर अपनी पहचान बनायी. पटना के गर्दनीबाग में हर वर्ष राजेंद्र प्रसाद के नाम से फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन होता रहा है. वर्ष 1997 में धनबाद की टीम ने इसमें भाग लिया था. फाइनल में मुकाबला बिहार पुलिस की टीम के साथ था. निर्धारित समय तक दोनों टीमें बराबरी पर रही. टाई ब्रेकर में दोनों टीमें दो-दो गोल कर चुकी थी. तीसरा गोल धनबाद टीम की ओर से किया जा चुका था. धनबाद टीम के गोलकीपर जसविंदर सिंह ने तीसरा गोल बेहतरीन तरीके से बचा लिया और नबाद की टीम 3-2 से जीत गयी. यह पहला मौका था जब बाहर की कोई टीम इस प्रतियोगिता को जीत पायी थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने जसविंदर सिंह पुरस्कृत किया. उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि एक सरदार ने पूरे बिहार को हरा दिया. 30 वर्षों से चंद्रपुरा थर्मल प्लांट में ठेका मजदूर के रूप में कार्यरत रहे जसविंदर सिंह ने बाद में बाद में रेफरी के रूप में कैरियर शुरू किया और एक मुकाम हासिल किया है. वह रेफरी एसोसिएशन धनबाद जिला से जुड़े हैं. धनबाद, बोकारो, रांची आदि जिलों में जब भी बडी फुटबॉल प्रतियोगिताओं में उन्हें रेफरी के रूप में बुलाया जाता है. 54 वर्षीय श्री सिंह ने रेफरी के प्रथम जिला ग्रेड वर्ष 2007, स्टेट क्लास टू 2009, स्टेट क्लास वन 2011 व एपीयर नेशनल वर्ष 2013 में पास किया. श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 1990 में कोच सुभाष लोध ने उन्हें धनबाद जिला में पहचान दिलायी थी. फुटबॉल खेलने की प्रेरणा चंद्रपुरा के सीनियर नेशनल खिलाड़ी मो सनवर हुसैन से मिली. उन्होंने प्रथम स्कूल अंतर 14 नेशनल गेम (सुब्रतो कप) 1985 एवं अंंतर 17 नेशनल एआईएफएफ बिहार से खेला. वर्ष 1990 में प्रथम पंजीकरण गिरिडीह जिला से हुआ. धनबाद जिला से 1991, 1992, 1993, 1994 में अंतर्राज्यीय प्रतियोगिताओं में लगातार भाग लिया. धनबाद जिला में कई बार उन्हें गोलकीपर द ईयर मिला. उन्हें कई अंंतर जिला व राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं, ऑल इंडिया प्रतियोगिताओं में रेफरी की भूमिका निभाने को मिला. वर्ष 2008 में टाटा डिगवाडीह (धनबाद) फुटबॉल मैदान में आयोजित बांग्लादेश और भारत के बीच हुए राष्ट्रीय फुटबॉल मैच में रेफरी की भूमिका निभायी.

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