Coronavirus In Jharkhand : झारखंड के झुमरा पहाड़ के गांवों तक घुसा कोरोना, हो रही मौत, लेकिन न जांच की व्यवस्था न इलाज की, झोलाछाप के भरोसे ग्रामीण
कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना तो इनके लिए समझ से परे है. पर जमीनी हकीकत कुछ अलग है. घर-घर में लोग बीमार हैं. मंगरो, चतरोचट्टी, गुरूडीह, नरकंडी, हुरलुंग, चिपरी जैसे गांव में दर्जनों मौत हो चुकी है. चतरोचट्टी पंचायत की मुखिया कोलेश्वरी देवी के पति व सामाजिक कार्यकर्ता महादेव महतो बताया कि पिछले 15 दिनों में पंचायत में 20 लोगों की मौत हो गयी.
Coronavirus Update In Jharkhand, Bokaro Coronavirus Update बोकारो : भितिया, सिमराबेड़ा, चिपरी, मंगरो, चतरोचट्टी, गुरुडीह, रोला, मुरपा तुसको, करमाटांड़, बलथरवा, रोजवा, नरंकडी, हुरलुंग, विष्णुगढ़, गोमिया के रास्ते झुमरा पहाड़ की तलहटी और जंगल के बीच बसे ये दर्जनों गांव हैं. चंद ऐसे गांव हैं, जहां लोगों का आना-जाना आसान नहीं है. बावजूद वहां अब कोरोना ने अपनी धाक जमा ली है. गांव में न जांच की व्यवस्था और न ही लोग मानने को तैयार हैं कि कोरोना जैसी कोई बीमारी है.
कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना तो इनके लिए समझ से परे है. पर जमीनी हकीकत कुछ अलग है. घर-घर में लोग बीमार हैं. मंगरो, चतरोचट्टी, गुरूडीह, नरकंडी, हुरलुंग, चिपरी जैसे गांव में दर्जनों मौत हो चुकी है. चतरोचट्टी पंचायत की मुखिया कोलेश्वरी देवी के पति व सामाजिक कार्यकर्ता महादेव महतो बताया कि पिछले 15 दिनों में पंचायत में 20 लोगों की मौत हो गयी.
यह पूछने पर कि मौत कैसे हुई, श्री महतो का जवाब भी बहुत सटीक था :
जो चल रहा है, लक्षण तो वही था, लेकिन जांच होती नहीं तो बीमारी का नाम क्या बताया जाये. श्री महतो की बातों में इन गांवों के हालात का सच छुपा है. लेकिन इस अभाव व विवशता भरे माहौल में एक सच और भी है. ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सा कार्यकर्ता, जो झोलाछाप डॉक्टर के नाम से प्रचलित हैं.
इनके बूते ही कुछ लोगों की जान भी बच रही है. समय पर इनके पास जो पहुंच रहे हैं, उनको ये गांव के डॉक्टर अपने 15-20 वर्षों के अनुभव और सीमित ज्ञान से उनकी जान भी बचा रहे हैं. कोरोना, बुखार के शुरुआती समय में दवा खिला कर ठीक कर रहे हैं. इस इलाके में दुलारचंद, प्रभु महतो, कविंद्र महतो, भुनेश्वर रविदास, वीरेंद्र पांडेय, बालगोविंद जैसे दर्जनों ग्रामीण चिकित्सक हैं, जिनके पास मरीजों की लंबी कतार लगी है.
इन गांवों का मुआयना करने पर पता चला कि एक-एक ग्रामीण चिकित्सक पिछले एक महीने से औसतन 20 से 25 मरीज देख रहे हैं. इनके गांव में बने क्लीनिक से महीने में 60 हजार से दो लाख रुपये तक की दवा निकली है. हुरलुंग के ग्रामीण चिकित्सक ने बताया कि वह मरीजों से पैसे नहीं लेते, दवा का दाम लेते हैं. यही सिस्टम गांवों में चलता है. उसने बताया कि एक महीने में उसने 70 से 80 हजार रुपये की दवा बेच ली है.
पंचायत स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका
जंगल के बीच बसे चतरोचट्टी के स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटक रहा है. यहां स्वास्थ्यकर्मी नहीं हैं. दिन में भी यहां ताला लटका मिल जायेगा. इन इलाकों में टीकाकरण सही तरीके से नहीं चल रहा है. टीकाकरण को लेकर भ्रम की स्थिति भी है. तरह-तरह की अफवाह है. चिपरी के विषुण ठाकुर तो मान बैठे हैं कि टीका लेने के बाद बचने का कोई उपाय नहीं है. लाख समझाने के बाद भी कई लोगों के मरनेवालों का नाम गिनाने लगेंगे. ऐसे भ्रम को दूर करने के उपाय भी गांव में नहीं हो रहे हैं.
विष्णुगढ़ के अस्पताल में 15 दिन में लगभग हजार लोगों ने कराये इलाज
विष्णुगढ़ प्रखंड के सरकारी और निजी क्लीनिक में लगभग एक हजार लोगों ने पिछले 15 दिनों में इलाज कराया. जुटाये गये आंकड़े के मुताबिक प्रखंड चिकित्सा केंद्र में 556 मरीजों के नाम दर्ज हैं, वहीं निजी चिकित्सकों के पास करीब 400 लोग पहुंचे. विष्णुगढ़ के आसपास के गांव बनासो में आठ लोग, हेठली बोदरा गांव में दो लोगों की मौत और छोटकी भेलवारा में एक के मौत की सूचना मिली थी.
एक दिन में 20-25 मरीज देख रहे हैं गांव के डॉक्टर बाबू, जांच की सुविधा नहीं
दवा का ही सहारा, महीने में 60 हजार से दो लाख रुपये तक की दवा की खपत
घर-घर में हैं बीमार लोग, कोरोना का प्रोटोकॉल जानते नहीं, सुविधावाले शहर में करा रहे इलाज
लापरवाही, बीमारी छिपाने और इलाज के अभाव में हो रही है मौत
विष्णुगढ़ के अस्पताल में 15 दिन में लगभग हजार लोगों ने कराये इलाज
हो रही है मौत, कोई आंकड़ा नहीं, खुद कर रहे हैं अंतिम संस्कार
गांवों में मौत हो रही है, पर मौत रजिस्ट्रड नहीं हो रहे हैं. बीमारी के कारण का पता नहीं है. एक-एक दिन में दो-तीन लोगों की मौत हो जा रही है.
चतरोचट्टी पंचायत में मरनेवाले लोग (पिछले 10 दिनों में हुई मौत)
नेमो ठाकुर,रीतलाल महतो, नाथो महतो, मनोज कुमार केसरी, तुलसी पंडित की पत्नी, कैलाश महतो, द्रौपदी देवी, भुखातनी देवी, निरंजन महतो, देवसहाय सिंह, लखन सिंह
नोट : इस इलाके में हर एक पंचायत में ऐसे ही आंकड़े सामने आयेंगे
Posted By : Sameer Oraon