सेवानिवृत्त कर्मियों को लाइसेंस पर दिये गये क्वार्टरों के लिए नये मासिक किराया की मांग
फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड सेल इंप्लयाज के महामंत्री ने बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज को लिखा पत्र
बोकारो. फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड सेल इंप्लयाज (फोर्स) के महामंत्री राम आगर सिंह ने बोकारो स्टील प्लांट के डायरेक्टर इंचार्ज बीके तिवारी को पत्र लिखकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाइसेंस के आधार पर उपलब्ध कराये गये क्वार्टरों के लिए नया मासिक किराया के निर्धारण पर विचार करने व सी और डी टाइप के क्वार्टरों के लाइसेंस पर विचार करने का अनुरोध किया है.
श्री सिंह ने कहा कि बीएसएल की ओर से उपलब्ध कराये गये लाइसेंस प्राप्त आवासों में रहने वाले सेवानिवृत्त लोगों की तीन श्रेणियां हैं. उनकी भुगतान क्षमता को देखते हुए कम से कम दो श्रेणियां हैं : एक जो जनवरी 2007 के वेतन संशोधन से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं और दूसरे वो जो एक जो जनवरी 2012 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं. जो कर्मचारी 2007 से पहले सेवानिवृत्त हुए थे, उन्हें ग्रेच्युटी के रूप में 3.5 लाख रुपये और कुल मिलाकर लगभग छह लाख रुपये मिले थे, क्योंकि उन दिनों वेतन बहुत कम था और वास्तविक वेतन वृद्धि 2012 के वेज रिवीजन और उसके बाद हुई है. श्री सिंह ने बताया : उक्त दो श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले अधिकांश सेवानिवृत्त कर्मचारी गंभीर वित्तीय संकट में जी रहे हैं. लाइसेंसधारी क्वार्टरों को सरेंडर करने की दर दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. श्री सिंह ने कहा कि फोर्स का मानना है कि उक्त क्वार्टरों का एक तरफ आवासों का रख-रखाव लाइसेंस धारियों द्वारा किया जाता है और दूसरी तरफ बीएसएल को कुछ धन अर्जित करने में भी मदद मिलती है. साथ हीं, उन क्वार्टरों को अतिक्रमण, कब्जे से बचाया जा रहा है, जिससे टाउनशिप क्षेत्रों में गैर-कानूनी गतिविधियों को कम करने सहित कानून और व्यवस्था बनाये रखने में मदद मिलती है. यूनियन का मानना है कि भुगतान क्षमताओं के आधार पर किराया निर्धारण की 2 या 3 श्रेणियों पर विचार किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है