Coronavirus In Jharkhand : नीति आयोग ने चेताया, लापरवाही नहीं रुकी, तो तीसरी लहर में एक दिन में मिलेंगे पांच लाख मरीज

Coronavirus In Jharkhand, रांची न्यूज : नीति आयोग ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को चेताया है कि यदि लापरवाही नहीं रुकी, तो तीसरी लहर में एक दिन में पांच लाख से अधिक कोरोना के मरीज मिलेंगे. नीति आयोग की यह रिपोर्ट कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ हुई बैठक में प्रजेंटेंशन के माध्यम से दिखाया गया. आयोग द्वारा कहा गया है कि तीसरी लहर का आना न आना नागरिकों पर निर्भर करता है. यदि नागरिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, तो तीसरी लहर रुक सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2021 11:15 AM
an image

Coronavirus In Jharkhand, रांची न्यूज : नीति आयोग ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को चेताया है कि यदि लापरवाही नहीं रुकी, तो तीसरी लहर में एक दिन में पांच लाख से अधिक कोरोना के मरीज मिलेंगे. नीति आयोग की यह रिपोर्ट कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ हुई बैठक में प्रजेंटेंशन के माध्यम से दिखाया गया. आयोग द्वारा कहा गया है कि तीसरी लहर का आना न आना नागरिकों पर निर्भर करता है. यदि नागरिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, तो तीसरी लहर रुक सकती है.

इसकी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग (आइइसी) के नोडल पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि पहली लहर में एक दिन में अधिकतम 97807 केस मिले थे. दूसरी लहर में देशभर में एक दिन में अधिकतम 412624 संक्रमित मिले थे. केस अब कम हो रहे हैं. यदि लोगों ने लापरवाही नहीं रोकी, तो तीसरी लहर में यह आंकड़ा एक दिन में पांच लाख से अधिक पार कर जायेगा. फरवरी जैसी लापरवाही बरती गयी, तो काफी मुश्किल होगी.

Also Read: Complete Lockdown In Jharkhand : झारखंड में आज कंप्लीट लॉकडाउन, बेवजह घरों से नहीं निकलें, सिर्फ इन्हें मिली है पाबंदियों से रियायत

स्वास्थ्य विभाग (आइइसी) के नोडल पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि नीति आयोग ने एक स्टडी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा है कि पहली लहर के बाद लोगों ने फरवरी 2021 में कोरोना के प्रति लापरवाही दिखायी. इसका परिणाम यह हुआ कि दूसरी लहर मारक साबित हुई. आयोग द्वारा कहा गया है कि तीसरी लहर का आना न आना नागरिकों पर निर्भर करता है. यदि नागरिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, तो तीसरी लहर रुक सकती है. फरवरी जैसी लापरवाही बरती गयी, तो काफी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा.

Also Read: नहीं मिली सहमति, तो वर्ल्ड रेस वॉकिंग चैंपियनशिप की मेजबानी से चूक जायेगा झारखंड

Posted By : Guru Swarup Mishra

Exit mobile version