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Dev Uthani Ekadashi 2020 : देवोत्थान एकादशी कल, शुरू होंगे मांगलिक कार्य, जानिए कैसे भगवान विष्णु को कर सकते हैं प्रसन्न

Dev Uthani Ekadashi 2020 : रांची : देवोत्थान एकादशी कल (बुधवार) है. 25 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इसे देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयन करते हैं और इसी दिन से चातुर्मास शुरू होता है. वर्ष 2020 में एक जुलाई से चातुर्मास शुरू हुआ था. कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के विश्राम करने का समय पूरा हो जाता है. इनके जगने के साथ ही चातुर्मास खत्म हो जाता है और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2020 8:57 AM
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Dev Uthani Ekadashi 2020 : रांची : देवोत्थान एकादशी कल (बुधवार) है. 25 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इसे देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयन करते हैं और इसी दिन से चातुर्मास शुरू होता है. वर्ष 2020 में एक जुलाई से चातुर्मास शुरू हुआ था. कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के विश्राम करने का समय पूरा हो जाता है. इनके जगने के साथ ही चातुर्मास खत्म हो जाता है और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.

चातुर्मास यानी चार माह. भगवान विष्णु का शयन काल चार माह का होता है. इसीलिए इसे चातुर्मास कहा जाता है. आपको बता दें कि चातुर्मास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. यही वजह है कि इन चार महीनों में विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं. देवोत्थान यानी देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु जगते हैं और इसी के साथ मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.

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देवोत्थान एकादशी 25 नवंबर 2020 को है. दिन बुधवार है. इस दिन 02:42 बजे से ये शुरू हो रही है और 26 नवंबर 2020 (गुरुवार) को शाम 05:10 पर खत्म होगी. देवोत्थान एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. गन्नों से बनाए गए मंडप के नीचे रखकर इनकी पूजा की जाती है. मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर आदि फलों को चढ़ाया जाता है. देवोत्थान एकादशी के दिन ही तुलसी विवाह है. तुलसी माता को मेहंदी, मौली धागा, फूल, चंदन, सिंदूर, सुहाग के सामान की वस्तुएं, अक्षत, मिष्ठान और पूजन सामग्री चढ़ाकर पूजा की जाती है.

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देवोत्थान एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. श्रद्धालुओं को शंख में गंगाजल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है. मान्यता है कि इस दिन उपवास रखना चाहिए. ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में चावल और नमक नहीं खायें.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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