Bokaro News : डायरिया प्रभावितों को देखने पिपराबेड़ा गांव पहुंचे सीएस
Bokaro News : बोकारो जिले के गांवों में लगातार फैल रहे डायरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है.
Bokaro News : चास प्रखंड के कालापत्थर पंचायत का पिपराबेड़ा गांव व पिंड्राजोरा स्थित गोपालपुर पंचायत के आगरदाहा गांव में पिछले दो दिनों (शनिवार व रविवार) से डायरिया फैला हुआ है. आगरदाहा गांव में आधा दर्जन से अधिक व पिपराबेड़ा में 13 से अधिक विभिन्न उम्र के ग्रामीण डायरिया की चपेट में हैं. रविवार की सुबह दोनों गांवों के प्रभावित ग्रामीणों से सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण टीम चास पीएचसी प्रभारी डॉ अनिल कुमार व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मिले. सभी ग्रामीणों की स्थिति सामान्य मिली.
सीएस डॉ प्रसाद ने डायरिया प्रभावित मरीज की खुद जांच की. जरूरी दवा भी लिखी. पिपराबेड़ा गांव के दो-तीन लोगों की स्थिति को देखते हुए सदर अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया. सीएस डॉ प्रसाद के अनुसार गांव में स्थिति सामान्य है. आगरदाहा में खेत की छोटी मछली खाने के बाद डायरिया की स्थिति उत्पन्न हुई. जबकि पिपराबेड़ा में दूषित जल का प्रयोग डायरिया का कारण बना है. डायरिया का प्रभाव खत्म होने तक दोनों गांवों में स्वास्थ्यकर्मी की टीम तैनात रहेगी.सिविल सर्जन डॉ प्रसाद ने जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को डायरिया को लेकर अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. साथ ही सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में स्लाइन सहित जरूरी दवा रखने की बात कही है. ताकि जरूरत के अनुसार तुरंत प्रभावित व्यक्ति को डायरिया से राहत पहुंचायी जा सके. दोनों जगहों पर सीएस डॉ प्रसाद ने एमओ आइसी डॉ कुमार को सभी तरह की जरूरी दवा व ओआरएस का वितरण करने का निर्देश भी दिया है. डॉ कुमार ने मौके पर वितरण कराया.
कालापत्थर पंचायत का पिपराबेड़ा गांव जाने के लिए सिविल सर्जन को गांव के बाहर ही वाहन छोड़ना पडा. पगडंडी पर पैदल चलने के बाद तालाब भी पार करना पड़ा. इसके बाद गांव में प्रवेश कर पाये. तालाब का पानी भी दूषित मिला. तालाब में ब्लीचिंग पाऊडर छिड़काव करने का निर्देश भी सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को दिया. ताकि मरीज को डायरिया के साथ-साथ मच्छरजनित बीमारियों का सामना नहीं करना पड़े.सीएस ने कहा :
सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने कहा कि डायरिया रोकथाम के सभी उपाय कर दिये गये है. सभी नियंत्रण में है. गांव में डायरिया का प्रकोप प्रदूषित जल व दूषित मछली का उपयोग मुख्य कारण है. सभी को सचेत रहने की जरूरत है. जरूरत पड़ने पर अस्पताल से संपर्क करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है