विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा : डीवीसी की वर्तमान में बिजली उत्पादन क्षमता सात हजार मेगावाट से अधिक है. आने वाले समय में इसे 15 हजार मेगावाट करने की योजना है. आने वाले समय में डीवीसी थर्मल व पानी के अलावा सोलर व पंप स्टोरेज से भी बिजली का उत्पादन करेगी. अब नये पावर प्लांट ग्रीन फील्ड में नहीं लगाया जायेगा, बल्कि ब्राउन फील्ड यानि जहां प्लांट बंद हुए है उसी में नया प्लांट लगाने की योजना है.
डीवीसी का चंद्रपुरा थर्मल प्लांट बेहतर उत्पादन कर रहा है. इसकी यूनिटें अधिकतम पीएलएफ पर चलती हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 में विद्युत उत्पादन में इस प्लांट ने सेंट्रल सेक्टर के थर्मल प्लांटों में दसवां स्थान प्राप्त किया है. पिछले वर्ष इसने कई रिकाॅर्ड भी बनाये हैं. एक वर्ष से चंद्रपुरा थर्मल के पुराने प्लांट को हटाने का काम किया जा रहा है. काम अंतिम चरण में है. आने वाले समय में पुराने प्लांट की जगह नया प्लांट लगाने की योजना डीवीसी प्रबंधन की है. इसके लिए यहां टोपोग्राफिकल सर्वे भी किया जा चुका है. वर्तमान में चंद्रपुरा के नये पावर प्लांट की दो यूनिटों की क्षमता 500 मेगावाट है और इससे पिछले 14 वर्षों से बिजली उत्पादन किया जा रहा है. आने वाले समय में यहां एफजीडी प्लांट भी लगेगा. प्लांट से सटे वाटर रिजर्वायर में फ्लोटिंग सोलर प्लांट से 10 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की प्रक्रिया चल रही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में थर्मल प्लांट से 4़18 लाख मीट्रिक टन ड्राइ फ्लाई ऐश उठायी गयी, जो एक वित्तीय वर्ष में अब तक की सबसे अधिक है. ऐश पौंड से इसी वित्तीय वर्ष में 8़79 लाख मीट्रिक टन ऐश उठायी गयी़ फरवरी 24 में रिकाॅर्ड 49002 मीट्रिक टन ड्राई फ्लाई ऐश उठायी गयी़ खेल के क्षेत्र में भी चंद्रपुरा थर्मल के खिलाडि़यों ने कई पुरस्कार जीते हैं. चंद्रपुरा में फरवरी 24 में आयोजित डीवीसी ऑल वेली कबड्डी प्रतियोगिता में यहां की टीम विजेता रही. 13वीं अंतर सीपीएसयू एथलेटिक्स प्रतियोगिता में यहां की मंटू कुमारी राय ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड व शॉटपूट में ब्राॅन्ज मेडल जीता. रश्मि साहू ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर जीता.सीइआरसी के तय मानकों पर खरा उतरा है चंद्रपुरा प्लांट : एचओपी
प्लांट के वरीय महाप्रबंधक सह परियोजना प्रधान मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट सीइआरसी द्वारा तय मानकों पर खरा उतरा है. प्लांट का पीएलएफ 85 प्रतिशत से उपर रहा है. पिछले और इस साल प्लांट ने बेहतर प्रदर्शन किया. ड्राई फ्लाई ऐश के उपयोग में आशातित बढ़ोतरी हुई है. ऐश पौंड में सफलता पूर्वक पानी की मात्रा को कम किया गया है, जिससे पौंड का लोड कम हुआ. यूनिट को चलाने के लिए प्लांट में पर्याप्त कोयला है. पिछले साल प्लांट की सात नंबर यूनिट लगातार नौ महीना बिना ट्यूब लिकेज के चली है, जो रिकाॅर्ड है. चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन के आसपास के क्षेत्र में सीएसआर के तहत विकास के कई कार्य हुए हैं.डीवीसी : स्थापना से अब तक की गतिविधियां1948: डीवीसी अस्तित्व में आयी
1949: हजारीबाग में भू संरक्षण विभाग की स्थापना1951: डीवीसी बेरमो माइंस से कोयला खनन शुरू
1953: तिलैया में डीवीसी का पहला बांध व बोकारो थर्मल में पहला प्लांट 1955: कोनार नदी पर बांध1957: मैथन में बराकर नदी पर तीसरा बांध बना
1959: पंचेत में बांध का निर्माण1957: मैथन में पहला अंडरग्राउंंड हाइडेल की स्थापना
1963: चंद्रपुरा थर्मल में देश का पहला रिहीट पावर प्लांट की स्थापना2011 से 23 तक : कोडरमा, रघुनाथपुर व दुर्गापुर में ग्रीनफील्ड परियोजना की स्थापना
2018: बांग्लादेश को शुरू की बिजली आपूर्ति2023: तुबेद कोल माइंस से कोयला उत्पादन शुरू
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