सीसीएल से मिली 34 एकड़ जमीन का पांच साल में उपयोग नहीं कर पाया फुसरो नगर परिषद
सीसीएल से मिली 34 एकड़ जमीन का पांच साल में उपयोग नहीं कर पाया फुसरो नगर परिषद
फुसरो. फुसरो नगर परिषद के 28 में से 22 वार्डों में सीसीएल अधिग्रहित क्षेत्र होने के कारण विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सीसीएल से एनओसी लेना पड़ता था. ग्रामीण क्षेत्र के वार्ड नंबर 20, 22, 23, 24, 25 व 26 में ही यह मशक्कत नहीं करनी पड़ती थी, क्योंकि यहां रैयती जमीन है. नगर विकास एवं आवास विभाग के हस्तक्षेप से फुसरो नगर परिषद के तीसरे कार्यकाल के शुरू होने के 15 दिनों बाद सीसीएल ढोरी और बीएंडके एरिया प्रबंधन ने एमओयू कर 40.78 एकड़ जमीन नगर परिषद को दी थी. 15 मई 2018 को एमओयू हुआ था. उस समय तीन माह के अंदर 22 योजनाओं को इस जमीन पर धरातल पर उतारने की बात कही गयी थी. लेकिन पांच साल बाद भी मात्र पांच से छह एकड़ जमीन का ही उपयोग कर फुसरो नगर परिषद 57 करोड़ रुपये से फुसरो शहरी जलापूर्ति योजना और बाकी के जमीन पर समुदायिक शौचालय का निर्माण कर पायी है. शेष लगभग 34 एकड़ जमीन पर योजनाओं को लेकर कुछ ना कुछ पेंच फंसता रहता है. कई योजनाओं की डीपीआर नहीं बनी तो कई का टेंडर नहीं हो पाया है. फिलहाल कई योजनाओं को डीपीआर बनाने के लिए विभाग की ओर से कंपनी को बहाल किया गया है. 15 साल में नहीं बन पाया नगर परिषद कार्यालय पूर्व में जमीन के अभाव में फुसरो नगर परिषद कार्यालय के लिए भवन नहीं बन पा रहा था. कई बार राशि आयी और वापस चली गयी. सीसीएल से मिली जमीन में कार्यालय बनाने की भी योजना है. ढोरी खास के समीप शहरी जलापूर्ति योजना के निकट कार्यालय का निर्माण होना है. लेकिन 15 वर्ष से फुसरो नगर परिषद कार्यालय बेरमो प्रखंड सह अंचल कार्यालय के निकट सरकारी भवन में चल रहा है. वर्तमान में बेरमो प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पुराने भवन में नगर परिषद कार्यालय को शिफ्ट कर चलाया जा रहा है. 13 मई 2023 को बेरमो विधायक कुमार जयमंगल ने नगर परिषद कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इसके बाद जूडको की टीम नगर परिषद पहुंची और डीपीआर बनाने के लिए स्थल निरीक्षण किया था. कोल म्यूजियम पार्क का सपना रह गया अधूरा फुसरो नप की ओर से शारदा कॉलोनी में सीसीएल से मिली जमीन में कोल म्यूजियम पार्क का निर्माण होना था. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसे बनाने का फैसला लिया था. यहां कोलियरियों में होने वाले उत्पादन व परिवहन की पूरी प्रक्रिया दिखायी जाने की योजना थी. इसके निर्माण में लगभग 14 करोड़ रुपये से अधिक खर्च आने का अनुमान था. योजना की डीपीआर बनाने का कार्य दिया गया था. लेकिन कोल म्यूजियम पार्क का सपना अधूरा रह गया है. सीवरेज एंड ड्रेनेज योजना को नमामि गंगे योजना से जोड़ा सीवरेज एंड ड्रेनेज योजना को लेकर करगली के खाता संख्या 27 व प्लॉट संख्या 144 में 60 डीसमील, फुसरो के खाता संख्या 1 व प्लॉट संख्या 811 में 15 डीसमील, ढोरी के खाता संख्या 131 व प्लॉट संख्या 3189 में 100 डीसमील, ढोरी के खाता संख्या 131 व प्लॉट संख्या 3058 में 35 डीसमील जमीन में निर्माण कार्य करना है. लेकिन इस योजना को बदल कर केंद्र सरकार की लगभग 250 करोड़ रुपये की नमामि गंगे योजना से जोड़ दिया गया है. नमामि गंगे योजना से फुसरो नगर क्षेत्र में दामोदर नदी को प्रदूषित होन से बचाने पर काम किया जायेगा. इसका डीपीआर बन कर टेंडर हो चूका है. बस टर्मिनल, ऑफिस बिल्डिंग भी ठंडे बस्ते में ढोरी खास के समीप ढोरी के खाता संख्या 131 व प्लॉट संख्या 3189 में 14 एकड़ जमीन पर बस टर्मिनल, ऑफिस बिल्डिंग व पीएमएवाइ का निर्माण करना है. साथ ही विवाह भवन व मल्टी परपस कॉम्प्लेक्स के लिए 12 जुलाई 2023 को जूडको की टीम आकर सर्वे कर गयी है. ढोरी के फुसरो बस स्टैंड के समीप प्लॉट संख्या 2468 में 10 डीसमील, करगली एसबीआइ बैंक के समीप प्लॉट नंबर 182 में 20 डीसमील, अमलो के फिल्ड क्वायरी के समीप प्लॉट संख्या 379 में 12 डीसमील, ढोरी के मकोली सीआइएसएफ कैंप के पीछे प्लॉट संख्या 3021 में 30 डीसमील, मकोली मोड़ के समीप प्लॉट संख्या 3021 में 1.25 एकड़ जमीन में वेडिंग जोन अंडर एनयूएलएम का निर्माण करना था. वहीं कारो के खाता संख्या 1 व प्लॉट संख्या 386 में 8 डीसमील, ढोरी के खाता संख्या 131 व प्लॉट संख्या 3021 में 10 डीसमील, फुसरो के खाता संख्या 1 व प्लॉट संख्या 83 में 8 डीसमील ढोरी के खाता संख्या 131 व प्लॉट संख्या 2468 में 8 डीसमील जमीन पर स्लाउटर हाउस का निर्माण होना था. लेकिन यह योजनाएं भी ठंड बस्ते में चली गयी हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है