यूपी के औरेया सड़क हादसे में मारे गये 11 मजदूरों का शव पहुंचा बोकारो, गांव में पसना सन्नाटा, महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल

उत्तर प्रदेश के औरैया में हुई भीषण सड़क दुर्घटना में बोकारो के 11 प्रवासी मजदूरों का शव दोपहर करीब 2:45 बजे गोपालपुर और खीराबेड़ा गांव पहुंचा. शवों को देखकर चारों तरफ चीख-पुकार मच गयी. इस हृदयविदारक दृश्य को देखने वाले हर आंख में आंसू थे. किसी ने अपना बेटा खोया, तो किसी ने भाई, पिता और पति को खो दिया. गांव में बोकारो के विधायक बिरंचि नारायण समेत काफी संख्या में पुलिस-प्रशासन मौजूद हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2020 4:59 PM
an image

बोकारो : उत्तर प्रदेश के औरैया में हुई भीषण सड़क दुर्घटना में बोकारो के 11 प्रवासी मजदूरों का शव दोपहर करीब 2:45 बजे गोपालपुर और खीराबेड़ा गांव पहुंचा. शवों को देखकर चारों तरफ चीख-पुकार मच गयी. इस हृदयविदारक दृश्य को देखने वाले हर आंख में आंसू थे. किसी ने अपना बेटा खोया, तो किसी ने भाई, पिता और पति को खो दिया. गांव में बोकारो के विधायक बिरंचि नारायण समेत काफी संख्या में पुलिस-प्रशासन मौजूद हैं.

Also Read: Coronavirus in Jharkhand: औरैया सड़क हादसे में झारखंड के मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपये देगी हेमंत सरकार

11 मजदूरों का शव गांव आने से पहले बोकारो स्थित चास के आईटीआई मोड़ के पास पहुंचा. इन शवों को सेनिटाइज किया गया. इसके बाद सभी शवों को सम्मानपूर्वक चास प्रखंड के गोपालपुर पंचायत अंतर्गत गोपालपुर, खीराबेड़ा और बाबूडीह भेजा गया. आपको बता दें कि गोपालपुर के 5 मजदूर, खीराबेड़ा के 5 मजदूर और बाबूडीह के एक मजदूर की मौत यूपी के औरेया सड़क हादसा में हुइ थी. शवों के बोकारो पहुंचने और फिर यहां से उनके गांव तक भेजने के दौरान जिला के उप विकास आयुक्त (DDC) समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

गांव में शव के पहुंचते ही चीख-पुकार मच गयी. हर तरफ रोने की ही आवाज आ रही थी. जिन्होंने अपना बेटा, भाई, पिता और पति को खो दिया, उनके दुखों को शब्दों में ब्यां करना मुश्किल है. तीन दिन पहले तक इन्हें लग रहा था कि उनके अपने किसी भी तरह लौट कर अपने घर आ रहे हैं, लेकिन उनके दुर्घटना में मारे जाने की खबर आने से उनके सामने दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा. महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल है. गांव की अन्य महिलाएं उन्हें संभालने की कोशिश कर रही है, लेकिन स्थिति इतनी हृदयविदारक है कि इन महिलाएं भी अपनी आंसू रोक नहीं पा रही है.

Also Read: कौन है सोनोति सोरेन, जिसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत ने झारखंड पुलिस को दिया यह निर्देश

गांव में 11 शवों के आने पर बोकारो के विधायक बिरंचि नारायण समेत काफी संख्या में पुलिस-प्रशासन भी यहां मौजूद हैं. विधायक बिरंचि नारायण मृतक के परिजनों को संत्वाना देते हुए उनके दु:खों में शरीक हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना से सभी मर्माहत हैं. हमारी कोशिश है कि मृतक के परिजनों को यथासंभव सहयोग किया जाये.

11 मृतकों में पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव निवासी राहुल सहिस (19), उत्तम गोस्वामी (22), सोमनाथ गोस्वामी (19), राजा जेलर गोस्वामी (22), चक्रधर महतो (25), रंजन कालिंदी (22), किरीटी कालिंदी (37), मनोरथ महतो (55), कनिलाल महतो (50) गोवर्धन कालिंदी (23) और बाबूडीह निवासी डॉक्टर महतो शामिल हैं. वहीं, घायलों में खेराबेरा गांव निवासी योगेश कालिंदी, निरोध कालिंदी, उमेश कालिंदी, विकास कालिंदी, गोपालपुर निवासी धनंजय कालिंदी व शंभु महतो शामिल हैं.

Also Read: सुरक्षित लौट रहे प्रवासी मजदूर, लौटने वाले 1.34 लाख में से सिर्फ 82 ही संक्रमित

रविवार को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 11 मृतक के परिजनों को झारखंड सरकार द्वारा 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी. वहीं, घायलों के इलाज के लिए 50-50 हजार रुपये दिये जायेंगे. साथ ही घायलों का समुचित इलाज हो, इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से करने की बातें कही थी.

Exit mobile version