कसमार (बोकारो) : लॉकडाउन में गांव आने के लिए ग्रामीण अभी भी तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में प्रखंड के विभिन्न गांवों में अनेक लोग विभिन्न माध्यमों से अपने घर लौटे हैं. इसी बीच सिंहपुर, मुरहुलसुदी एवं कसमार पंचायत के नौ श्रमिक ओड़िशा के राउरकेला से करीब 400 किमी दूरी पैदल ही तक करके अपने घरों में पहुंच गये.
इनमें मुरहुलसुदी के अनिल महतो और भुनेश्वर महतो, सिंहपुर के नवल किशोर महतो, खिजरा गांव के रामेश्वर महतो, गुरुपद महली, दिलीप महतो, चक्रधर महतो एवं विनोद महतो एवं कसमार पंचायत के फुटलाही गांव के सुनील महतो शामिल हैं. खिजरा स्थित सरकारी विद्यालय, मुरहुलसुदी मध्य विद्यालय में बने क्वारंटाइन सेंटर में स्थानीय ग्राम पंचायत के सहयोग से सात श्रमिकों को रखा गया है.
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सिंहपुर के नवल किशोर और फुटलाही के सुनील महतो को सरकारी अस्पताल में चिकित्सा प्रभारी डॉ नवाब की देखरेख में प्राथमिक जांच के बाद बुखार, सर्दी, खांसी या अन्य कोई लक्षण नहीं मिलने पर होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गयी है. रविवार को चिकित्सकीय जांच में पहुंचे नवल किशोर महतो ने बताया कि वे सभी राउरकेला स्थित स्टील प्लांट में ठेकेदार के अधीन रहकर सरिया सटरिंग का काम करते थे.
लॉकडाउन में घर जाने के लिए काफी दिनों से प्रयासरत थे. कोई साधन नहीं मिलने पर अन्य 8 साथियों के साथ एक अप्रैल को राउरकेला से पैदल ही कसमार के लिए चल पड़े. रास्ते में उड़ीसा और झारखंड बॉर्डर में पुलिस प्रशासन ने रोका, लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया. झारखंड में भी रास्ते में कई बार पुलिस ने रोका. चांडिल में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फल व ब्रेड खाने को दिया. चार दिन में 400 किमी की दूरी तय कर सभी मजदूर चार अप्रैल को कसमार पहुंचे.