आकर्षक ही नहीं, खतरनाक भी हैं दामोदर नदी के कई तट

बरवाघाट में पानी का स्तर बढ़ने से डूबने से बचे थे चार युवक

By Prabhat Khabar Print | July 5, 2024 12:21 AM

विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा.

चंद्रपुरा में दामोदर नदी के बोकारो दिशा की ओर बना बरवाघाट तट इन दिनों में सुर्खियों में बना हुआ है. पिछले चार महीनों से यहां कई शहरों से काफी संख्या में युवा भारी गर्मी में आकर घंटों नदी के पानी का आनंद उठा चुके हैं. यहां के फोटो व वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल कर चुके हैं. हालांकि नदी में यह जगह खतरनाक भी है. यहां कई मौत की घटनाएं घट चुकी हैं. यहां पानी बढ़ने व अनुमान नहीं लगा पाने की स्थिति में बीच नदी युवकों के फंसने की घटनाएं भी हो चुकी है. रविवार को ही बोकारो से आये चार युवक अचानक नदी में बढ़े पानी व अनुमान नहीं लगने से डूबने लगे. पानी में डूबते युवकों को स्थानीय ग्रामीणों व गोताखोरों ने बाहर निकाला.

नदी के बीच बने चबूतरे से छलांग लगाना हो

सकता है खतरनाक :

बता दें कि यहां आने वाले युवा नदी के बीचों बीच बने चबूतरे पर खड़े होकर 20 फीट नीचे पानी में छलांग लगाते हैं, जो जानलेवा है. प्रभात खबर ने 11 जून को ही प्रकाशित अपनी खबर में लोगों को इसे लेकर आगाह भी किया था. ज्ञात हो कि सात साल पहले पश्चिमपल्ली का एक युवक अपने दोस्तों के साथ बरवाघाट में नहाने गया, जहां उसने दक्षिणी दिशा में बने चबूतरे से नदी में छलांग लगायी और बाहर नहीं निकला. दूसरे दिन गोताखोरों ने उसकी लाश निकाली. जिस जगह लोग छलांग लगाते हैं, वहां पानी के अंदर बड़ी-बड़ी चट्टान भी है. यहां घटी घटनाओं के बाद ही डीवीसी की चंद्रपुरा प्रबंधन ने नदी के उत्तरी दिशा में एक चेतावनी बोर्ड लगा रखा है, जिसमें नदी में नहीं उतरने की सलाह दी गयी है. मगर इस चेतावनी की अनदेखी कर काफी संख्या में लोग नदी में उतर रहे हैं. बता दें कि 15 साल पहले डीवीसी ने दामोदर नदी में बांध (बिअर) बनाया था. दामोदर नदी के बीचों बीच पानी को रोकने के लिए एक छोर से दूसरे छोर तक ढलाई की गयी.

राजाबेड़ा व सोनाडाली तट में भी हो चुकी हैं कई मौतें :

भंडारीदह-चंद्रपुरा के बीच दामोदर नदी के कई तट मौतों का गवाह बना है. सोनाडाली, राजाबेड़ा, चंद्रपुरा प्लांट तट में हरियाली से भरे व बड़े-बड़े पत्थरों व चट्टानों वाली दामोदर नदी बरबस लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. नहाने के लिए यहां आनेवाले दर्जनों लोग काल के शिकार भी हो चुके हैं. तीन दशक पूर्व राजाबेड़ा में इस नदी में नहाने आये आइएसएम धनबाद के दो छात्रों की दुखद मौत हो गयी थी. 14 अगस्त 2012 को राजाबेड़ा में चट्टान पर बैठ कर बात करता एक प्रेमी जोड़ा देखते-देखते अचानक आये नदी के बहाव में बह गया. कई दिनों बाद उनकी लाश मिली. सोनाडाली घाट में भी डूबने की घटनाएं घट चुकी हैं. चंद्रपुरा प्लांट के पास भी इस नदी ने कई युवकों को अपनी आगोश में लिया है. खासकर बरसात के दिनों में इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती हैं. बताया जाता है कि ऊपर से नदी की गहराई व उसका बहाव का पता नहीं चल पाता है, जिस कारण लोग खतरे से बेखबर नदी में उतर जाते हैं और डूबकर अपनी जान गंवा देते हैं. डूबने की कई घटनाओं के बाद प्रशासन ने राजाबेड़ा के नजदीक कई जगहों पर नदी में नहीं उतरने की चेतावनी संबंधी नोटिस भी लगा रखा है, मगर कम ही लोग इस पर ध्यान देते हैं.

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