सीटीपीएस : पुराने प्लांट का अस्तित्व समाप्त
सीटीपीएस : पुराने प्लांट का अस्तित्व समाप्त
चंद्रपुरा. वर्ष 2017 तक बिजली उत्पादन करने वाले चंद्रपुरा थर्मल के पुराने प्लांट का अस्तित्व प्लांट कटिंग के साथ समाप्त हो गया है. हाल के दिनों में प्लांट के मुख्य स्ट्रक्चर को हटा दिया गया है. बॉयलर टरबाइन, इएसपी, सीएचपी, एएचपी, चिमनी आदि की कटिंग कर संवेदक उसकी बिक्री की जा चुकी है. यह काम पिछले 15 महीनों से मेसर्स चिनार स्टील नामक कंपनी कर रही थी. पिछले सप्ताह ही इसकी चार चिमनियों को हटाया गया था. मुख्य स्ट्रक्चर भले ही हटा दिया गया, मगर पुराने प्लांट का कुछ कॉमन विभाग इसलिए रखा गया है, क्योंकि इसे नये प्लांट से जोड़ा गया है. टीएससी, स्टोर सहित पानी से संबंधित विभाग पुराने प्लांट में यथावत है. मालूम हो कि साठ से अस्सी के दशक में बने यहां की छह यूनिटों की उत्पादन क्षमता एक समय 780 मेगावाट थी. निर्धारित समय सीमा पूरा करने व पर्यावरण मानकों को देखते हुए सीइए ने पुरानी तीन यूनिटों को एक-एक कर रिटायर घोषित किया. प्लांट की सबसे पुरानी यूनिट एक व दो नंबर को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने वर्ष 2018 में रिटायर घोषित किया था. तीन नंबर यूनिट को नवंबर 2020 में रिटायर किया गया. चार, पांच व छह नंबर यूनिट वर्ष 1995 से 2004 के बीच रिटायर घोषित हो चुकी थी. एक्सपर्ट बताते हैं कि चंद्रपुरा थर्मल की एक दो व तीन नंबर यूनिट अक्टूबर 1964 से 1968 के बीच कमिश्निंग हुई और डीवीसी के लिए लाभदायक रही. 130-130 मेगावाट वाली इन यूनिटों की खासियत थी कि लाइटअप होने के कुछ घंटे में ही विद्युत उत्पादन किया जा सकता था. इसका टरबाइन रिहिट साइकिल पर काम करता था.