बोकारो के विकास को लगेगा पंख, टेक्निकल हब के रूप में होगा विकसित
बोकारो के विकास में औद्योगिक पंख लगने की उम्मीद है. जिला में लगभग 20 करोड़ की लागत से सॉफ्टवेयर पार्क की योजना को धरातल पर उतरना है. बोकारो जिला में चार पावर प्लांट चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन, बोकारो थर्मल पावर स्टेशन, तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन व बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्लांट हैं.
बोकारो, सुनील तिवारी/सीपी सिंह : सेल की इकाई बीएसएल समेत विभिन्न उद्योगों के कारण बोकारो को औद्योगिक नगर कहा जाता है. बोकारो जिला में सेल, कोल इंडिया, डीवीसी, ओएनजीसी पीएसयू की भरमार है. बोकारो में वेदांता इलेक्ट्रोस्टील प्लांट, ओएनजीसी व बालीडीह में डालमिया सीमेंट फैक्ट्री, बीपीएससीएल का बॉटलिंग प्लांट की स्थापना झारखंड राज्य निर्माण के बाद हुआ, लेकिन बोकारो का कदम यहीं रुकने वाला नहीं है. आने वाले समय में बोकारो के विकास का रोडमैप में कई योजनाओं का नाम जुड़ने वाला है. ऐसा विकास जो बोकारो को आइटी हब के साथ टेक्निकल हब के रूप में भी स्थापित करेगा.
बोकारो को लेकर हैं कई योजनाएं
बोकारो को लेकर केंद्र सरकार व राज्य सरकार के पास कई योजनाएं हैं. बेरमो अनुमंडल के जरीडीह प्रखंड में 200 करोड़ की लागत से टेक्नोलॉजी सेंटर सह टूल्स रूम बनाने का रास्ता साफ हुआ है. झारखंड सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी में बोकारो को तरजीह दी गयी है. डीवीसी की ओर से लुगू पहाड़ी पर पनबिजली परियोजना लगाने के लिए सर्वे काम भी किया गया है. मतलब, आने वाले सालों में बोकारो के विकास में औद्योगिक पंख लगने की उम्मीद है. जिला में लगभग 20 करोड़ की लागत से सॉफ्टवेयर पार्क की योजना को धरातल पर उतरना है.
इस साल के अंत तक बिजली समस्या का निदान
बोकारो जिला में चार पावर प्लांट चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन, बोकारो थर्मल पावर स्टेशन, तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन व बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्लांट हैं. जैनामोड़ व बरमसिया में पावर ग्रिड बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. यहां से साल के अंत तक बिजली वितरण की शुरुआत होने की संभावना है. उम्मीद है कि चास-बोकारो समेत ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या का निदान इन दो पावरग्रिड से सप्लाई होने से हो जायेगा.
भारत माला प्रोजेक्ट से बदलेगी तस्वीर
उधर, तलगड़िया-तुपकाडीह रेलखंड में स्टेशन का निर्माण काम चल रहा है. राज्य निर्माण के बाद से बोकारो में स्पष्ट तौर से विकास सड़क के मामले में दिखता है. रामगढ़-बोकारो एनएच-23 व चास- गोविंदपुर एनएच-32 के फोरलेन बनने से विकास की गति तेज हुई है. अभी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बोकारो को शामिल किया गया है. इससे निश्चित रूप से बोकारो की तस्वीर बदलेगी.
पर्यावरण का भी रखा जायेगा ख्याल
इसी तरह गरगा नदी में चास-बोकारो को जोड़ने के लिए पुल का जाल भी बिछा है. चंद्रपुरा-बोकारो सड़क की सौगात मिली, भंडारीदह से तांतरी तक सीधी सड़क बनी, झुमरा व ऊपरघाट क्षेत्र में सड़क का जाल बिछा. दामोदर व गरगा नदियों के किनारे बसे नगर निगम व नगर परिषद में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना है.
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